पूंछरी का होगा सुनियोजित और समग्र विकास, उत्तर भारत का प्रमुख तीर्थ केंद्र बनेगा

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

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डीग, 28 अक्टूबर। राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत की अध्यक्षता में मंगलवार को पूंछरी स्थित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के गेस्ट हाउस में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में गृह, गौपालन, पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्य विभाग राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म ने भी शिरकत की। बैठक में पूंछरी क्षेत्र के समग्र विकास, सौंदर्यकरण और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं के विस्तार को लेकर तैयार किए गए मास्टर प्लान पर विस्तृत चर्चा की गई और चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई।

प्रदूषण मुक्त और सर्वश्रेष्ठ तीर्थ केंद्र बनाने का लक्ष्य

प्राधिकरण अध्यक्ष श्री लखावत ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से पूंछरी के विकास के लिए सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए क्षेत्र का विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने गोवर्धन परिक्रमा समेत सभी यात्री मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरे पेड़, प्याऊ और आराम स्थल बनाए थे। हमें इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए विकास कार्य करने हैं। उन्होंने अधिकारियों को जनता को देवता मानकर निष्ठा से कार्य करने के निर्देश दिए।

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गृह राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि पूंछरी को उत्तर भारत का सर्वश्रेष्ठ, प्रदूषण रहित और आधुनिक तीर्थ केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि क्षेत्र में अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाएं ताकि श्रद्धालु एक प्राकृतिक और आध्यात्मिक वातावरण महसूस कर सकें।

पार्किंग और बस स्टैंड विकसित होंगे

श्री बेढ़म और श्री लखावत ने पूंछरी में ट्रैफिक की समस्या के समाधान के लिए पार्किंग और बस स्टैंड विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थल मंदिर से अधिक दूरी पर नहीं होना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।

मंदिरों का सौंदर्यकरण और श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रदर्शन

बैठक में परिक्रमा मार्ग स्थित मंदिरों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यकरण कार्यों पर चर्चा हुई। श्री लखावत ने बताया कि आगामी दिनों में इन कार्यों के लिए निविदाएं जारी की जाएंगी। साथ ही सड़कों को और बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी विकास कार्यों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को प्रदर्शित करने वाले कलात्मक तत्व शामिल किए जाएं। इसके अलावा मथुरा से उज्जैन तक प्रस्तावित ‘कृष्ण गमन पथ कॉरिडोर’ और ‘बृज चौरासी कोस परिक्रमा’ परियोजना को भी जल्द शुरू किया जाएगा।

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विभागों में समन्वय और समग्र योजना

अध्यक्ष श्री लखावत ने ड्रेनेज और सीवरेज प्लान पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप भरतपुर विकास प्राधिकरण को जल निकासी व्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभाने तथा जल संसाधन विभाग को सभी कुंड और पोखरों से पानी निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में जिला कलेक्टर डीग श्री उत्सव कौशल, अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री राजकुमार कस्वा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी भरतपुर श्री मृदुल सिंह, आयुक्त भरतपुर विकास प्राधिकरण श्री कनिष्क कटारिया सहित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जल संसाधन, विद्युत, सार्वजनिक निर्माण, राजस्व और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

सामान्य प्रश्न (FAQ)

पूंछरी विकास योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य पूंछरी क्षेत्र को उत्तर भारत का एक प्रमुख, स्वच्छ और आकर्षक तीर्थ केंद्र के रूप में विकसित करना है।

बैठक की अध्यक्षता किसने की?

बैठक की अध्यक्षता राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत ने की।

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बैठक में कौन-कौन से विभाग शामिल हुए?

बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जल संसाधन, विद्युत, सार्वजनिक निर्माण, राजस्व और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

भविष्य में कौन-सी नई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं?

‘कृष्ण गमन पथ कॉरिडोर’ और ‘बृज चौरासी कोस परिक्रमा’ जैसी धार्मिक परियोजनाएं जल्द शुरू की जाएंगी।

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