सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव में वेस्ट यूपी में खराब प्रदर्शन के बाद और यूपी की सरकार और संगठन में बदलाव की चर्चाओं के बीच भाजपा के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है: क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 12 मंत्री उपचुनाव में वेस्ट यूपी की चार विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर पाएंगे? 2022 के चुनावों में इन चार सीटों में से दो पर भाजपा और दो पर सपा-आरएलडी का कब्जा था, लेकिन अब आरएलडी भाजपा के साथ है।
वेस्ट यूपी की चारों सीटों पर जीतने के लिए योगी आदित्यनाथ ने एक-एक सीट पर तीन से चार मंत्रियों की टीम को उतार दिया है। इन सभी मंत्रियों का वेस्ट यूपी से गहरा नाता है और वे क्षेत्र की सियासी समझ रखते हैं। मंत्रियों की तैनाती में जातिगत और सामाजिक संतुलन का खास ध्यान रखा गया है।
मंत्रियों को जिम्मेदारियां और निर्देश
यूपी के 10 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए मंत्रियों की तैनाती पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या लोकसभा में कमजोर प्रदर्शन के बाद यह 12 मंत्रियों की टीम वेस्ट यूपी की चार सीटों पर जीत दिला पाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को उपचुनाव वाले क्षेत्रों में सप्ताह में कम से कम दो रातें बिताने, सामाजिक समीकरण साधने, सरकार की योजनाओं को लागू करने, और अधूरे विकास कार्यों को उपचुनाव से पहले पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बूथ स्तर पर संवाद बढ़ाने और निष्क्रिय बूथ अध्यक्षों को बदलने की भी हिदायत दी है।
उपचुनाव वाली सीटों का गणित
यूपी के 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें करहल, कुंदरकी, कटेहरी, और मिल्कीपुर पर सपा का कब्जा था। मीरापुर सीट 2022 में सपा की सहयोगी आरएलडी के पास थी। फूलपुर, खैर, और गाजियाबाद सीटें भाजपा के पास थीं।
मझवां सीट भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के पास थी। इन नौ सीटों के विधायक 2024 में सांसद चुने गए हैं। कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के अयोग्य घोषित होने के बाद रिक्त हुई है।
इस तरह सपा और उसके सहयोगियों के पास 2022 में छह सीटें थीं, जिनमें अब आरएलडी भाजपा के साथ है, जिससे पांच सीटें एनडीए और पांच सीटें इंडिया गठबंधन के पास हैं। अब उपचुनाव में देखना होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है और कौन किस सीट पर कब्जा करता है।
योगी का प्लान
बीजेपी ने वेस्ट यूपी की मीरापुर सीट को जीतने के लिए आरएलडी के कोटे से योगी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर और केपी मलिक को तैनात किया है।
मीरापुर सीट भौगोलिक रूप से मुजफ्फरनगर जिले में है, जहां से बीजेपी 2024 में हार गई थी। हालांकि, मीरापुर सीट बिजनौर लोकसभा सीट में आती है, जहां से एनडीए के साथी आरएलडी के चंदन चौहान जीते हैं।
वेस्ट यूपी के संभल जिले की कुंदरकी सीट पर कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्य मंत्री जेपीएस राठौर, जसवंत सैनी और गुलाब देवी को लगाया गया है। कुंदरकी सीट पर सपा का कब्जा है।
वेस्ट यूपी की गाजियाबाद सदर सीट पर कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, राज्य मंत्री ब्रजेश सिंह और कपिल देव अग्रवाल को तैनात किया गया है।
गाजियाबाद लोकसभा सीट भाजपा के पास है। खैर सीट पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और राज्य मंत्री संदीप सिंह को जीत के लिए लगाया गया है। इस सीट के विधायक अनूप वाल्मीकि हाथरस सीट से सांसद चुने गए हैं।
अब देखना यह है कि योगी आदित्यनाथ की इस रणनीति से भाजपा वेस्ट यूपी की इन चार सीटों पर उपचुनाव में जीत हासिल कर पाती है या नहीं।
Author: samachar
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