लखनऊ में सरकारी भूमि कब्जा का बड़ा खेल: सरोजिनी नगर में भूमाफियाओं और अधिकारियों की मिलीभगत के गंभीर आरोप

राजेश यादव की रिपोर्ट

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उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। सरोजिनी नगर क्षेत्र में कथित तौर पर सक्रिय सरोजिनी नगर भूमाफिया और कुछ प्रभावशाली लोगों पर सरकारी जमीन को प्लॉटिंग कर बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क कथित रूप से राजस्व विभाग लखनऊ और स्थानीय पुलिस के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है।

आरोप है कि कई ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने से बचते नजर आते हैं। वहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार बार-बार सख्त नीति की बात करती रही है, लेकिन शिकायतकर्ताओं के अनुसार स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना अभी भी चुनौती बना हुआ है।

सैकड़ों शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं, आरोपियों का नेटवर्क मजबूत

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा मामले में SDM सरोजिनी नगर को सैकड़ों बार लिखित शिकायतें दी गईं, लेकिन जांच अब तक आगे नहीं बढ़ सकी। आरोप है कि राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों और पुलिस की अनदेखी से सरोजिनी नगर भूमाफिया के हौसले बुलंद हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, राजस्व विभाग लखनऊ से मांगी गई जानकारी भी कई बार अस्पष्ट या भ्रामक दी गई, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया।

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लोगों का कहना है कि 2019 के बाद कई ग्राम पंचायतों में नवीनपरती, ऊसर, बंजर और तालाब की जमीन को पाटकर बेच दिया गया। आरोप यह भी है कि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ ग्राम प्रधानों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।

कमिश्नर रोशन जैकब की कार्रवाई, लेकिन आरोपियों के हौसले अब भी बुलंद

कुछ दिन पहले कमिश्नर रोशन जैकब ने सरोजिनी नगर तहसील में अधिकारियों की जांच कर खामियां मिलने पर कार्रवाई की थी। इससे यह संकेत मिला कि लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा मामले में गड़बड़ियां गंभीर स्तर की हैं।

लेकिन शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि इस कार्रवाई के बाद भी सरोजिनी नगर भूमाफिया के लोगों पर खास असर नहीं दिखा और कुछ कर्मचारी कथित रूप से अपनी “पहुंच” का हवाला देकर कानून का मज़ाक उड़ाते रहे।

आरोपितों पर लगने वाले आरोपों के अनुसार, राजस्व विभाग लखनऊ में लंबे समय से एक संगठित नेटवर्क सक्रिय है, जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कराने में भूमिका निभाता है। यही कारण है कि योगी आदित्यनाथ सरकार की सख्ती भी यहां जमीन पर लागू होती नहीं दिख रही।

ग्राम पंचायत नीवा बन्थरा में सरकारी भूमि पर कथित अवैध कब्जे की सूची

नीवा बन्थरा ग्राम पंचायत में लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा का बेहद विस्तृत मामला सामने आया है। शिकायतकर्ताओं ने जिन गाटा संख्याओं पर सरोजिनी नगर भूमाफिया द्वारा कब्जे का आरोप लगाया है, वह सूची इस प्रकार है:

  • गाटा संख्या 1214 – 0.013 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1215 – 0.013 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1221 – 0.04 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1229 – 0.0253 ऊसर भूमि
  • गाटा संख्या 1230 – 0.506 ऊसर भूमि
  • गाटा संख्या 1231 – 0.0568 ऊसर भूमि
  • गाटा संख्या 1256 – 0.20 ऊसर भूमि
  • गाटा संख्या 1257 – 0.010 ऊसर भूमि
  • गाटा संख्या 1278 – 0.412 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1282 – 0.844 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1276 – 0.177 नवीनपरती
  • गाटा संख्या 1159 – 0.412 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1147 – 0.284 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1151 – 1.577 बंजर भूमि
  • गाटा संख्या 1118 व 1118 – सरकारी चकरोड
  • गाटा संख्या 1110 – 0.569 ऊसर
  • गाटा संख्या 1110 – 0.934 ऊसर
  • गाटा संख्या 1149 – 0.284 नहर की भूमि
  • गाटा संख्या 1191 – 0.713 ऊसर
  • गाटा संख्या 1199 – 0.013 बंजर
  • गाटा संख्या 1212 – 0.076 बंजर
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शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इन सभी जमीनों पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर प्लॉटिंग की जा चुकी है और करोड़ों की उगाही की गई है। उनका आरोप है कि इस काम में कथित रूप से राजस्व विभाग लखनऊ और बंथरा थाना क्षेत्र के कुछ कर्मचारी शामिल रहे।

गाटा संख्या 1282 पर जारी है तेज़ी से निर्माण, अधिकारी चुप

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि 15 नवंबर 2025 तक भी सरोजिनी नगर भूमाफिया के लोग गाटा संख्या 1282 पर तेजी से प्लॉटिंग व मिट्टी भराव कार्य कर रहे हैं। मौके पर कई बार शिकायत की गई लेकिन लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा का यह प्रमुख स्थान आज भी विवादों के केंद्र में है।

स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह सब कुछ पुलिस और राजस्व विभाग लखनऊ की मौजूदगी में हो रहा है। ऐसे आरोप योगी आदित्यनाथ सरकार की शून्य सहनशीलता नीति पर सवाल खड़े करते हैं।


जनता की चिंता: “अगर यही चलता रहा तो आने वाले समय में जवाब देना मुश्किल होगा”

लोगों का कहना है कि लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा के मामलों में कार्रवाई न होने से भूमाफियाओं का नेटवर्क और मजबूत हो रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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सूत्रों के अनुसार, सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ है और सरोजिनी नगर भूमाफिया नेटवर्क लगातार विस्तार कर रहा है।

लोगों ने कहा कि यह स्थिति योगी आदित्यनाथ सरकार पर सीधे तौर पर सवाल उठाती है और जरूरत है कि राजस्व विभाग लखनऊ में बैठे जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो।

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लखनऊ में सरकारी जमीन कब्जे के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

स्थानीय लोगों के अनुसार कार्रवाई की कमी, विभागीय मिलीभगत और कमजोर निगरानी के कारण लखनऊ सरकारी भूमि कब्जा के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

सरोजिनी नगर में भूमाफियाओं का नेटवर्क कैसे काम करता है?

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सरोजिनी नगर भूमाफिया कुछ अधिकारियों की मदद से सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग कर बेचते हैं।

सरकार इस पर क्या कार्रवाई कर सकती है?

योगी आदित्यनाथ सरकार कड़ी कानूनी कार्रवाई, राजस्व रिकॉर्ड की डिजिटल जांच और अधिकारी-स्तरीय जवाबदेही लागू कर सकती है।

क्या राजस्व विभाग की भूमिका जांच के दायरे में है?

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि राजस्व विभाग लखनऊ की भूमिका कई मामलों में संदिग्ध पाई गई है, इसलिए जांच जरूरी है।

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