Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 5:25 am

लेटेस्ट न्यूज़

ये तीन खूंखार महिलाएं…13 बच्चों को अगवा किया और 10 बच्चों को दी खौफनाक मौत कि सुनकर लोग सहम जाएं

26 पाठकों ने अब तक पढा

टिक्कू आपचे की रिपोर्ट 

महिलाओं को नर्म दिल माना जाता है, खासकर जब बच्चों की बात आए, लेकिन ये कहानी इससे एकदम उलट है। पुणे की तीन खुंखार महिलाओं अपराधियों को कहानी जो रिश्ते में मां बेटियां थी। ऐसी तीन महिलाएं जिन्होंने ऐसे अपराध किए जिन्हें सुनकर भी दिल सहम जाता है। ये कौन थीं? क्यों ये बेरहमी बच्चों की मार रही थी? क्या हुआ इनके साथ ये सब आगे हम आपको बताएंगे पहले इनके किए कुछ जुर्म की रोंगटे खड़े कर देने वाले वो मामले जान लीजिए जहां इन तीनों ने मासूमों को तड़पा-तड़पा कर मार डाला।

10 बच्चों को तड़पा-तड़पा मारने वाली मां-बेटियां

  1. महज डेढ़ साल के संतोष नाम के एक बच्चे को इन तीनों ने किडनैप किया था। ये उस बच्चे के साथ एक बस स्टैंड पर खड़ीं थीं। छोटा बच्चा जोर-जोर से रो रहा था। ये उस बच्चे के रोने से इतनी नाराज हुई कि इन तीनों ने उस बच्चे थोड़ी दूरी पर ले जाकर उसके सिर को पास ही लोहे की रॉड पर पटक दिया। ये तब तक उस बच्चे का सिर पटकती रहीं जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इन्हें लगा कि अगर ये बच्चा इसी तरह चिल्लाएगा तो इनका राज खुल जाएगा।
  2. तीन साल का एक बच्चा इनकी कैद में था। ये उसको नर्क से भी बदतर जिंदगी दे रही थीं। इन्होंने इस बच्चे को पुणे से किडनैप किया था और उससे भीख मंगवा रहीं थी। इस बच्चे ने कुछ लोगों से ये बात शेयर की ताकि कोई उसे इन महिलाओं के आतंक से बचा सके, लेकिन ये बात तीनों मां बेटियों को पता चल गई। बस फिर क्या था इस बच्चे इन्होंने पंखे से उल्टा लटका दिया। काफी देर तक उसे ऐसे ही लटकाए रखा और जब वो बेहोश हो गया तो उसका सिर जमीन पर पटककर उसकी हत्या कर दी।
  3. इन मां-बेटियों ने 18 महीने के एक मासूम की पहले गला दबाकर हत्या की। उसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए इन्होंने उस नन्हे बच्चे को एक बैग में भर दिया। उस बैग को ये एक मॉल के टॉयलेट में रख आई। बाद में मॉल के स्टाफ ने जब वो बैग खोलकर देखा तो नन्हें बच्चे की लाश देखकर चौंक गए।

पुणे में मां-बेटियों की तिकड़ी ने सालों तक फैलाई दहशत

ये तीन कहानियां तो इन मां बेटियों की जुर्म की दास्ता का महज एक ट्रेलर हैं। इन तीनों खतरनाक महिलाओं के नाम थे अंजनीबाई गवित और उसकी दो बेटियां रेणुका गवित और सीमा गवित। नब्बे के दशक में इन तीनों ने पुणे में ऐसी दहशत फैलाई की लोग अपने बच्चों को बाहर खेलने भेजने से डरने लगे। अंजनीबाई को उसका पति छोड़ चुका था और वो अपनी दो बेटियों के साथ रहती थी। घर का गुजारा चलाने के लिए ये तीनों छोटी-मोटी चोरियां करने लगे। अंजनी की बेटी सीमा शादी शुदा थी और उसका एक बच्चा भी था। वो धीरे-धीरे अपने बेटे से भी चोरियां करवाने लगी। इन्हें लगा कि अगर बच्चे से चोरी करवाएं तो कोई इन्हें कुछ नहीं कहता। बस इसी बात ने इनके दिमाग में जन्म लिया एक खतरनाक प्लानिंग ने।

बच्चों की किडनैप करती और फिर ले लेती जान

ये शहर के बच्चों को किडनैप करने लगीं। जहां बच्चों को अकेला खेलता देखती ये उन्हें उठा लेती और फिर उनसे अपराध करवाती। कभी बच्चों को गोद में रखकर चोरियां करतीं तो कभी बच्चों से भीख मंगवाती। इस तरह इन्होंने 13 बच्चों को किडनैप किया। इनका इससे भी खतरनाक खेल तब शुरू हुआ जब बच्चों की पहचान होने लगी। इन्हें लगा कि ज्यादा दिन तक एक बच्चे से ज्यादा अपराध नहीं करवाए जा सकते। बस ये एक-एक कर बच्चों की हत्याएं करने लगीं। कुछ दिन उनसे चोरियां करवाती और फिर उन्हें हमेशा के लिए मौत दे देती। 6 साल तक ये ऐसे ही बच्चों के कत्ल करतीं रहीं।

अपनी सौतन की बेटी की भी की हत्या

अंजनीबाई के पति ने इससे अलग होने के बाद एक दूसरी महिला से शादी कर ली थी। अंजनीबाई ने उस महिला के बच्ची को भी किडनैप कर लिया और नफरत में उसका भी कत्ल कर दिया था। उस महिला ने ही पुलिस में अंजनीबाई के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। उस केस की जांच शुरू हुई तो फिर एक एककर सारे राज खुलते चले गए। इन तीनों के जुर्म की पूरी किताब पुलिस के सामने थी।

बेटियों को फांसी की सजा मिली, मां की जेल में हुई मौत

इन तीनों पर पहले भी दर्जनों केस दर्ज थे, लेकिन पहले पुलिस इन तक पहुंच ही नहीं पाई। इस केस बाद तीनों को गिरफ्तार किया गया। साल 1997 में जेल के अंदर ही अंजनीबाई की मौत हो गई। दोनों बहनों रेणुका और सीमा गवित को साल 2001 में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा, लेकिन साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। ये दोनों पुणे की यरवदा जेल में बंद हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़