
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
आजम खान का सियासी सफर और रिहाई के बाद उनका बयान
उत्तर प्रदेश की सियासत में आजम खान का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। रामपुर की गलियों में लोग कहते थे, “जनाब हमारा नाम ही काफी है। हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है।” हकीकत में भी आजम खान की राजनीतिक छवि इतनी मजबूत थी कि चार दशक तक उनकी तूती पूरे यूपी में बोलती रही।
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लेकिन 2017 में बीजेपी की सत्ता में आने के बाद आजम खान के राजनीतिक जीवन में कठिन दौर की शुरुआत हुई। उन पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए और वह करीब 50 महीने तक जेल में रहे। जेल से रिहाई के बाद 23 सितंबर को आजम खान ने मीडिया से खुलकर बातचीत की और अपने राजनीतिक भविष्य, पार्टी संबधित अटकलों और निजी अनुभवों पर प्रकाश डाला।
आजम ने कहा क्या❓ – बीएसपी अटकलों पर सफाई
आजम खान ने पहली बार बीएसपी में जाने की अफवाहों पर खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह चरित्रवान और बिकाऊ नहीं हैं। आजम खान ने कहा, “हम पहले भी साबित कर चुके हैं कि हमारी नीयत साफ है। दूसरी पार्टी में जाने का सवाल ही नहीं उठता।”

मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन के बयान पर आजम खान ने कहा कि टिकट की बात करना उनकी सीमा से बाहर है। “हम अपने अपनों को भी टिकट नहीं दिला पाए, तो दूसरों को कैसे देंगे। एसटी हसन हमारे बड़े भाई हैं। उनके बयान का मतलब केवल यह है कि वे अपनी राय दे रहे हैं। इससे ज्यादा कुछ नहीं।”
सपा के मुखिया अखिलेश यादव पर आजम का बयान
जेल से बाहर आने के बाद आजम खान ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अखिलेश बड़ी पार्टी के बड़े नेता हैं। मेरे जैसे छोटे आदमी के लिए उन्होंने जो कुछ कहा, वह उनके बड़ेपन को दर्शाता है। अभी तक मेरी उनसे कोई व्यक्तिगत बातचीत नहीं हुई है। जेल में मोबाइल का इस्तेमाल तक संभव नहीं था, इसलिए पांच साल से मैं अपने संपर्क नंबर तक भूल गया था।”
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उन्होंने आगे बताया कि जेल में उनका सियासी रूप मर चुका था और यह उनके लिए काफी कठिन समय था। इसके बावजूद आजम खान ने कहा कि उन्होंने न्यायपालिका पर विश्वास बनाए रखा और उन्हें उम्मीद है कि वह बेदाग साबित होंगे।
मुकदमों और कानूनी लड़ाई पर आजम का दृष्टिकोण
आजम खान ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यदि मुकदमों में दम होता तो वह जेल में नहीं होते। “छोटी अदालत से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक इंसाफ मिलेगा। मुझे उम्मीद है कि मैं बेदाग साबित हो जाऊंगा।”
रिहाई के बाद बड़े नेताओं के न आने पर आजम खान ने कहा कि सभी सुरक्षित रहें और यही उनकी कामना है। इसके बावजूद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं, और उनके हर कदम पर निगरानी रखी जा रही है।
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और फतेहपुर सांसद नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि आजम खान देश के जाने-माने नेता हैं और सपा के संस्थापक सदस्य भी हैं। उनके खिलाफ मुकदमे राजनीतिक रंजिश पर आधारित थे। नरेश उत्तम ने साफ किया कि आजम खान बीएसपी में नहीं जा रहे हैं और उनके जाने की अफवाहें मनगढ़ंत हैं।
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सपा सांसद ने कहा कि “डबल इंजन की सरकार ने जनता को डबल दुख दिए हैं। इसलिए 2027 में एक इंजन का फेल होना तय है। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता जेल से बाहर आए हैं, जिससे पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी बहुत खुश हैं।”
2027 की चुनावी रणनीति और भविष्य
नरेश उत्तम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें बूथ स्तर पर जुटने की आवश्यकता है। उन्होंने दावा किया कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोग भाजपा के राज में असुरक्षित हैं और पीडीए के लोग सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में उनका हक दिलाएंगे।
सपा सांसद ने जोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत ही 2027 में सपा की जीत सुनिश्चित करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आजम खान का रिहाई के बाद सक्रिय होना सपा के लिए राजनीतिक मजबूती साबित होगा।
आजम खान की जेल से रिहाई उनके राजनीतिक जीवन में नए अध्याय की शुरुआत है। बीएसपी में जाने की अफवाहों को उन्होंने खारिज किया और सपा के प्रति अपनी वफादारी जताई। उनके बयान और सपा नेताओं की प्रतिक्रिया यह संकेत देती हैं कि आजम खान का सियासी सफर अभी खत्म नहीं हुआ है।
