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18 January 2025 11:49 pm

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248 बच्चे और 150 महिलाओं समेत जिंदा जल गए 442 लोग… सबसे बड़ी अग्नि त्रासदी 

43 पाठकों ने अब तक पढा

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

सिरसा: 23 दिसंबर यानि आज डबवाली अग्निकांड की 27वीं बरसी है। साल 1995 को इसी दिन हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली के डीएवी स्कूल में साल का जश्न मनाया जा रहा था। लेकिन इस खुशी में ऐसी खलल पड़ी कि खुशी का माहौल मातम में बदल गया और देखते ही देखते 442 लोग जिंदा जल गए थे। डबवाली के डीएवी स्कूल में वार्षिक महोत्सव के दौरान आग लगने से 248 बच्चे और 150 महिलाओं समेत कुल 442 लोग जिंदा जल गए थे। शवों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भी छोटा पड़ गया था। 23 दिसंबर के उस काले दिन को डबवाली के लोग आज भी भुला नहीं पाते। ये तारीख आज भी डबवाली के लोगों को झकझोर कर रख देती है और वो जख्म आज भी ताजा कर देती है।

पंडाल में लगी आग ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया

हरियाणा के लोग आज भी इसे देश की सबसे बड़ी अग्नि त्रासदी मानते है। 27 साल पहले राजीव मैरिज पैलेस में ये हादसा हुआ था। यहां डीएवी स्कूल का वार्षिकोत्सव चल रहा था। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुतियां दे रहे थे। अचानक पंडाल में लगी आग ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। पंडाल के पास ही खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर रखा था, जो आग से जल उठा। बिजली के तार ने भी आग पकड़ ली। पास रखे जनरेटर में भी डीजल होने के कारण आग और भड़क गई। पंडाल के ऊपर तिरपाल की छत बिछाई गई थी। तिरपाल की पॉलिथीन में आग लग जाने से वो पिघलती हुई लोगों पर गिरी और देखते ही देखते लाशों का ढेर बिछ गया। जिस जगह पर ये हादसा हुआ था आज यहां अग्निकांड स्मारक है।

248 बच्चों समेत 442 लोग अकाल मृत्यु का ग्रास बने

इस अग्निकांड में 442 लोगों की मौत हो गई। और 150 सौ से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए थे। मरने वालों में 248 बच्चे, 150 महिलाएं और 44 पुरुष थे। पंडाल में बिछी लाशों में 13 बच्चों को पहचानने में भी मुश्किल हुई थी। इस हादसे में घायल हुए लोगों में 121 लगभग स्वस्थ हो गए, जबकि 22 विकलांग हो चुके हैं। इस अग्निकांड में मारे गए लोगों के शवों को दफनाने और जलाने के लिए शहर के में स्थान कम पड़ गया था। इसके चलते लोगों ने खेत-खलिहानों में शवों को दफनाया और अंतिम संस्कार किया।

हाईकोर्ट ने आरोपियों को कर दिया था बरी

सीबीआई कोर्ट ने इस अग्निकांड के लिए बिजली निगम, नगरपरिषद, पैलेस मालिकों तथा दो निजी बिजली कर्मचारियों समेत चौदह लोगों को हादसे का दोषी माना था। इन सभी को कोर्ट ने ने दो-दो साल की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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