चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित और प्रभावी निपटारे के लिए एक नई योजना पर काम शुरू कर दिया है। अब उपभोक्ताओं को बिजली से जुड़ी समस्याओं जैसे नया कनेक्शन, बिलिंग में गड़बड़ी, बिजली सप्लाई की समस्याएं या अन्य शिकायतों के लिए पावर हाउस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
इन समस्याओं का समाधान अलग-अलग अधिशासी अभियंताओं द्वारा किया जाएगा, और उपभोक्ता अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करवा सकेंगे।
इस ‘फेसलेस योजना’ की शुरुआत पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर कानपुर के कुछ शहरी क्षेत्रों से 15 नवंबर से की जाएगी, जिसे बाद में अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार दिया जाएगा।
अभी तक एक क्षेत्र के सभी कार्यों का जिम्मा एक ही अधिशासी अभियंता के पास होता था, जिससे उपभोक्ताओं को समस्या समाधान के लिए उनके चक्कर लगाने पड़ते थे।
इस व्यवस्था में काम का बंटवारा कई अभियंताओं में किया जाएगा, जिससे कार्यभार एक व्यक्ति पर केंद्रित न होकर तेजी से निपटाया जा सकेगा।
जानकारों का मानना है कि इस नई प्रणाली से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि इससे विभागीय भ्रष्टाचार पर भी लगाम लग सकेगी। काम के विभाजन से काम की गुणवत्ता और गति में भी सुधार की उम्मीद है।
कानपुर के बाद इस पायलट प्रॉजेक्ट का विस्तार मध्यांचल के बरेली, दक्षिणांचल के अलीगढ़ और पश्चिमांचल के मेरठ के शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा।
इस संदर्भ में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने शनिवार को पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन आशीष गोयल और केस्को निदेशक से मुलाकात की। उन्होंने इस नई योजना की सराहना करते हुए इसे उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस योजना के अंतर्गत दर्ज की गई शिकायतों का समाधान विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित कानून के तहत किया जाएगा।
हर समस्या के समाधान के लिए एक निश्चित समयसीमा तय की गई है, और यदि इस निर्धारित समय में समस्या का समाधान नहीं होता है, तो उपभोक्ता को मुआवजा भी दिया जाएगा। साथ ही, समस्याओं के समाधान के बाद उपभोक्ताओं से इस नई व्यवस्था के संबंध में फीडबैक भी लिया जाएगा, ताकि इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
Author: samachar
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