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15 January 2025 9:30 am

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चंद्रशेखर के इस फैसले ने उडाई भाजपा और सपा की नींद, संसद के पहले दिन दिखाया जलवा

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। 

चंद्रशेखर आजाद इस चुनाव में अकेले अपने दम पर उतरने का निर्णय लिया है, जिससे साफ है कि वह अखिलेश यादव और बीजेपी से बिना किसी गठबंधन के ही मुकाबला करेंगे। उनके इस ऐलान से समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि उन्होंने नगीना लोकसभा सीट बिना किसी गठबंधन के जीती थी और वहां की जनता ने उनके नेतृत्व को समर्थन दिया। इस जीत से प्रेरित होकर, उन्होंने तय किया है कि वे उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेंगे। उनका मानना है कि जनता के प्यार और विश्वास के दम पर वे इस चुनाव में भी सफल होंगे।

आजाद समाज पार्टी ने इन 10 सीटों में से चार सीटों के लिए चुनाव प्रभारियों की घोषणा कर दी है। गाजियाबाद सीट पर अमित गुर्जर और कपिल आजाद को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। 

मीरापुर विधानसभा सीट पर खुर्शीद मसूरी और नीतू सिंह प्रभारी होंगे। खैर विधानसभा अलीगढ़ सीट पर चौधरी महेंद्र सिंह और रामगोपाल मानव को जिम्मेदारी दी गई है। कुंदरकी मुरादाबाद सीट पर अच्छन अंसारी और संजीव सागर को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।

पश्चिमी यूपी की मीरापुर विधानसभा सीट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। 2022 में सपा और आरएलडी गठबंधन के तहत यह सीट आरएलडी के चंदन चौहान ने जीती थी, जो अब बिजनौर से सांसद बन गए हैं। 

इस बार जयंत चौधरी भी इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी में हैं। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद का मुकाबला जयंत चौधरी से होगा, जो एक समय उनके सहयोगी थे।

उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा, वे हैं: मैनपुरी की करहल, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकर नगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद की गाजियाबाद सदर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर की मझवा, और कानपुर की सीमामऊ। इन सभी सीटों पर आजाद समाज पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी।

चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि नगीना की जीत ने दिखा दिया है कि जनता अब बदलाव चाहती है। जनता ने झूठे वादों से तंग आकर उन्हें सबक सिखाया है।

उन्हें उम्मीद है कि उपचुनाव में भी जनता का समर्थन उन्हें मिलेगा और वे बिना किसी गठबंधन के ही बड़ी जीत हासिल करेंगे। उनका विश्वास है कि जनता का यह गठबंधन उन्हें उपचुनाव में भी सफलता दिलाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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