
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
क्रिस्टल ने स्केटिंग में चैंपियनशिप जीतकर परचम लहराया। बीते दिन टाउनशिप स्थित केंद्रीय विद्यालय में आयोजित पांचवीं डिस्ट्रिक्ट मथुरा रोलर स्केटिंग प्रतियोगिता में सातवीं कक्षा की छात्रा क्रिस्टल चौधरी ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर शीर्ष स्थान हासिल किया।
क्रिस्टल चौधरी की उपलब्धि
क्रिस्टल चौधरी, पुष्प कुंज डीपीएस की छात्रा और अशोक कुमार की पुत्री, शुरू से ही स्केटिंग के प्रति जुनून रखती थीं। उन्होंने प्रतियोगिता में अपनी तकनीकी क्षमता, संतुलन और गति का शानदार प्रदर्शन किया। परिणामस्वरूप, उन्होंने डिस्ट्रिक्ट मथुरा रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया और अपने स्कूल व परिवार का नाम गौरवान्वित किया।
परिवार और शिक्षक द्वारा बधाई
क्रिस्टल की इस उपलब्धि पर उनके परिवार, शिक्षक और परिचितों ने बधाई दी। ठा.के.के सिंह, अरुण सिंह चौहान, विनोद सिंह राणा, सुरेश सिंह चौहान, विष्णु प्रताप सिंह सहित उनके पिता और अन्य रिश्तेदार इस खुशी में शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि क्रिस्टल की मेहनत, लगन और समर्पण ने उन्हें यह सफलता दिलाई है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।
प्रतियोगिता का महत्व
डिस्ट्रिक्ट मथुरा रोलर स्केटिंग प्रतियोगिता जैसी प्रतियोगिताएं युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने और उनमें प्रतिस्पर्धात्मक भावना विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस तरह की प्रतियोगिताओं से छात्र शारीरिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम वर्क जैसी क्षमताओं का विकास भी करते हैं।
क्रिस्टल के भविष्य के सपने
क्रिस्टल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता और प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन सबसे बड़ा योगदान रहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्केटिंग में भाग लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर क्रिस्टल इसी तरह मेहनत करती रहीं, तो वह स्केटिंग में एक बड़ा नाम बन सकती हैं।
स्केटिंग में प्रेरणा और जूनून
क्रिस्टल चौधरी स्केटिंग के क्षेत्र में जूनून और निरंतर अभ्यास की मिसाल हैं। उनकी यह उपलब्धि दिखाती है कि युवा प्रतिभाओं को उनके जुनून के क्षेत्र में अवसर और समर्थन मिले तो वे असाधारण सफलता हासिल कर सकते हैं।
अंततः, क्रिस्टल ने स्केटिंग में चैंपियनशिप जीतकर परचम लहराया, और अपने स्कूल, परिवार और जिले का नाम गौरवान्वित किया। यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है और यह स्पष्ट करती है कि यदि युवा अपने जुनून के प्रति समर्पित रहें, तो कोई भी मुकाम असंभव नहीं है।
