
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
एनटीपीसी सीपत क्लोरीन गैस रिसाव मॉकड्रिल की खासियत
एनटीपीसी सीपत में क्लोरीन गैस रिसाव पर मेगा मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में जिला प्रशासन, सीआईएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जैसी आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने हिस्सा लिया।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य संयंत्र में आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी को परखना और विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था।
आपातकालीन योजना के तहत समन्वय
ड्रिल की शुरुआत एक प्रारंभिक ब्रीफिंग बैठक से हुई। इसमें जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ और एनटीपीसी प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में प्रत्येक एजेंसी की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से बताई गईं। नतीजतन, क्लोरीन गैस रिसाव की स्थिति में तय प्रोटोकॉल के अनुसार तेज़ और प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकी।
इसके अलावा, इस समन्वय ने अभ्यास को वास्तविक परिस्थितियों जैसा बना दिया। प्रतिभागी टीमों ने न केवल बचाव और राहत कार्य का प्रदर्शन किया, बल्कि चिकित्सा सहायता और त्वरित उपचार की प्रक्रिया को भी बखूबी निभाया।
प्रभावित व्यक्तियों का बचाव और प्राथमिक चिकित्सा
ड्रिल के दौरान यह दिखाया गया कि अगर वास्तव में क्लोरीन गैस रिसाव हो जाए तो प्रभावित व्यक्तियों को किस प्रकार सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा।

सीआईएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने तुरंत कार्रवाई कर प्रभावितों को बाहर निकाला। वहीं, एनटीपीसी के स्वास्थ्य दल ने प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया और मरीजों को नजदीकी चिकित्सा सुविधा तक सुरक्षित पहुंचाया।
इस प्रकार, मॉकड्रिल ने संकट के समय समयबद्ध कार्रवाई और प्रशिक्षित टीमों की अहमियत को उजागर किया।
बहु-एजेंसी सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण
एनटीपीसी सीपत क्लोरीन गैस मॉकड्रिल इस बात का प्रमाण बनी कि बहु-एजेंसी सहयोग से किसी भी आपदा को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जैसी विशेषीकृत एजेंसियों की भागीदारी ने अभ्यास को और अधिक यथार्थवादी बनाया।
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साथ ही, सीआईएसएफ की सुरक्षा और अग्निशमन इकाइयों ने संयंत्र सुरक्षा के महत्व को दोहराया। वहीं, जिला प्रशासन और पुलिस की सक्रिय भूमिका ने स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन की क्षमता को मजबूत किया।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी और मार्गदर्शन
मेगा मॉकड्रिल में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से—
श्री विजय कृष्ण पांडे, कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी सीपत
सुश्री रजनी भगत, उप कलेक्टर, बिलासपुर
श्री गगन कुमार, आईपीएस, सीएसपी बिलासपुर
श्री एल.पी. वर्मा, डीआईजी, एसडीआरएफ
श्री विजय सोनी, उप निदेशक, आईएच एंड एस, बिलासपुर
श्री सुरोजीत सिन्हा, महाप्रबंधक (प्रचालन व अनुरक्षण), एनटीपीसी सीपत
श्री कपिल सुधाकर कामडी, डीसी, सीआईएसएफ
डॉ. नवीन कुमार, कमांडेंट, एनडीआरएफ
इसके अलावा, महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष, जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। विशेष रूप से, बिलासपुर जिले के आठ अलग-अलग उद्योगों से आए 20 प्रतिभागियों ने भी इस मॉकड्रिल का अवलोकन किया।
एनटीपीसी सीपत की प्रतिबद्धता
एनटीपीसी सीपत ने इस क्लोरीन गैस रिसाव मॉकड्रिल के जरिए यह संदेश दिया कि संयंत्र केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि कर्मचारियों और आसपास की जनता की सुरक्षा इसकी पहली प्राथमिकता है।
कार्यकारी निदेशक श्री विजय कृष्ण पांडे ने सभी प्रतिभागी एजेंसियों का धन्यवाद किया और उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यास न केवल आपात स्थिति में हमारी तैयारी को मजबूत करते हैं, बल्कि आपसी समन्वय को भी और बेहतर बनाते हैं।
उद्योगों के लिए सीख
मॉकड्रिल को देखने आए अन्य उद्योगों के प्रतिनिधियों के लिए भी यह एक बड़ा सबक रहा। उन्होंने आपदा प्रबंधन की बारीकियों को समझा और सीखा कि आपातकालीन योजना को किस प्रकार कारगर बनाया जा सकता है। इससे निश्चित रूप से पूरे क्षेत्र में औद्योगिक सुरक्षा मानकों को मजबूती मिलेगी।
एनटीपीसी सीपत क्लोरीन गैस रिसाव मेगा मॉकड्रिल ने यह साबित कर दिया कि समय रहते तैयारी और बहु-एजेंसी सहयोग से किसी भी आपदा का सामना किया जा सकता है।
यह आयोजन न केवल एक अभ्यास था बल्कि यह संयंत्र, कर्मचारियों और आसपास के समुदायों की सुरक्षा के प्रति एनटीपीसी की गंभीर प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।
भविष्य में भी ऐसे अभ्यासों से आपातकालीन प्रोटोकॉल की खामियों को दूर करने और आपदा प्रबंधन क्षमता को और अधिक सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।
