आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान जातिवार जनगणना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को जमकर घेरा। शायराना अंदाज में योगी ने अखिलेश पर हमला बोला। योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में नकारात्मक माहौल था। 2017 के बाद से लोगों का नजरिया बदला है। यूपी वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में जाति के नाम पर परिवारवाद की अराजकता पैदा करने वाले लोगों से जनता वाकिफ है, इसीलिए इनसे कहना चाहता हूं कि,
आदमी न ऊंचा होता है, न नीचा होता है
आदमी न बड़ा होता है, न छोटा होता है
आदमी सिर्फ आदमी होता है।
अटल की ये लाइनें याद कर योगी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा। कहा कि सपा के सरकार में माननीय कांशीराम और बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के नाम पर बने संस्थान के नाम बदल दिए गए। सामाजिक न्याय के उन पुरोधाओं के नाम पर बने स्मारकों को तोड़े जाने की बात की जाती थी, तब पीडीए नहीं था क्या। जब एक गरीब के हक पर डकैती पड़ती थी, तब पीडीए नहीं था क्या, किसान और बेरोजगार आत्महत्या करता था, तब इनका पीडीए कहां था। जब ये सरकार में थे, तब पीडीए भूल गए थे।
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ये जाति इनका झुनझुना है। जब सारे हथियार समाप्त हो जाते हैं, तब पीडीए आगे करके जाति का ढिंढोरा पीटते हैं। योगी आदित्यनाथ ने रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित रश्मि रथी की कुछ पक्तियां पढ़कर अखिलेश पर हमला बोला…
मूल जानना बड़ा कठिन है नदियों का, वीरों का,
धनुष छोड़ कर और गोत्र क्या होता है रणधीरों का,
पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर,
‘जाति-जाति’ का शोर मचाते केवल कायर क्रूर।
योगी ने कहा कि जब अवसर मिलता था तो गरीबों के हक पर डकैती डालते थे। उनकी नौकरियों पर डकैती डालते थे। हर नौकरी पर भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ जाती थी। इंसेफेलाइटिस और बीमारियों से बच्चे मरते थे, तब पीडीए याद नहीं आता था। भ्रष्टाचार चरम पर था, हत्याएं करवाते थे, लेकिन तब उस समय इनसे कोई पूछने वाला नहीं होता था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."