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November 23, 2024 6:48 am

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पत्रकार के घर भीषण चोरी करने वाले पुलिस पकड़ से दूर

14 पाठकों ने अब तक पढा

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ। सूबे की राजधानी में इस समय चोर—उचक्को के इतने हौंसलाबुलन्द हो गये हैं कि भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती के बावजूद भी काफी सक्रिय हैं तभी तो लखनऊ के मान्यताप्राप्त पत्रकार राजीव जायसवाल के घर को चोर पूरी तरह से खंगाल दिये। वहीं हल्का पुलिस केवल हवा में तीर चलाती नजर आ रही है।

पुलिस चोरों को पकड़ने के लिये कुछ कर रही है या नहीं, यह तो पता नहीं लेकिन हां, पीड़ित से यह अवश्य कह रही है कि आप लोग अगल—बगल सीसी टीवी फुटेज देखिये, मोटरसाइकिल स्टैण्ड पर देखिये, कोई संदिग्ध दिखे तो बताइये। हास्यास्पद बात तो यह है कि अब पीड़ित अपना सब कुछ छोड़कर यह देखे।

फिलहाल एक जगह सीसीटीवी फुटेज देखने पर पुलिस को बताया गया तो वह सूचना देने के 3 दिन बाद टीवी फुटेज देखने आयी। इतना ही नहीं, कोतवाली पुलिस को दूरभाष के माध्यम से यह भी बताया गया कि क्षेत्र में एकाध ऐसे चोर हैं जो पूर्व में इस क्षेर में हुई चोरियों में पकड़े गये हैं लेकिन उसको भी ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में पीड़ित परिवार अब क्या करे? कहने का मतलब यह है कि वह सब कुछ भूल जाय या स्वयं चोरों की तलाश में जुट जाय।

बता दें कि लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार थाना क्षेत्र के अब्दुल कलाम आजाद टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय के पीछे मिर्जापुर के न्यू विहार कालोनी में रहने वाले मान्यताप्राप्त पत्रकार राजीव जायसवाल के घर चोरी हुई। चोरी तब हुई जब 30 अगस्त की शाम परिवार के सभी लोग रक्षाबंधन के बाबत राखी बांधने/बंधवाने अपने रिश्तेदारों के यहां चले गये। 1 सितम्बर की शाम पड़ोसी ने बताया कि आपके घर के मुख्य प्रवेश द्वार का ताला टूटा हुआ है। आने पर पता चला कि चोर ताला तोड़कर घर में घुसकर आलमारी में रखे लगभग 10 लाख रूपये के जेवर, नगदी, गैस सिलेण्डर और स्कूटी उठा ले गये। यह दृश्य देखकर गृहस्वामी राजीव जायसवाल, पत्नी पत्रकार रागिनी जायसवाल एवं पुत्र पत्रकार शुभम जायसवाल जहां बदहवास हो गये, वहीं शुभम की पत्नी आस्था जायसवाल जो लगभग डेढ़ साल पहले ही शादी होकर यहां आयी है, बेहोश होकर गिर गयी जिसकी तबियत बिगड़ने पर मायके वाले उसे अस्पताल ले गये। स्थिति यह है कि अभी भी उसकी तबियत ठीक नहीं है।

30/31 अगस्त या 31 अगस्त/1 सितम्बर की मध्य रात हुई चोरी को लेकर जहां परिजन परेशान होकर केवल रो रहे हैं, वहीं हल्का सिपाही, हल्का चौकी प्रभारी एवं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केवल यही कह रहे हैं कि आप लोग लगे रहिये। हम लोग भी अपने स्तर से लगे हैं। पुलिस का कहना है कि हमारी पूरी टीम लगी हुई है और शीघ्र ही अच्छा परिणाम देंगे। वहीं इस बाबत पीड़िता रागिनी जायसवाल ने कहा कि पुलिस कह रही है कि वह लगी है लेकिन कहीं कुछ दिख नहीं रहा है, क्योंकि चोरी के बाद से न अगल—बगल पुलिस की गश्त दिखी। सार्वजनिक स्थलों पर दिखने वाले संदिग्ध लोगों से न पूछताछ की गयी और न ही क्षेत्र में गम्भीर नशा करने वालों से पूछताछ की गयी। इतना ही नहीं, क्षेत्र में पूर्व में हुई चोरियों में पकड़े गये लोगों से भी पूछताछ नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि मेरे घर चोरी करने वाले भले ही अभी तक नहीं पकड़े गये हैं लेकिन यदि पुलिस चाह ले तो पूर्व में हुई चोरियों में पकड़े गये चोरों से पूछताछ तो अवश्य कर सकती है जिससे हो सकता है कि मेरे घर के चोर पकड़े जायं लेकिन पुलिस ऐसा कुछ नहीं कर रही है।

फिलहाल लाखों की सम्पत्ति एक झटके में चले जाने से दुखी पीड़ित परिवार अब केवल भगवान भरोसे है जो बस उम्मीद की टकटकी लगाये है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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