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90 साल की उम्र में बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस वैजयंतीमाला को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। साउथ के फेमस एक्टर चिरंजीवी को भी राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आभार भी जताया है।
राष्ट्रपति ने दिया सम्मान
सदाबहार एक्ट्रेस वैजयंतीमाला और साउथ के स्टार चिरंजीवी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। दोनों स्टार्स को यह अवॉर्ड कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए मिला है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार की शाम राष्ट्रपति भवन में हुए ‘नागरिक अलंकरण समारोह-द्वितीय’ में साल 2024 के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस मौके पर Vyjayanthimala बेहद खुश थीं। 90 साल की उम्र में पद्म विभूषण से सम्मानित होकर वह गर्व महसूस कर रही थीं। वैजयंती माला ने पद्म विभूषण सम्मान पाने पर कहा, ‘साल 1969 में मुझे पद्म श्री मिला था और अब पद्म विभूषण मिला है। मैं बहुत खुश और आभारी हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।’
चिरंजीवी ने किया पोस्ट
राष्ट्रपति ने चिरंजीवी को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया तो अवॉर्ड मिलने पर चिरंजीवी ने खुशी जताते हुए सभी का आभार भी जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘कला प्रेमियों को, उन सभी को जिन्होंने कला के क्षेत्र में मेरा समर्थन किया उनको आभार’।
90 वर्षीय वैजयंती माला ने रामलला की राग सेवा में किया था डांस
वैजयंती माला एक मशहूर क्लासिकल डांसर भी रही हैं। उन्होंने इस साल मार्च में रामलला की राग सेवा में अयोध्या पहुंचकर डांस किया था। 90 साल की उम्र में उन्होंने अपने जबरदस्त क्लासिक डांस से सबका मन मोह लिया था। वैजयंती माला 50 और 60 के दशक की जानी-मानी एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने 16 साल की उम्र में एक तमिल फिल्म से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। उन्हें ‘देवदास’, ‘मधुमति’, ‘नया दौर’ और ‘साधना’ जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है। वैजयंती माला ने साल 1970 में फिल्म ‘गंवार’ करने के बाद एक्टिंग से रिटायरमेंट ले लिया था।
वहीं चिरंजीवी की बात करें, तो उनका असली नाम कोनिडेला शिव शंकर वरप्रसाद राव है, लेकिन फिल्मों में आने के बाद वह मेगास्टार चिरंजीवी के नाम से मशहूर हो गए। चिरंजीवी ने अपने अब तक करियर में 150 से भी ज्यादा फिल्में कीं और कई रिकॉर्ड बनाए। साल 2006 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और अब पद्म विभूषण से नवाजा गया। चिरंजीवी पहले ऐसे साउथ एक्टर हैं, जो 1987 में हुए ऑस्कर समारोह में शामिल हैं।
बॉलीवुड की महान अभिनेत्री वैजयंती माला का जन्म 13 अगस्त 1936 को तमिलनाडु में हुआ था। इस महान अभिनेत्री ने भी एक्टिंग की शुरुआत मात्र 13 वर्ष की उम्र से कर दी थी। उनकी खूबसूरती और मासूमियत ने उन्हें एक अलग ही पहचान दिलाई। वैजयंती माला ने सिर्फ दक्षिण भारतीय ही नहीं, हिन्दी सिनेमा पर भी राज किया।
बड़ी और खूबसूरत आंखें, शांत चेहरा और दिल खुश कर देने वाली मुस्कान, आखिर कौन उनका दीवाना न बन सके। उन्होंने बॉलीवुड से लेकर टॉलीवुड तक अपनी पहचान बेहतरीन एक्ट्रेस के तौर पर बनाई। उन्हें ऐसी अभिनेत्री के तौर पर माना जाता है जिन्होंने दक्षिण भारतीय अभिनेत्रियों को बॉलीवुड में विशिष्ट पहचान दिलाई।
दक्षिण के सिनेमा में काम करने के बाद 1951 में वैजयंती माला ने बॉलीवुड में पहली फिल्म ‘बहार’ की थी। इसके कुछ समय बाद ही वर्ष 1954 में प्रदर्शित फिल्म ‘नागिन’ वैजयंती माला के सिने करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद उन्होंने ‘देवदास’, ‘साधना’, ‘मधुमती’, ‘गंगा-जमुना’, ‘संगम’, ‘संघर्ष’ जैसी कई फिल्में दीं। उन्हें इन फिल्मों के लिए कई पुरस्कार मिले हैं।
शरतचन्द्र के उपन्यास पर बनी फिल्म ‘देवदास’ में वैजयंती माला ने चन्द्रमुखी का किरदार निभाया था और इसमें उन्हें बहुत सराहा गया था। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था। वहीं 1958 की फिल्म ‘साधना’ में वैजयंती माला को उनके जीवन का पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था। फिल्म में उनकी एक्टिंग बहुत ही दमदार थी। वहीं ‘मधुमती’ फिल्म पुनर्जन्म पर आधारित थी। इस फिल्म में वैजयंती माला ने तिहरी भूमिका निभाई। इससे दर्शक उनके फैन बन गए थे। तिहरी भुमिका निभाकर वैजयंती ने सिनेमा में अपना दमदार कदम रखा था। हालांकि इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए सिर्फ नामांकित ही किया गया था।
1964 में फिल्म ‘संगम’ प्रदर्शित हुई। राजकपूर निर्मित-निर्देशित ‘संगम’ प्रेम त्रिकोण पर आधारित थी। इस फिल्म में उनकी जोड़ी राज कपूर और राजेन्द्र कुमार के साथ रही, साथ ही यहीं से उनके और राज कपूर के अफेयर की खबरें शुरू हो चुकी थीं। इस फिल्म में भी वैजयंती को अपने दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला।
वैजयंती माला ने अपने करियर में दिलीप कुमार, राज कपूर, देवानंद, राजेन्द्र कुमार, सुनील दत्त जैसे बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। इसमें उनकी जोड़ी हालांकि सबसे ज्यादा राजेन्द्र कुमार के साथ पसंद की गई, लेकिन उनके रिलेशनशिप के किस्से दिलीप कुमार और राज कपूर के साथ जोड़े गए। वैजयंती माला ने 2007 में अपनी एक ऑटोबायोग्राफी ‘बॉन्डिंग’ भी लिखी थी जिसमें उन्होंने अपने दोनों ही को-स्टार्स के साथ किसी भी रिलेशनशिप की खबरों को गलत बताया था।
1968 में वैजयंती माला ने चमनलाल बाली से शादी कर ली थी। इसके बाद उन्होंने फिल्मों से किनारा कर लिया था। हालांकि उन्होंने शादी से पहली साइन की हुई फिल्में खत्म कीं। वैजयंती माला ने राजनीति में भी अपनी सक्रियता दिखाई। पहले उन्होंने तमिलनाडु जनरल इलेक्शन में भाग लिया। वे कांग्रेस में थीं। कांग्रेस से उन्होंने 1999 को रिजॉइन कर दिया था और भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली थी।
वैजयंती माला ने हिन्दी के अलावा तेलुगु, तमिल और बंगला फिल्मों में भी अभिनय किया। वैजयंती माला को भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."