ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म के खिलाफ बयान के मामले में अजय हैं। मौर्य ने अब एक बयान जारी कर रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को राष्ट्रीय स्टार्टअप अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 7 कट्टरपंथी समिति की स्थापना की निंदा की है।
जानिए, सोशल मीडिया पर क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य?
मिली जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया पर स्वामी ने कहा, ‘क्या एनसीईआरटी और सरकारी पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को शामिल करके सीता, शूद्रनखा और द्रौपदी जैसी महान महिलाओं की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देना चाहते हैं? “जबकी सीता की अग्नि परीक्षा से अग्नि परीक्षण के बाद भी शूद्रनखा ने अपने नाक और कान कटवा के लिए विवाह का प्रस्ताव रखा और द्रौपदी को निर्वस्त्र और अपमानित किया।”
दरअसल सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “यद्यपि कि आज वैसे ही बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा और महिला उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। कहीं दलित, आदिवासी, पिछड़े समाज के लोगों पर पेशाब करना, मल-मूत्र का लेपन करना और समय से फीस न जमा करने पर बच्चों की पिटाई कर मौत की नींद सुला देना। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि “कहीं महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटना के बाद हत्या कर लाश के टुकड़े-टुकड़े कर देना, कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसर में भी यदा-कदा छात्राएं अपमानित होने के फलस्वरूप आत्महत्या करने के लिए मजबूर होने की घटनाएं सामने आती रहती है।
देवियों के चीरहण को बढ़ावा?
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूछा कि क्या एनसीईआरटी और सरकार, रामायण-महाभारत को पाठयक्रम में शामिल कर सीता, शूर्पणखा-द्रोपदी जैसी महान देवियों को अग्नि परीक्षा के बाद भी परित्याग, वैवाहिक प्रस्ताव पर नाक-कान काटने की त्रास दी, द्रोपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीरहरण को बढ़ावा देना चाहती है? इसके साथ ही उन्होंने अपने पोस्ट के जरिए कहा कि एक ने भाई को भाई से लड़ाने का काम तो दूसरे ने भाईयों-भाईयों को आपस में लड़ाया। क्या सरकार पारिवारिक विद्यटन को और भी बढ़ावा देने की पक्षधर है।
राष्ट्र के महान वीरों को पढ़ा जाए
सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे लिखा कि यदि बात रही पाठ्यकम में देश के हीरो को पढ़ाने की तो वर्तमान राष्ट्र के महान वीर सपूतों, राष्ट्रनिर्माताओं और नायकों को NCERT पाठयक्रम में लाए। स्वामी ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोष, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, वीरांगना ऊदा देवी, चन्द्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां, पं. राम प्रसाद विस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, वीर ऊद्यम सिंह जैसे आदि महानायकों को शामिल किया जा सकता है। अब फिर से शंबूक का सिर और एकलव्य का अंगूठा न काटा जाए, इस बात को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."