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26 December 2024 11:05 pm

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बांग्लादेश में खूनी आंदोलन की जिसने रखी बुनियाद उसे बना दिया मंत्री, पढिए कौन सा विभाग मिला ? 

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रोहित कुमार  महतो की रिपोर्ट

बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। इसके बाद, शुक्रवार को उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार विभाजित किया। 

दिलचस्प बात यह है कि युनुस ने 27 मंत्रालयों या विभागों का प्रभार अपने पास रखा है। नई सरकार के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने टिप्पणी की कि बड़े देशों के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है, हालांकि किसी देश का नाम उल्लेख नहीं किया गया।

युनुस ने शुक्रवार को एक 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की और विभिन्न विभागों का बंटवारा किया। इसमें से रक्षा, लोक प्रशासन, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य, जल संसाधन और सूचना जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय युनुस के पास रहेंगे। विदेश मंत्रालय का प्रमुख तौहीद हुसैन को नियुक्त किया गया है, जबकि दो छात्र नेताओं, नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद, को क्रमशः दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी तथा युवा और खेल मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा गया है।

पार्टी की संरचना और विभागों के बंटवारे के अनुसार

गृह मंत्रालय ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन

मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय फरीदा अख्तर

धार्मिक मामलों का मंत्रालय खालिद हुसैन

स्वास्थ्य मंत्रालय  नूरजहां बेगम

सामाजिक कल्याण मंत्रालय शर्मीन मुर्शिद

विदेश मंत्रालय  तौहीद हुसैन

कानून मंत्रालय  मोहम्मद नज़रुल इस्लाम

उद्योग मंत्रालय  अदिलुर रहमान खान

एलजीआरडी मंत्रालय एएफ हसन आरिफ

पर्यावरण मंत्रालय  सईदा रिज़वाना हसन

डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  नाहिद इस्लाम

युवा और खेल मंत्रालय  आसिफ महमूद

वित्त और योजना मंत्रालय सालेह उद्दीन अहमद

अंतरिम सरकार की प्राथमिकता कानून और व्यवस्था बहाल करना है। इसके बाद अन्य प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान दिया जाएगा। बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सलाहुद्दीन अहमद वित्त और योजना मंत्रालयों के प्रभारी होंगे, जबकि पूर्व अटॉर्नी जनरल एएफ हसन आरिफ स्थानीय सरकार मंत्रालय का प्रभार संभालेंगे।

मोहम्मद युनुस, जिन्हें गरीबों के बैंकर के रूप में जाना जाता है, 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए थे। उन्होंने गरीबों को छोटे-छोटे कर्ज देकर उन्हें गरीबी से बाहर निकालने का काम किया था। उनके कर्ज देने के मॉडल ने दुनियाभर में कई योजनाओं को प्रेरित किया।

हालांकि, राजनीति में कदम रखते हुए उन्होंने अपनी खुद की पार्टी भी बनाई, जो शेख हसीना के साथ विवाद का कारण बनी। हसीना ने युनुस पर गरीबों का शोषण करने का आरोप लगाया था।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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