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19 January 2025 8:44 pm

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जीत की जिद ऐसी हो तो कामयाबी चूमेगी पैर ; यूपीएससी परीक्षा में सफल रही ये बच्चियां सबको कर रहीं हैं प्रेरित 

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

हापुड़/लोनी: उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता अर्जित कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस क्रम में पिलखुवा की आशना चौधरी और लोनी की महिमा कसाना ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफलता हासिल की है। आशना 116वीं रैंक पर रहीं, जबकि महिमा 141वीं रैंक हासिल की। डिग्री कॉलेज के प्रफेसर की बेटी आशना ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से बीए ऑनर्स किया है। उन्हें तीसरे प्रयास में सफलता मिली। शिक्षक दंपती की बेटी महिमा ने जेएनयू से एमए करने के बाद UPSC एग्ज़ाम की तैयारी शुरू की थी। दोनों ने सफलता का मंत्र क्वांटिटी नहीं, क्वॉलिटी स्टडी को दिया।

यूट्यूब और ऑनलाइन क्लास से की तैयारी

पिलखुवा के एसएसवी कॉलेज के प्रफेसर डॉ. अजीत सिंह की बेटी आशना चौधरी ने बताया कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई गाजियाबाद के एक निजी स्कूल से की थी। इसके बाद दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से बीए ऑनर्स किया। बीए की पढ़ाई पूरी होने के बाद सिविल सर्विसेज के एग्जाम की तैयारी शुरू की। आशना को तीसरे प्रयास में सफलता मिली। उन्होंने बताया कि यूट्यूब और ऑनलाइन क्लास की मदद से तैयारी की। जो टॉपिक्स समझ में नहीं आए, उन्हें यूट्यूब की मदद से पढ़ने की कोशिश की।

सिविल सेवा में आने की कैसे सोची? इस सवाल पर आशना ने कहा कि अकसर अधिकारियों का आम लोगों के प्रति रूखा व्यवहार उन्हें परेशान करता था। अफसरों को जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे हैं कि लोगों की दिक्कत नहीं समझते। उन्हीं खबरों को पढ़ने के बाद UPSC क्रैक करने के बारे में सोचा था। आशना ने कहा कि UPSC की तैयारी करने वाले एकाग्रचित्त होकर तैयारी करें। विश्वास रखें, सफलता जरूर मिलेगी। हां, क्वांटिटी की जगह क्वॉलिटी स्टडी करें।

हिम्मत हारे बगैर रोज 10 घंटे तक की पढ़ाई

लोनी के शकलपुरा गांव निवासी कृष्णपाल कसाना और गीता आर्य की बेटी महिमा कसाना ने UPSC एग्ज़ाम में 141वीं रैंक हासिल की है। कृष्णपाल नोएडा के सेक्टर 12 राजकीय इंटर कॉलेज में टीचर हैं। गीता भी फरीदाबाद के सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं। महिमा ने बताया कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से बीए इकॉनमिक्स ऑनर्स किया। फिर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए किया। इसके बाद सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी शुरू की। बचपन से एक ही लक्ष्य था कि UPSC क्रैक करूं। रोज करीब 10 घंटे तक पढ़ाई की, फिर सफलता मिली।

महिमा ने बताया कि तनावमुक्त होकर पढ़ाई करने में माता-पिता और भाई ने सहयोग किया। हमेशा उन्होंने हौसला बढ़ाया। दोस्तों ने भी तनावमुक्त रखने में काफी मदद की। कभी फरीदाबाद तो कभी गांव के घर में रहकर पढ़ाई करती रही। महिमा ने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया। कहा कि जो पढ़ रहे हैं, उन्हें लिखने की खूब प्रैक्टिस करें। नोट्स बनाने की आदत डालें।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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