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15 January 2025 10:10 am

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सडक पर मिला लाखों रुपए भरा बैग थाने जमा करने गए युवक ने सोचा भी नहीं होगा ऐसा होगा उसके साथ… पढिए क्या है मामला

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

रायबरेली से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई ने सभी को हैरान कर दिया है। यह मामला गदागंज थाना क्षेत्र का है। 

बीते 20 अगस्त को जन सुविधा केंद्र के संचालक रवि चौरसिया अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहे थे, तभी बाइक सवार बदमाशों ने उनके साथ लूटपाट की। बदमाश रवि के हाथ से रुपयों से भरा बैग छीनकर भाग गए। उस बैग में आठ लाख रुपये थे।

हालांकि, बदमाश बैग को अपने साथ नहीं ले जा सके, क्योंकि अचानक सामने से एक वाहन आ गया। इस कारण घबराहट में उन्होंने बैग को सड़क के किनारे छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए। कुछ समय बाद यह बैग दीपू नाम के एक व्यापारी को मिला। दीपू ने ईमानदारी दिखाते हुए ग्राम प्रधान को इस घटना की जानकारी दी और बैग को गदागंज थाने में जमा करवा दिया।

लेकिन थाने के एसओ राकेश चंद्र आनंद की नीयत खराब हो गई। उन्होंने इस ईमानदारी से जुड़ी घटना को अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए मोड़ दिया। कप्तान की नजर में अच्छा बनने की चाह में एसओ ने बैग जमा करवाने वाले दीपू को ही लूट का आरोपी बना दिया। उन्होंने इसे एक फर्जी “गुड वर्क” दिखाकर मामले की माल बरामदगी का दावा किया और दीपू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

इस अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी से व्यापारियों में आक्रोश फैल गया। कई दिनों तक व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद कप्तान ने मामले की पुनः जांच का आदेश दिया और विवेचना की जिम्मेदारी डलमऊ एसओ पवन सोनकर को सौंपी गई।

पवन सोनकर ने अपनी जांच पूरी कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश की, जिसमें साफ बताया गया कि दीपू ने एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए सड़क पर मिले रुपयों वाले बैग को थाने में जमा कराया था। इसके बावजूद एसओ राकेश चंद्र आनंद ने दीपू को झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया था और उसे 26 अगस्त को जेल भेज दिया गया था।

12 दिनों के बाद, शनिवार को कोर्ट ने विवेचना के आधार पर दीपू को रिहा कर दिया। रिहा होने के बाद पीड़ित व्यापारी दीपू गुप्ता ने बताया कि जब उन्हें रास्ते में रुपयों से भरा बैग मिला, तो उन्होंने ग्राम प्रधान को सूचित किया और थाने में जाकर बैग जमा करवा दिया। लेकिन थानेदार ने उन्हें थाने में बैठा लिया और फिर रात में जंगल में ले जाकर बैग के साथ उनका वीडियो बनाया। इसके बाद उन्हें वापस थाने लाकर लूट का आरोपी बताते हुए जेल भेज दिया गया।

इस घटना ने न केवल स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश पैदा किया बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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