तार तार रिश्ते की ऐसी कहानियाँ आपके रौंगटे खड़े कर देगी… 

रक्षा का वादा करने वाले भाई द्वारा बहन पर अत्याचार का प्रतीकात्मक चित्र

अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250922_085217_0000
Schools Poster in Light Pink Pink Illustrative Style_20250922_085125_0000
Blue Pink Minimalist Modern Digital Evolution Computer Presentation_20250927_220633_0000
Red and Yellow Minimalist Truck Services Instagram Post_20251007_223120_0000
Red and Black Corporate Breaking News Instagram Post_20251009_105541_0000
समाचार दर्पण 24 टीम जॉइनिंग पोस्टर – राजस्थान जिला ब्यूरो आमंत्रण
Light Blue Modern Hospital Brochure_20251017_124441_0000
IMG-20251019-WA0014
Picsart_25-10-21_19-52-38-586
previous arrow
next arrow

बेटियां अपने ही घर में क्यों नहीं हैं सुरक्षित?

मेरे घर आई एक नन्ही परी… हमारे घर लक्ष्मी आई है।”

हर बेटी के जन्म पर यही कहा जाता है। लेकिन जब वही नन्ही परी अपने ही आंगन में सुरक्षित न रहे, तो क्या सचमुच ये बातें मायने रखती हैं? तार तार रिश्ते की ये घटनाएं केवल अपराध नहीं, बल्कि समाज की जड़ों को हिला देने वाली सच्चाई हैं।

बेटियों को अक्सर घर में रहने की सलाह दी जाती है ताकि वे सुरक्षित रहें। लेकिन सवाल यह है कि अगर घर ही सबसे असुरक्षित जगह बन जाए, तो बेटियां आखिर कहां जाएंगी?

हरदोई का मामला : तार तार रिश्ते की ताज़ा मिसाल

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से हाल ही में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। दो सगे बड़े भाई महीनों तक अपनी ही छोटी बहन का रेप करते रहे।

पीड़िता की उम्र 19 साल थी।

एक साल से ज्यादा समय तक भाई लगातार उसका शोषण करते रहे।

विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई।

यहां तार तार रिश्ते तब और उजागर हुए जब युवती की शादी तय हुई और उसने साहस जुटाकर अपने मंगेतर को सब सच बताया। मंगेतर ने उसका साथ दिया और उसने गुपचुप वीडियो बनाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आज दोनों आरोपी जेल में हैं, लेकिन यह सवाल अब भी खड़ा है – घर में भी बेटियां सुरक्षित क्यों नहीं?

इसे भी पढें  शताब्दी वर्ष पर नगर शाहाबाद में पथ संचलन कार्यक्रम — संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव

दिल्ली से जयपुर तक : जब तार तार रिश्ते बन गए अपराध की कहानियां

दिल्ली का मामला

राजधानी दिल्ली में एक 39 वर्षीय बेटे ने अपनी 70 वर्षीय मां का रेप किया।

हथियार दिखाकर कमरे में बंद किया।

घटना के बाद पिता को फोन कर मां के चरित्र पर सवाल उठाए।

आरोपी का तर्क था कि उसने यह सब मां को “सजा” देने के लिए किया।

यह घटना दर्शाती है कि तार तार रिश्ते केवल बेटियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मां जैसी पवित्रतम पहचान भी असुरक्षित है।

जयपुर का मामला

जयपुर में एक पिता ने 5 साल तक अपनी दो बेटियों (10 और 11 वर्ष) का रेप किया।

मां को पता था लेकिन पति के डर से चुप रही।

पुलिस और डॉक्टर की मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

यहां भी वही सवाल खड़ा हुआ – जब पिता ही हैवान बन जाए, तो बेटी की रक्षा कौन करेगा?

कोटा का मामला

राजस्थान के कोटा में 13 साल की बच्ची से उसके पड़ोसियों ने दुष्कर्म किया।

बच्ची अपनी दादी के साथ घर में सो रही थी।

चार पड़ोसियों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया।

इसे भी पढें  शेख को चाहिए सेक्स पार्टनर : दिल्ली के बाबा चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाली चैट का खुलासा

अन्य घटनाएं

मई 2024 में एक मामा ने अपनी नाबालिग भांजी से रेप किया।

अमेठी में एक पिता ने अपनी 13 साल की बेटी का शोषण किया।

हर घटना एक ही संदेश दे रही है – तार तार रिश्ते।

समाज के लिए सबसे बड़ा प्रश्न : बेटियां आखिर कहां सुरक्षित हैं?

हर इंसान अपने घर को सबसे सुरक्षित जगह मानता है। लेकिन जब वही घर बेटियों के लिए खतरा बन जाए, तो सवाल उठता है;

क्या सिर्फ पराई निगाहें ही खतरनाक हैं?

क्या अपनों का चेहरा भी अब विश्वासघाती हो चुका है?

क्या हमें रिश्तों की परिभाषा को नए सिरे से सोचने की जरूरत है?

तार तार रिश्ते का दर्द यही है कि जिस भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का वचन लिया जाता है, वही रक्षक हैवान बन जाता है। जिस पिता को बेटी भगवान के बराबर मानती है, वही उसके सपनों को कुचल देता है।

रक्षा का वादा करने वाले भाई द्वारा बहन पर अत्याचार का प्रतीकात्मक चित्र
रक्षा का वचन देने वाला भाई ही जब हैवान बन जाए, तो रिश्तों की मर्यादा टूट जाती है।

क्यों होते हैं रिश्ते तार तार?

इन घटनाओं के पीछे कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं –

1. पितृसत्ता का दबाव – जहां पुरुषों को शक्ति और औरतों को कमजोर मानने की सोच अब भी जिंदा है।

2. यौन शिक्षा की कमी – बच्चों और किशोरों को सीमाओं और रिश्तों का महत्व नहीं सिखाया जाता।

3. चुप्पी और डर – परिवार की इज्जत और धमकियों के डर से बेटियां सच नहीं कह पातीं।

4. कानूनी प्रक्रिया की लंबाई – न्याय में देरी अपराधियों को हिम्मत देती है।

इसे भी पढें  भीषण सड़क हादसा : मुंडन संस्कार लौटते समय बाइक सवारों की मौत

तार तार रिश्ते और बेटियों की सुरक्षा : अब क्या होना चाहिए?

1. परिवार में संवाद

बच्चियों को बचपन से ही सिखाया जाए कि अगर कुछ गलत लगे तो तुरंत बताएं।

2. मजबूत कानून और त्वरित सजा

Nirbhaya Act जैसे कड़े कानून हैं, लेकिन उनका असर तभी होगा जब सजा तुरंत दी जाएगी।

3. महिलाओं का आत्मनिर्भर होना

आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत महिलाएं अत्याचार सहन नहीं करतीं।

4. शिक्षा में बदलाव

स्कूल स्तर पर रिश्तों की पवित्रता, लैंगिक समानता और सहमति पर चर्चा अनिवार्य होनी चाहिए।

5. समाज का नजरिया बदलना

“घर की इज्जत” बचाने की सोच को खत्म करना होगा। इज्जत घर की नहीं, बेटी की सुरक्षा में है।

तार तार रिश्ते और बदलती हकीकत

आज जब हम “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की बातें करते हैं, तो हमें यह भी समझना होगा कि बेटी पहले सुरक्षित रहनी चाहिए। अगर घर ही उसके लिए खौफनाक बन जाए, तो न शिक्षा मायने रखेगी, न सपने।

तार तार रिश्ते सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक विफलता है।

यह समय है जब हर पिता, हर भाई, हर रिश्तेदार को यह सोचना होगा –

क्या मैं सचमुच अपनी बेटी/बहन की रक्षा कर रहा हूं?

क्या मैं अपने रिश्ते की मर्यादा निभा रहा हूं? 

जब तक समाज इन सवालों का ईमानदारी से जवाब नहीं देगा, तब तक तार तार रिश्ते की कहानियां अखबारों की सुर्खियां बनती रहेंगी।

समाचार दर्पण 24 का डिजिटल पोस्टर जिसमें नारा "जिद है दुनिया जीतने की" लिखा है और संस्थापक की तस्वीर दिखाई दे रही है।
समाचार दर्पण 24 – क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों का प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
Scroll to Top