
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट,
वृंदावन में आस्था का अद्भुत नज़ारा
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर उत्तर प्रदेश के पावन तीर्थ वृंदावन में एक विशेष दृश्य देखने को मिला।
यहां बिहार निवासी सोनम पांडे, जो इन दिनों वृंदावन में रह रही हैं, ने संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु के लिए व्रत रखा।
उन्होंने राम जानकी घाट पर यमुना तट पर पूरी श्रद्धा और भक्ति से सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ अनुष्ठान पूरा किया।
महाराज की तस्वीर लेकर दिया सूर्य को अर्घ्य
सोनम पांडे ने पूजा के दौरान संत प्रेमानंद महाराज की तस्वीर हाथ में लेकर यमुना तट पर खड़ी होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया।
उन्होंने कहा, “मैंने यह व्रत महाराज जी के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए रखा है। छठ मैया से मेरी यही प्रार्थना है कि वे शीघ्र स्वस्थ हों और हमें उनके दर्शन निरंतर प्राप्त हों।”
उनका यह भाव देखकर घाट पर मौजूद श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
श्रद्धा और भक्ति का जीवंत उदाहरण
इस दृश्य ने हर किसी को प्रभावित किया। भक्तों का कहना है कि सोनम पांडे का यह कार्य भक्ति और समर्पण का जीवंत उदाहरण है।
जहां एक ओर लोग अपने परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखते हैं, वहीं सोनम ने किसी अन्य के स्वास्थ्य लाभ के लिए यह कठिन तप रखा।
यह कदम प्रेमानंद महाराज के प्रति देशभर में फैली श्रद्धा को और प्रगाढ़ करता है।
देशभर में महाराज के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाएँ
हाल ही में संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर देशभर में उनके भक्त चिंतित हैं।
मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों पर उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए लगातार सामूहिक हवन, जाप और भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है।
सोनम पांडे का छठ व्रत इसी श्रद्धा श्रृंखला का प्रेरणादायक हिस्सा माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
सोनम पांडे के छठ व्रत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। लोग उनकी आस्था की सराहना करते हुए यह कह रहे हैं कि
प्रेमानंद महाराज के प्रति भक्तों की भक्ति सीमाओं, धर्म और परंपराओं से परे है।
वृंदावन के स्थानीय नागरिकों ने भी इस भावनात्मक घटना को आस्था का “जीवंत प्रमाण” बताया है।

समर्पण और मानवता का संदेश
सोनम पांडे द्वारा रखा गया यह व्रत केवल भक्ति नहीं, बल्कि मानवता और समर्पण का सशक्त संदेश देता है।
उन्होंने दिखाया कि सच्ची आस्था केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई और स्वास्थ्य के लिए भी हो सकती है।
स्थानीय श्रद्धालु इसे “सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा” का प्रतीक मानते हैं।
सवाल-जवाब
सोनम पांडे ने छठ व्रत क्यों रखा?
यह घटना क्यों विशेष मानी जा रही है?
क्या इस अनुष्ठान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं?







