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18 January 2025 11:48 pm

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काव्य रचना एवं आस्वादन पर ‘काव्य प्रभास’ नामक कार्यक्रम की एक श्रृंखला की शुरूआत

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विशेष संवाददाता

बदायूं। काव्यदीप और नवाचार एक पहल मंच के सौजन्य से काव्य रचना एवं आस्वादन पर ‘काव्य प्रभास’ नामक कार्यक्रम की एक श्रृंखला शुरू की गयी है। यह कार्यक्रम प्रत्येक रविवार को शाम 5 बजे काव्यदीप के फेसबुक पेज पर आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम के वक़्ता वरिष्ठ साहित्यकार एवं ख्यातिलब्ध संगीतज्ञ श्री अनुप जालान जी हैं जो कि मुम्बई महाराष्ट्र से हैं।

पहली कड़ी में काव्य एवं कवि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया था। वाणी के चारों प्रकार पर प्रकाश डाला गया था। काव्य में कल्पना और कथन की शक्तियों के महत्व पर चर्चा की गयी थी।

आज 30 जनवरी 2022 को दूसरी कड़ी में गद्य एवं पद्य काव्य शैलियों पर चर्चा की गई। साथ ही काव्य में लय, छंद, और तुक के महत्व पर भी बात की गई।

पहली कड़ी में दर्शकों द्वारा पूछे गए चुनिंदा सवालों का तथ्यपरक उत्तर दिया गया। विलियम वर्ड्सवर्थ की प्रसिद्ध पंक्तियां ‘ पोएट्री इज़ द स्पोंटेनियस ओवरफ्लो ऑफ द पावरफुल इमोशन्स ‘ का जबाब देकर दर्शकों को संतुष्ट किया।

आगे अर्चना जैन जी द्वारा काव्य की विभिन्न विधाओं के बारे में प्रश्न किया गया जिस पर अनुप जी ने प्रकाश डाला। तत्पश्चात गद्य और पद्य में अंतर बताया गया।अनुप जी द्वारा मैथिलीशरण गुप्त जी की प्रसिद्ध पंक्तियां ‘ चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल थल में ‘ का गद्य रूपांतरण करके गद्य एवं पद्य के अंतर को स्पष्ट किया।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, हरिवंशराय बच्चन आदि कवियों की कविताओं का उदाहरण देकर सरलता से अपनी बात को समझाया।

इस नई पहल की सफलता से काव्यदीप की संस्थापक एवं नवाचार एक पहल की प्रमुख दीप्ति सक्सेना बहुत उत्साहित हैं। यह कार्यक्रम नवोदित कवि/ लेखकों के लिए अमृत के समान है। इस कार्यक्रम के माध्यम से काव्य रचना करने वाले प्रत्येक रचनाकार को कुछ न कुछ नया सीखने को मिलेगा।

https://www.facebook.com/Kavyadeep11/
पेज पर यह कार्यक्रम प्रत्येक रविवार को शाम 5 बजे देखा जा सकता है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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