ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उन्नाव: लोकसभा चुनाव के परिणाम में उन्नाव सीट से भले ही साक्षी महाराज ने जीत की हैट्रिक लगा ली हो। लेकिन इस बार उनको कड़ा संघर्ष करना पड़ा बेहद नजदीकी मुकाबले में साक्षी महाराज ने चालीस हजार से भी कम मतों से चुनाव जीत सके।
हालांकि साक्षी महाराज ने दावा किया था कि इस बार वह पांच लाख वोटों से चुनाव जीतेंगे लेकिन उनका यह दावा केवल दावा ही बनकर रह गया। आइए जानते हैं कि इस चुनाव परिणाम में जनता ने किसे अपनाया और किसे दिखाया आईना।
सपा की उम्मीदवार अनु टंडन ने दी कड़ी टक्कर
उन्नाव जिला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर के बीच स्थित है। इस सीट पर कुल 23 लाख 41 हजार 740 मतदाता हैं, जिसमें 55.47 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
उन्नाव लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा आती है, जिसमें भगवंतनगर, सफीपुर, बांगरमऊ, पुरवा, मोहान और उन्नाव शामिल है और यहां की सभी विधानसभा में बीजेपी के विधायक है यहां तक जिले का हर प्रमुख पद बीजेपी के पास ही है इसके बावजूद साक्षी महाराज को सपा की उम्मीदवार अनु टंडन कड़ी टक्कर देती नजर आई।
हालांकि साक्षी महाराज इस सीट से रिकार्ड बनाया और तोड़ा भी था , 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज चार लाख से अधिक मतों से चुनाव जीते थे इसलिए इस बार वह चुनाव से पहले दावा किया था कि इस बार अनु टंडन को पांच लाख से अधिक मतों से चुनाव हराएंगे। लेकिन यहां की जनता ने इस बार उन्हें आईना दिखाया और साक्षी महाराज कड़े मुकाबले में चालीस हजार से भी कम मतों से चुनाव जीत सके।
पांच लाख पार का खोखला दावा
मंगलवार को चुनाव जीतने पर मीडिया ने साक्षी महाराज से सवाल पूंछा था कि आपने पांच लाख से जीत का दावा किया था और वह दावा ही रह गया इस सवाल का जवाब देते हुए साक्षी महाराज ने कहा की पांच लाख से पार जीत का नारा हमारी पार्टी के लोगों ने दिया था लेकिन जो स्थितियां बनी है उनकी समीक्षा की जाएगी साथ ही कहा की इस परस्थिति में हमे इतनी बड़ी जीत मिली वह जनता का प्रेम है।
अनु टंडन ने किया ट्वीट
तो वहीं कड़े मुकाबले में साक्षी महाराज को सपा की उम्मीदवार अनु टंडन ने ट्वीट करते हुए लिखा की “2024 अपने @samajwadiparty और INDIA गठबंधन के लिए UP में ऐतिहासिक रहा! उन्नाव जीत का योगदान नहीं दे पाई।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."