ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड के बाद भी अंधविश्वास की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। कानपुर के भोगनीपुर तहसील के बील्हापुर पंचायत स्थित चैन का पुरवा गांव में भी अंधविश्वास की इसी कड़ी को देखा जा सकता है, जहां हरिओम नाम का एक ढोंगी बाबा अपनी दुकान चला रहा है। यह बाबा, जो कि ‘बोतल बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, लोगों को अंधविश्वास के जाल में फंसा कर उनका शोषण कर रहा है।
हरिओम बाबा ने गांव और आसपास के इलाकों में अपनी छवि एक चमत्कारी बाबा के रूप में बनाई हुई है। आस्था के नाम पर हजारों की भीड़ उसके दरबार में जुटती है, जहां सुरक्षा के नाम पर कुछ ही सेवादार मौजूद होते हैं। इस भीड़ के चलते किसी भी बड़े हादसे की संभावना हमेशा बनी रहती है।
हरिओम बाबा के इलाज का तरीका भी बहुत ही चौंकाने वाला है। वह बोतल और तेल पर फूंक मारकर बीमारियों का इलाज करने का दावा करता है। यहां तक कि वह पानी पर फूंक मारकर उसे मरीजों को पिलाता है और कैंसर और शुगर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करने की बात करता है। उसके अनुयायी उसे ‘बोतल बाबा’ के नाम से भी जानते हैं और उसकी हरकतों को सही मानते हैं।
हरिओम बाबा के दरबार में सिर्फ आस-पास के जिलों के लोग ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के लोग भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचते हैं। बाबा का दावा है कि अन्य प्रदेशों से भी लोग उसकी सेवाएं लेने आते हैं।
लेकिन हकीकत यह है कि बाबा का मुख्य काम पानी की बोतल, तेल की बोतल और लौंग सप्लाई करने का है, और उसके दावे पूरी तरह से झूठे हैं। यह स्थिति अंधविश्वास के अंधेरे दौर को दर्शाती है और समाज में जागरूकता और सच्चाई की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."