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November 2, 2024 10:49 am

Animal  फिल्म की तरह हकीकत में मौत का खेल खेलने वाले इन माफियाओं की हरकतें आज भी डरा देती हैं

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

इन दिनों बॉलिवुड की एनिमल फिल्म की चर्चा है। रणबीर कपूर स्टारर इस फिल्म में अंधाधुंध गोलियां बरसाते हुए दिखाया गया है। मिलता-जुलता मामला जयपुर में भी नजर आया, जहां राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई। लेकिन यूपी में ऐसे मर्डर की लंबी फेहरिस्त है। राजनेताओं से लेकर माफियाओं तक की Animal स्टाइल में किलिंग हुई है।

लखनऊ के दिलीप होटल में एके-47 की उठी गूंज

1 अगस्त 1997 की सुबह करीब पौने दस बजे लखनऊ के हुसैनगंज चौराहा स्थित दिलीप होटल में श्रीप्रकाश शुक्ला गैंग ने चार लोगों पर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी थी। गोलियों का शिकार हुए युवकों की पहचान गोरखपुर निवासी भानु प्रकाश मिश्रा, उसके भांजे विवेक शुक्ला, साथी उमाशंकर सिंह और रमेश जायसवाल के रूप में हुई। रेलवे के टेंडर को लेकर यह हमला उस वक्त हुआ, जब विधानसभा का सत्र चल रहा था।

गाजीपुर में BJP विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड

29 नवंबर 2005 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद से तत्‍कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। गांव के पास कार्यक्रम से लौटते हुए रास्ते में कृष्णानंद राय को घेरकर 500 राउंड फायरिंग हुई थी। इस हमले में एके-47 का इस्तेमाल हुआ था। वर्चस्व की इस जंग में मुख्तार अंसारी ने मुन्ना बजरंगी से यह कांड करवाया था।

बृजेश सिंह ने अंजाम दिया सिकरौरा नरसंहार!​

10 अप्रैल, 1986 की रात में चंदौली जिले के सिकरौरा के प्रधान रामचंद्र यादव के साथ ही उनके भाई रामजन्म और सियाराम और चार छोटे बच्चों की जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई थी। वारदात की वजह जमीन संबंधी विवाद और ग्राम प्रधानी के चुनाव से जुड़ी रंजिश बताई गई थी। हीरावती की तहरीर पर बृजेश सहित 13 को आरोपी बनाया गया था। बृजेश ने जरायम की दुनिया में कदम रख दिया था।

मुख्तार अंसारी के काफिले पर बृजेश का हमला

माफिया मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह की अदावत के दौरा गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को मोहम्मदाबाद थानाक्षेत्र के उसर चट्टी इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट हुई थी। मऊ से तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने मिलकर जानलेवा हमला किया था। दिनदहाड़े हुए इस हमले में मुख्तार के गनर समेत 3 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में बृजेश सिंह भी घायल हुआ था।

श्रीप्रकाश शुक्ला ने की वीरेंद्र शाही को ठोक दिया​

1997 में श्रीप्रकाश शुक्ला ने लखनऊ में लक्ष्मीपुर से विधायक रह चुके वीरेंद्र शाही को गोलियों से भून दिया था। एके-47 से उन पर गोलियां बरसाई गई थी। वीरेंद्र शाही के शरीर पर करीब 105 छेद थे। बाहुबल की इस जंग में श्रीप्रकाश ने एक बार गोरखपुर में भी शाही पर हमला किया था लेकिन वह बाल-बाल बच गए थे।

MLA महेंद्र भाटी के खून का आरोप डीपी यादव पर​

वेस्ट यूपी की राजनीति भी खून के छींटों से रंगी है। 13 सितंबर, 1992 को विधायक महेंद्र सिंह भाटी की गाजियाबाद जिले में दादरी रेलवे क्रॉसिंग पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। हमले में भाटी के साथ उनका साथी उदय प्रकाश आर्य भी मारा गया था। आरोप लगा कभी उनके साथी रहे धर्मपाल उर्फ डीपी यादव पर। साथ में परनीत भाटी, करण यादव और पाल सिंह उर्फ लक्कड़पाला को मामले में दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हालांकि बाद में सबूतों के अभाव में यादव बरी हो गए।

वाराणसी में बाहुबली धनंजय सिंह पर शूटआउट​

लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ से निकलकर बाहुबल में पैर जमा चुके धनंजय सिंह विधायक बन गए थे। 5 अक्टूबर 2002 को वाराणसी से गुजरते समय उनके काफिले पर हमला हुआ। इसे बनारस का पहला ‘ओपन शूटआउट’ कहा जाता है। नदेसर में टकसाल सिनेमा के सामने धनंजय का सामना कभी उनके मित्र रहे अभय सिंह से हुआ। दोनों तरफ से जमकर गोलियां चलीं। इस हमले में कई लोग घायल हुए थे।

कानपुर वाले विकास दुबे का बिकरू कांड याद है?​

बिकरू कांड की यादें आज भी लोगों जहन में ताजा हैं। 2 जुलाई 2020 की रात गोलियों की तड़तड़ाहट से बिकरू गांव गूंज उठा था। खूंखार अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देने गई थी। पुलिस का जेसीबी से रास्ता रोका गया था, विकास दुबे और उसके गुर्गे अत्याधुनिक हथियारों के साथ छतों पर छिपकर पुलिस कर्मियों पर गोलियां बरसा रहे थे। आठ पुलिस कर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बाद में विकास का एनकाउंटर हुआ और साम्राज्य ध्वस्त कर दिया गया।

बाहुबली अतीक अहमद की कत्ल की वो रात

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से आरोपी अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज में पेशी पर लाया गया था। पुलिस कस्टडी के दौरान ही 3 शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय दोनों को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाया जाया जा रहा था। मीडिया के कैमरे के सामने हुई इस वारदात से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। हत्यारोपित अरुण, लवलेश और सनी सिंह जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."