कामवन रामलीला समिति के तत्वावधान में प्रथम दिन हुई नारद मोह की लीला, गणेश पूजन और झंडा पूजन से हुआ शुभारंभ

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

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कामां (भरतपुर): ब्रजभूमि के पवित्र धाम कामवन में इस वर्ष भी भव्य कामवन रामलीला महोत्सव 2025 का शुभारंभ
बड़े धूमधाम के साथ हुआ। कामवन रामलीला समिति के तत्वावधान में कोट ऊपर स्थित
रामलीला मैदान पर प्रथम दिवस की रामलीला में गणेश पूजन एवं
नारद मोह की लीला का भावपूर्ण मंचन किया गया।

मंचन की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसमें गणेश के रूप में कुश पाराशर ने
अपनी सशक्त प्रस्तुति दी। इसके बाद भगवान विष्णु की भूमिका में भुवनेश्वर शर्मा, कामदेव के रूप में
इशांत शर्मा, लक्ष्मी के रूप में गोविंद डिंपू और नारद के रूप में
मुकेश शर्मा ने मंच पर समा बाँध दिया। दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की भरपूर सराहना की।

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मंच पर ब्रह्मा जी के रूप में उमाशंकर, शंकर जी के रूप में अशोक सोनी और इंद्र के रूप में
कपिल अग्रवाल नजर आए। वहीं शीलनिधि राजा का किरदार
लीलाधर शर्मा ने शानदार ढंग से निभाया। मंत्री के रूप में भवानी शंकर,
पुरवासी के रूप में राजेश और प्रदीप, योगमाया के रूप में अभय सिंह,
विश्वमोहिनी के रूप में देव शर्मा ने अपने-अपने पात्रों में जान डाल दी।

दूत एवं रूद्रगण की भूमिका में ओमकार प्रधान, गिरधर शर्मा और
तेजा सैनी ने अभिनय कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वयंवर प्रसंग में
राजा की भूमिका में शेखर शर्मा तथा द्वारपाल के रूप में तुषार पीतलिया
और इशांत शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया।

गणेश पूजन और झंडा पूजन से हुई शुरुआत

लीला प्रारंभ होने से पहले टीले वाले हनुमान जी मंदिर पर
मदन मोहन जी मंदिर के गोस्वामी रसेश बाबा के सानिध्य में
झंडा पूजन समारोह संपन्न हुआ। “जेहि सुमिरत सिधि होय” के साथ
हनुमान जी के समक्ष कामवन रामलीला समिति के सभी पदाधिकारी और कलाकार उपस्थित रहे।
पूजन के बाद झंडा पूजन की भव्य शोभायात्रा कामवन के मुख्य बाजारों से निकाली गई।

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रास्ते भर रामलीला झंडा यात्रा का जगह-जगह पर उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया।
झंडा पूजन के बाद टीले वाले हनुमान जी, लालेश्वर हनुमान जी,
लाल दरवाजा गणेश जी, रामलीला मैदान की बल्ली और
पंचायती गोपाल जी मंदिर पर झंडे लगाए गए।

भक्तिमय माहौल और भारी संख्या में श्रद्धालु

पूरे रामलीला मैदान में राम भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने “जय श्रीराम” और “राधे राधे” के
जयकारों से वातावरण को पवित्र बना दिया। कामवन रामलीला समिति की इस परंपरागत लीला में
हर वर्ष की तरह इस बार भी ब्रज के कई क्षेत्रों से श्रद्धालु पहुंचे।

समिति ने बताया कि आने वाले दिनों में राम जन्म, सीता स्वयंवर,
राम वनगमन, सुग्रीव मैत्री और लंका विजय जैसी
प्रमुख लीलाओं का मंचन किया जाएगा। इन सभी आयोजनों का मुख्य उद्देश्य
रामलीला के माध्यम से सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है।

कामवन रामलीला समिति का उद्देश्य

कामवन रामलीला समिति का मुख्य उद्देश्य ब्रज की लोक संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को
जीवंत रखना है। समिति के सदस्य वर्षों से इस आयोजन को सफल बनाने में जुटे हैं।
यह आयोजन कामां क्षेत्र में धार्मिक एकता और भक्ति का प्रतीक बन चुका है।

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इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया और दर्शकों से
आगामी लीलाओं में भी अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की।

सवाल-जवाब (FAQ)

कामवन रामलीला महोत्सव कहाँ आयोजित किया जा रहा है?

कामवन रामलीला महोत्सव कोट ऊपर स्थित रामलीला मैदान, कामां (भरतपुर) में आयोजित किया जा रहा है।

रामलीला के पहले दिन कौन सी लीला का मंचन हुआ?

पहले दिन नारद मोह की लीला और गणेश पूजन का मंचन किया गया।

रामलीला के आयोजन का उद्देश्य क्या है?

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य रामकथा के माध्यम से भारतीय सनातन संस्कृति और ब्रज की परंपराओं का प्रचार-प्रसार करना है।

झंडा पूजन समारोह में कौन उपस्थित रहे?

झंडा पूजन समारोह में गोस्वामी रसेश बाबा सहित रामलीला समिति के सभी पदाधिकारी और कलाकार उपस्थित रहे।

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