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November 23, 2024 5:27 am

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50 हजार रुपए उधार के बदले सूदखोर द्वारा 8 लाख की जमीन हडपने से आहत किसान ने दी जान

15 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

गोरखपुर: उत्तरप्रदेश के संतकबीर नगर में सूदखोरों के मकड़ जाल में फंसे एक वृद्ध किसान ने मंदिर की छत की कुंडी में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों के तहरीर पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल दोनो आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। संत कबीर नगर के धनघटा थाना क्षेत्र निवासी 75 वर्षीय किसान छत्रपाल सिंह ने 6 महीने पहले घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे गांव के दो लोगों से 50 हजार रुपये ब्याज पर लिए थे।रुपये वापस न कर पाने पर दोनों सूदखोरों ने कुछ दिन पूर्व दवाब में लेकर उनके दो बिस्सा भूमि का बैनामा करा लिया था।

इसी बात से आहत होकर वृद्ध किसान ने शुक्रवार की सुबह आत्महत्या करने का फैसला कर लिया। गांव के ही एक मंदिर की छत के कुंडे से लटककर जान दे दी। घटना गौरापार गांव की है, उनके पास से मिले सुसाइड नोट में पड़ोस के गांव के दो लोगों पर ब्याज के पैसे चुकाने को लेकर लगातार प्रताड़ित करने की बात लिखी गई है। मृतक किसान के अनुसार जब उसकी जमीन को सूदखोरों द्वारा जबरन बैनामा करा लिया तो मन बहुत आहत था। बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने दोनों सूदखोरों के विरुद्ध किसान को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

उठा ले गए थे बुजुर्ग किसान को आरोपी

मृतक के पुत्र शैलेश सिंह के अनुसार घर की जरूरत को पूरा करने के लिए पिताजी ने दूसरे गांव के एक व्यक्ति से 30 हजार और दूसरे से 20 हजार रुपए उधार लिए थे। धीरे-धीरे ब्याज जोड़कर दोनों कुल एक लाख रुपए की मांग करने लगे। पैसा मांगने का दवाब बनाते हुए एक दिन वह पिताजी को घर से उठाकर ले गए और जान से मारने की धमकी भी दी। कुछ दिन बाद ही 27 अक्टूबर को उनकी जानकारी के जबरन भूमि का बैनामा करा लिया, जबकि वर्तमान में उस भूमि की कीमत लगभग 8 लाख रुपए है। पिताजी ने दो दिन पहले ही यह बात घर वालों को बताई थी। धनघटा के थाना प्रभारी पंकज पांडेय ने बताया कि दोनों आरोपित जय सिंह यादव और नरेंद्र यादव के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी हुई है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी कई घटनाएं

कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों द्वारा आत्महत्या के इसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। राजघाट थाना क्षेत्र में 3 फरवरी 2019 को एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने कर्ज के बोझ तले दबे होने के बाद आत्महत्या कर ली थी। ऐसा ही एक मामला नवंबर 2022 में गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित राप्ती नगर में घटा था, जहां एक दिव्यांग ने अपनी दो बेटियों सहित आत्महत्या कर सनसनी फैला दी थी। उस वक्त यह मामला बहुत ज्यादा चर्चा का विषय बना था, क्योंकि दोनों बेटियां बेहद मेधावी थी और पढ़ाई कर रही थी। कर्ज का बोझ और सूदखोरों की प्रताड़ना ने उन्हें अपना जीवन समाप्त करने पर मजबूर कर दिया था।

वहीं 4 फरवरी 2023 में गोला थाना क्षेत्र में हुई एक घटना ने सबको हिला दिया था, जहां परिवार के चार सदस्यों की घर में अधजली लाश मिलने के बाद सनसनी मच गई थी।

पुलिस की जांच में पता चला था कि परिवार के मुखिय ने ही सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी सहित बच्चों की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली।

कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24

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