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November 22, 2024 6:35 pm

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यूपी-बिहार वालों रात 9 बजे के बाद इस गाँव में दिख मत जाना, वरना… प्रवासियों के लिए पंजाब के इस गाँव में क्यों लगे ऐसे प्रतिबंध? 

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शिव कुमार की रिपोर्ट

पंजाब के कुछ गांवों में हाल के दिनों में प्रवासियों के खिलाफ सख्त नियम लागू किए गए हैं, जो लोगों के बीच चिंता और विवाद का विषय बन गए हैं। विशेष रूप से करौली और खरार के जंदपुर गांव में प्रवासियों के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।

करौली गांव में प्रवासियों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। गांववासियों का कहना है कि इस कदम का कारण चोरी की घटनाओं में वृद्धि है, जिनका आरोप प्रवासियों के बच्चों पर लगाया गया है। इसके साथ ही, गांव में किराए पर घर देने पर भी रोक लगा दी गई है।

खरार के जंदपुर गांव में, जहां कुल 2000 लोग रहते हैं और इनमें से 500 प्रवासी हैं, प्रवासियों के लिए कुछ विशेष नियम लागू किए गए हैं:

  1. रात 9 बजे के बाद बाहर निकलना**: प्रवासियों को रात 9 बजे के बाद घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
  2. पुलिस वेरिफिकेशन : सभी प्रवासियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
  3. सिगरेट, तंबाकू और पान पर प्रतिबंध : इन वस्तुओं का उपयोग और सड़क पर थूकना मना किया गया है।
  4. मकान मालिकों की जिम्मेदारी : मकान मालिकों को घर के बाहर डस्टबिन रखना होगा।
  5. कमरे में लोगों की संख्या : एक कमरे में सिर्फ दो प्रवासी लोग रह सकते हैं। तीसरे व्यक्ति की एंट्री पर रोक है।
  6. अर्द्धनग्नता पर प्रतिबंध : आधे कपड़ों में सड़क पर नजर आने पर कार्रवाई की जाएगी।
  7. अवैध हरकतें : अगर प्रवासी अवैध गतिविधियों में शामिल होते हैं या गांव को नुकसान पहुंचाते हैं, तो मकानमालिक भी जिम्मेदार होंगे।

इन नियमों का कारण स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रवासियों के व्यवहार में असभ्यता और गांव की शुचिता का उल्लंघन हो रहा है। प्रवासी गांव में गुटका खाकर थूकते हैं और गुरुद्वारे के बाहर भी ऐसा करते हैं, जिसे गांववाले सिख धर्म का अपमान मानते हैं। 

स्थानीय पार्षद भी प्रवासियों के साथ हैं, जिससे गांववाले नाराज हैं। उनका कहना है कि ये नियम गांव की साफ-सफाई और अनुशासन को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। हालांकि, इन नियमों की कठोरता ने प्रवासियों को गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और कुछ लोग गांव छोड़ भी चुके हैं। 

पुलिस ने इस मामले में दखल दी है और ग्रामीण अधिकारियों से सवाल किया है कि क्या ये नियम वास्तव में लागू किए जा सकते हैं या नहीं। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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