हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
डीग/कामां : झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ अब डीग जिले में प्रशासन सख्त हो गया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीग जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर कामां सहित आसपास के क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाई शुरू की है। बुधवार को गठित विशेष टीमों ने चार क्लीनिकों पर छापा मारा, जिनमें से तीन क्लीनिक बिना वैध दस्तावेजों के संचालित पाए गए। प्रशासन ने इन्हें नोटिस जारी कर वैध चिकित्सा दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। तय समय में दस्तावेज नहीं मिलने पर संबंधित क्लीनिक सीज किए जाएंगे।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर टीम ने मारी छापेमारी
झोलाछाप चिकित्सकों पर शिकंजा कसने के लिए डीग जिला कलेक्टर के आदेश पर एक विशेष टीम बनाई गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. विजय सिंघल ने बताया कि यह कार्रवाई जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए की जा रही है। टीम का नेतृत्व डीग बीसीएमओ डॉ. राजीव मित्तल ने किया, जिन्होंने कामां क्षेत्र में कई क्लीनिकों की सघन जांच की।
चार क्लिनिकों पर कार्रवाई, तीन के पास नहीं थे दस्तावेज
कार्रवाई के दौरान कोसी चौराहा स्थित डॉ. रविंद्र तरगोत्रा के क्लिनिक, अंबेडकर सर्किल स्थित सिमलवार डेन्टल क्लीनिक और त्रिकुटिया बाजार में डॉ. पुरूषोत्तम गोयल के क्लिनिक की जांच की गई। इसके अलावा डॉ. जगवीर सिंह के डेन्टल क्लीनिक की भी जांच हुई। जांच के दौरान सिर्फ सिमलवार डेन्टल क्लीनिक ने अपने वैध दस्तावेज पेश किए, जबकि अन्य तीन झोलाछाप चिकित्सक कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए।
डीग बीसीएमओ डॉ. राजीव मित्तल ने बताया कि जिन चिकित्सकों के पास वैध मेडिकल रजिस्ट्रेशन या प्रमाण पत्र नहीं हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। अगर निर्धारित समय सीमा में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए तो क्लीनिक सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।
झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई क्यों जरूरी?
पिछले कुछ महीनों से कामां और डीग क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार से लोग परेशान हैं। ये बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री या प्रशिक्षण के इलाज कर रहे हैं, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है। कई बार गलत दवाओं और इंजेक्शन के कारण मरीजों की हालत बिगड़ने की शिकायतें भी सामने आई हैं। ऐसे में प्रशासन ने अब सख्ती दिखाते हुए इन पर लगाम लगाने की ठानी है।
सीएमएचओ डॉ. विजय सिंघल का बयान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय सिंघल ने कहा कि झोलाछाप चिकित्सक आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिलेभर में ऐसी गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देना है। बिना पंजीकरण और बिना योग्य प्रमाण पत्र के कोई भी व्यक्ति चिकित्सा कार्य नहीं कर सकता।”
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई
डीग जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान सिर्फ शुरुआत है। आगे भी झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि जिले के प्रत्येक ब्लॉक और गांव में ऐसे क्लीनिकों की जांच की जाए जहां बिना लाइसेंस चिकित्सा कार्य हो रहा है।
डीग बीसीएमओ डॉ. राजीव मित्तल ने कहा कि “किसी को भी जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हर स्तर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और क्लीनिक सीज किए जाएंगे।”
स्थानीय लोगों ने कार्रवाई का किया स्वागत
कामां और डीग क्षेत्र के लोगों ने इस प्रशासनिक कार्रवाई का स्वागत किया है। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि लंबे समय से क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला था, जिससे गलत इलाज और फर्जी जांच की शिकायतें मिलती रहती थीं। अब इस अभियान से लोगों को राहत मिलेगी।
❓ क्लिक करके पढ़ें सवाल-जवाब
प्रश्न 1: कामां में झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई क्यों की गई?
लोगों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि बिना योग्य डिग्री वाले चिकित्सक इलाज कर रहे हैं। इन्हीं शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की।
प्रश्न 2: किन चिकित्सकों के क्लिनिक की जांच की गई?
डॉ. रविंद्र तरगोत्रा, डॉ. जगवीर सिंह, डॉ. पुरूषोत्तम गोयल और सिमलवार डेन्टल क्लीनिक की जांच की गई। इनमें केवल सिमलवार क्लीनिक ने वैध दस्तावेज दिखाए।
प्रश्न 3: आगे क्या कार्रवाई की जाएगी?
जिन क्लिनिकों ने वैध दस्तावेज नहीं दिए, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। समय पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर उनके क्लिनिक सीज किए जाएंगे।
प्रश्न 4: क्या यह अभियान आगे भी चलेगा?
हां, जिला प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि डीग जिले में झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान निरंतर जारी रहेगा।







