इरफान अली लारी की रिपोर्ट
वेस्टर्न यूपी का शहर मेरठ में तीन साल पहले इश्क, मर्डर और धोखे की ऐसी वारदात सामने आई थी, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी।
एक शादीशुदा मुस्लिम युवती ने नाम बदलकर हिंदू लड़के से प्रेम किया। मामला दो धर्मों का था, बात बिगड़ सकती थी।
युवती ने खुद की झूठी हत्या की साजिश रची। लोगों को भ्रम में रखने के लिए अपनी एक सहेली को घर में बुलाकर जला दिया। पुलिस भी उसे मृत मान बैठी और युवती अपने प्रेमी के साथ रहने लगी। युवती प्रेग्नेंट हुई तो प्रेमी पर शादी करने का प्रेशर बनाया।
प्रेमी ने शादी करने से इनकार कर दिया क्योंकि युवती ने प्रेमी से भी झूठ बोला था कि वह हिंदू है। प्रेग्नेंट युवती फरियाद लेकर थाने गई तो उसकी पोल खुल गई। जिस सहेली की उसने धोखे से हत्या की थी, उसका राजफाश भी हो गया।
सरकारी वकील मुकेश कुमार मित्तल ने बताया कि मेरठ की अदालत ने धोखेबाज हत्यारिन युवती को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
प्रेमी से निशा बनकर मिलती रही दोस्त की कातिल अफसाना
मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र में रशीदनगर है। यहां किराये के मकान में रहने वाले अबरार अपनी बीवी अफसाना के साथ रहता था। उसके घर में दो अप्रैल 2019 को संदिग्ध हालत में आग लग गई।
आग बुझाई गई तो घर के अंदर से एक महिला की जली हुई लाश मिली। तब हर एक शख्स ने मान लिया कि अबरार की बीवी अफसाना अग्निकांड में जल गई है। घरवालों ने भी बुरी तरह से झुलसी लाश की पहचान अफसाना के तौर पर की।
किसी को कानोकान खबर नहीं हुई कि मरने वाली अफसाना नहीं, बल्कि दूसरी महिला जीनत है। रशीदनगर में रहने वाली जीनत से अफसाना की दोस्ती थी। उसने लंबी साजिश के तहत घर बुलाकर जीनत की जान ली थी।
अफसाना ने जीनत को नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश किया था, फिर मिनी सिलिंडर से घर में आग लगा दी थी। मगर यह राज सिर्फ 22 दिन तक ही राज बना रहा।
पुलिस ने इस केस में एक सतर्कता बरती थी कि शव का डीएनए सैंपल सुरक्षित रख लिया गया था। इस वारदात के बाद अफसाना प्रेमी प्रवीण के घर गोकुलपुरी में रहने लगी।
प्रवीण मेरठ में ही टैंपो चलाता था। दोनों के बीच काफी दिनों से नाजायज ताल्लुकात थे। अब अफसाना अपने प्रेमी प्रवीण के साथ घर बसाना चाहती थी। उसने प्रवीण को अपना नाम निशा और धर्म हिंदू बताया था। यह गलती उसे बाद में भारी पड़ गई।
हिंदू प्रेमी ने किया शादी से इनकार तब पहुंची महिला थाना
उधर, जीनत की अचानक गुमशुदगी से उसके घरवाले परेशान थे। जीनत के मायकेवालों को शक था कि उसके पति अशरफ ने गड़बड़ी की है। उन्होंने अशरफ के खिलाफ थाना लिसाड़ी गेट में अशरफ और उसके परिवार वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया।
पुलिस भी दहेज का मामला समझकर जीनत की तलाश करती रही। प्रेमी प्रवीण को निशा उर्फ अफसाना ने बताया कि वह प्रेग्नेंट है, इसलिए अब शादी कर लेनी चाहिए।
प्रवीण को पता चला कि निशा का असली नाम अफसाना है और वह मुस्लिम है। इस केस ने 24 अप्रैल 2019 को उस समय अचानक बड़ी करवट ली, जब प्रवीण ने शादी से इनकार कर दिया।
गुस्से में अफसाना मेरठ के महिला थाने में प्रवीण के खिलाफ प्रेम में धोखा और बहला-फुसलाकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। अपनी शिकायत में भी उसने अपना नाम निशा ही बताया।
पुलिस थाने में पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने निशा के चेहरे का मिलान अफसाना की तस्वीर से किया तो शक गहरा गया। चार दिन तक वह पुलिस को भी बरगलाती रही। पुलिस ने अफसाना की मां को थाने में बुलाकर पहचान कराई तो सच सामने आ गया।
चार साल बाद मिला जीनत को इंसाफ
28 अप्रैल को पुलिस ने निशा उर्फ अफसाना और उसके प्रेमी प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में अफसाना ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
उसने बताया कि जीनत की हत्या के बाद उसने मिनी सिलिंडर से घर में आग लगा दी थी। इसके बाद चुपके से गोकुलपुरी पहुंच गई थी। इसके बाद पुलिस ने जीनत की हत्या के साक्ष्य जुटाना शुरू किया।
जीनत के बेटी सोफिया का बयान भी काफी अहम रहा। सोफिया ने भी पुष्टि की थी कि दो अप्रैल को उसकी मां जीनत आखिरी बार अफसाना के साथ ही देखी गई थी।
इसके बाद करीब चार साल तक केस चला और जनवरी 2024 की शुरुआत में अदालत ने इंसाफ कर दिया। अब निशा उर्फ अफसाना की जिंदगी सलाखों के पीछे गुजरेगी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."