हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी विधायक के वायरल वीडियो से सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। परिवहन विभाग के अधिकारी ने विधायक समर्थक का चालान काटा तो विधायक जी अपना आपा खो बैठे। मौके पर पहुंच कर अधिकारी को मारने के लिए हाथ उठा दिया। इतना ही नहीं विधायक अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार भी किया। वायरल वीडियो में अपशब्दों का प्रयोग करते भी दिख रहे हैं। यह वायरल वीडियो अब सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सरकार से इस विधायक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सवाल किए जा रहे हैं।
दरअसल, कोटद्वार की लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक महंत दिलीप सिंह रावत का एक वीडियो आज सोशल मीडिया में वायरल वीडियो का पूरा मामला है।
वायरल वीडियो में विधायक दिलीप रावत एक अधिकारी को थप्पड़ दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी की विधायक से झड़प भी हो गई। मामला कोटद्वार का है, जहां परिवहन विभाग के अधिकारी हरिश्चंद्र सती अपनी टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान टीम ने भाजपा विधायक के समर्थन का चालान काट दिया। विधायक तक यह बात पहुंची तो वे गुस्से से तमतमाते हुए मौके पर ही पहुंच गए और अधिकारी को भला-बुरा कहते हुए मारने के लिए हाथ उठा दिया। इस दौरान अधिकारी से उनकी झड़प भी हो गई।
सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद विधायक रावत ने अपनी सफाई में कहा है कि परिवहन के अधिकारी लगातार लोगों को परेशान कर रहे हैं। यह अधिकारी अवैध वसूली कर रहा था जिसकी शिकायत उनको कई बार पहुंची। जिसके बाद भी मौके पर पहुंचे और उसे डांटा। इससे पहले भी इस अधिकारी की अवैध वसूली करने की शिकायत पाई गई थी जिस पर उसका ट्रांसफर कर दिया गया था लेकिन फिर ना जाने कौन से कारण से यह वापस यहां तैनाती पर आ गया।
विधायक का कहना है कि कोटद्वार में सिद्ध बली का मेला चल रहा है। यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। अधिकारी इन लोगों से अवैध वसूली कर रहा था। विधायक का आरोप है कि लोगों की शिकायत थी कि अधिकारी उनसे अभद्रता कर रहा है। शिकायत पर जब मौके पर पहुंचे तो अधिकारी ने उनसे भी अभद्रता की। उधर इस वीडियो के वायरल होने पर कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा है कि भाजपा विधायक द्वारा सड़क परिवहन विभाग के अधिकारी को सरे आम धमकाने वाला वीडियो शर्मनाक है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि का आचरण युवा पीढ़ी के लिए अनुसरणीय होता है लेकिन जब एक महंत ही इस तरह का व्यवहार करें तो युवा पीढ़ी को क्या संदेश देंगे। गरिमा का कहना है कि प्रदेश के मुखिया और भाजपा संगठन के मुखिया ने शुरुआती दौर में ही इन प्रकरणों को गंभीरता से लिया होता तो इस तरह की घटनाओं में इजाफा नहीं होता।
कांग्रेस ने कहा कि देहरादून में अंसल ग्रीन वैली में एक उद्योगपति के यहां एक मंत्री के इशारे पर पांच पार्षदों द्वारा हमला किया गया। वहीं शहरी विकास मंत्री ने ऋषिकेश में सरेआम एक व्यक्ति को पीट दिया गया जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था लेकिन भाजपा ने किसी भी स्तर पर इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया और ना ही कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की।
Author: samachar
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