ऑपरेशन एंटीवायरस में 26 साइबर ठग गिरफ्तार — सस्ती दुधारू गाय-भैंस के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का भंडाफोड़

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

IMG_COM_202512190117579550
previous arrow
next arrow

डीग (राजस्थान)। डीग जिले की पुलिस ने साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए विशेष अभियान ‘ऑपरेशन एंटीवायरस’ के तहत कामा, सीकरी, जुरहरा और पहाड़ी थाना क्षेत्रों में एक साथ दबिश दी। पुलिस ने सोशल मीडिया पर सस्ती दुधारू गाय-भैंस बेचने का झांसा देने वाले 26 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो किसानों और मजदूर वर्ग से लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे।

पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई के दौरान आरोपितों के पास से 29 मोबाइल फोन और 17 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। फिलहाल सभी गिरफ्तार ठगों से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है, जिससे गिरोह के नेटवर्क के कई और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

सोशल मीडिया पर दुधारू गाय-भैंस के झांसे से ठगी — किसानों और मजदूरों पर सीधा निशाना

साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप्स पर दुधारू नस्ल की गाय-भैंस के फर्जी वीडियो और फोटो पोस्ट करते थे। वे किसानों और मजदूर वर्ग को कम कीमत में दुधारू पशु देने का भरोसा देते थे और वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों का विश्वास जीतते थे।

इसे भी पढें  डीग में बड़ा हादसा टला — तीन दर्जन बच्चों से भरी जयपुर पब्लिक स्कूल की बस केपी ड्रेन में गिरने से बची

सस्ते दाम, अधिक दूध उत्पादन और तत्काल डिलीवरी का लालच देकर ठग व्यक्ति को पहले भरोसे में लेते और फिर धीरे-धीरे अपने आर्थिक जाल में फंसा लेते थे।

ट्रांसपोर्ट, बिल्टी और गाड़ी खराब होने के नाम पर रकम वसूलकर गायब

जैसे ही कोई शख्स पशु खरीदने के लिए तैयार होता, ठग सबसे पहले ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर राशि डलवाते थे और फर्जी लोकेशन या ट्रैकिंग स्क्रीनशॉट भेजकर भरोसा दिलाते थे कि पशु रास्ते में है।

इसके बाद वे बिल्टी चार्ज, टोल टैक्स, गाड़ी खराब होने जैसी मनगढ़ंत कहानियां बनाकर कई किस्तों में पीड़ित से रुपये मंगवाते थे। रकम मिलते ही साइबर ठग पीड़ित को ब्लॉक करके गायब हो जाते थे और मोबाइल नंबर बदल लेते थे।

29 मोबाइल और 17 फर्जी सिम से संचालित था पूरा साइबर नेटवर्क

बरामद किए गए 29 मोबाइल फोन और 17 फर्जी सिम कार्ड साइबर गिरोह की कार्यप्रणाली का स्पष्ट प्रमाण हैं। एक व्यक्ति के पकड़े जाने की स्थिति में दूसरे नंबर से तुरंत सक्रिय होने के लिए वे अलग–अलग नंबरों का उपयोग करते थे, ताकि उनकी पहचान कभी न हो सके।

इसे भी पढें  डीग जिले के नगला दांदू गांव में संत रामपाल जी महाराज की बाढ़ राहत सामग्री पहुँचने पर पगड़ी भेंट कर किया सम्मानित

पुलिस अब सिम कार्ड सप्लायर्स और बैंक खातों की फंड ट्रेल खंगाल रही है, ताकि इस साइबर रैकेट की गहराई तक पहुंचा जा सके।

पुलिस की अपील — सतर्क रहें, सोशल मीडिया पोस्ट देखकर तुरंत भुगतान न करें

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर सस्ती दुधारू गाय-भैंस या किसी भी महंगे सामान के ऑफर के झांसे में आकर तुरंत UPI या बैंक ट्रांसफर न करें। किसी ऑनलाइन डील से पहले विक्रेता की पहचान, पता और उपलब्धता की पुख्ता जांच करें। संदेह की स्थिति में साइबर क्राइम पोर्टल या नजदीकी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं।

पूछताछ में बड़े खुलासों की उम्मीद, अन्य राज्यों में भी लिंक मिलने की संभावना

गिरफ्तार साइबर ठगों से पूछताछ जारी है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह कई राज्यों में फैला हो सकता है और कई पुराने ठगी के मामलों से इनके संबंध सामने आने की संभावना है। मोबाइल और डिजिटल रिकॉर्ड की जांच के बाद कई और पीड़ित सामने आ सकते हैं।

इसे भी पढें  गौतस्करी पर प्रभावी अंकुश और रात्रि गश्त बढ़ाने की मांग, गौरक्षकों ने एएसपी कामां को सौंपा ज्ञापन

क्लिक करें और जानें : सवाल–जवाब

प्रश्न 1: ऑपरेशन एंटीवायरस क्या है?

यह पुलिस का एक विशेष अभियान है जिसमें साइबर ठगी और ऑनलाइन धोखाधड़ी में शामिल अपराधियों को पकड़कर उनका नेटवर्क तोड़ना उद्देश्य है।

प्रश्न 2: पकड़े गए साइबर ठग लोगों को कैसे फंसाते थे?

वे सोशल मीडिया पर दुधारू गाय-भैंस के फर्जी फोटो और वीडियो पोस्ट कर किसानों को सस्ते दाम में बेचने का झांसा देते थे और ट्रांसपोर्ट व अन्य शुल्क के नाम पर पैसे वसूलते थे।

प्रश्न 3: पुलिस ने क्या बरामद किया?

पुलिस ने छापेमारी में 26 साइबर ठगों को गिरफ्तार करते हुए 29 मोबाइल फोन और 17 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं।

प्रश्न 4: आम लोग इस तरह की साइबर ठगी से कैसे बच सकते हैं?

अंजान व्यक्ति के कहने पर तुरंत भुगतान न करें। पहले पूरी जांच–पड़ताल करें। संदेह होने पर साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top