बरसे अखिलेश : जीएसटी पदयात्रा पर सीएम योगी को अखिलेश यादव का कटाक्ष

अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी पर तंज कसते हुए

संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
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बरसे अखिलेश – राजनीति में जुबानी तीर

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों माहौल बेहद गरम है। चुनावी सरगर्मियों के बीच नेता सिर्फ़ नीतियों पर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस कड़ी में बरसे अखिलेश का अंदाज़ सोमवार को खुलकर सामने आया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर में हुई जीएसटी पदयात्रा पर जमकर कटाक्ष किया।

बरसे अखिलेश : सीएम योगी की जीएसटी पदयात्रा पर तंज

गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जीएसटी में कटौती से जनता को क्या लाभ मिला है, इसका आकलन करने के लिए एक जीएसटी पदयात्रा की। इस दौरान वे एक मॉल पहुंचे और वहां एक उत्पाद हाथ में उठाकर पूछ बैठे—”यह क्या है?” इस पर गोरखपुर सांसद रवि किशन ने जवाब दिया—”महाराज जी, यह बॉडी लोशन है।”

यहीं से विपक्ष को मौका मिल गया। बरसे अखिलेश और उन्होंने इसे लेकर तंज भरे शब्दों में कहा—”कल मुख्यमंत्री एक बोतल उठाकर दिखा रहे थे। तस्वीर हर जगह लगी थी। उस बोतल में क्या था? क्रीम थी या शैम्पू?”

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बरसे अखिलेश : शैम्पू-बॉडी लोशन पर व्यंग्य

अखिलेश यादव ने आगे कहा—”कोई कह रहा है कि शैम्पू सस्ता हो गया है। इसलिए मुख्यमंत्री शैम्पू खरीद रहे हैं।” इसके बाद हँसते हुए उन्होंने तंज कसा—”अरे भाई, उन्हें शैम्पू की क्या ज़रूरत है?”

उनका इशारा योगी आदित्यनाथ के साधु जीवन की ओर था। अखिलेश ने कहा—”साधु बॉडी लोशन नहीं लगाते, वे तो भभूत का इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई पत्रकार सवाल करता है तो वे कहते हैं कि सभी साधु यही करते हैं।”

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।

बरसे अखिलेश : जीएसटी पर बड़ा हमला

जीएसटी को लेकर बरसे अखिलेश और उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा—”केंद्र को आम जनता की तकलीफों को समझने में नौ साल लग गए। मौजूदा सुधार इस बात का प्रमाण हैं कि आपने जीएसटी गलत तरीके से लागू किया। ब्रेड और दूध पर टैक्स लगाकर जनता पर बोझ डाला गया। अब जाकर इनसे छूट दी जा रही है।”

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अखिलेश का कहना था कि सरकार सिर्फ़ दुष्प्रचार और भावनाओं के सहारे काम चला रही है, जनता की असली तकलीफों को नहीं समझ रही।

बरसे अखिलेश : सोशल मीडिया पर बहस

अखिलेश यादव के इस बयान को सोशल मीडिया पर खूब साझा किया जा रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उन्होंने बचपन से ही अपने बाल मुंडवा रखे हैं और जैसे ही सिर पर बाल आते हैं, वे मुंडवा लेते हैं। साफ़-सफ़ाई उनका प्रमुख कारण है।

ऐसे में बरसे अखिलेश का शैम्पू वाला बयान सीएम योगी के बालों से जुड़कर वायरल हो गया। एक वर्ग इसे हास्य के रूप में देख रहा है, जबकि दूसरी ओर बीजेपी समर्थक इसे व्यक्तिगत टिप्पणी मानकर आपत्ति जता रहे हैं।

बरसे अखिलेश : राजनीति या निजी कटाक्ष?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या अब जुबानी हमले राजनीतिक मुद्दों से हटकर व्यक्तिगत तंज तक पहुँच गए हैं।

जहाँ एक ओर अखिलेश यादव ने जीएसटी सुधारों की आलोचना करते हुए सीएम योगी की पदयात्रा को निशाना बनाया, वहीं दूसरी ओर शैम्पू और बॉडी लोशन जैसे शब्दों ने बहस को नया मोड़ दे दिया।

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इससे पहले तक विपक्ष केवल आर्थिक और विकास से जुड़े मुद्दों पर हमला करता रहा है, लेकिन अब व्यक्तिगत जीवन-शैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

बरसे अखिलेश : जनता पर असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के कटाक्ष आम मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने में सफल तो होते हैं, लेकिन लंबे समय तक प्रभावी नहीं रहते।

जनता अपेक्षा करती है कि नेता महंगाई, बेरोजगारी और विकास जैसे मुद्दों पर ठोस जवाब दें। हालांकि, बरसे अखिलेश का यह बयान चर्चा का विषय जरूर बना और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा।

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बरसे अखिलेश का यह बयान उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई बहस की शुरुआत कर गया है। जीएसटी पदयात्रा के बहाने उन्होंने न सिर्फ़ सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला बोला, बल्कि व्यक्तिगत तंज भी कस डाले। अब यह जनता तय करेगी कि यह बयान हास्य है, व्यंग्य है या फिर राजनीति का हिस्सा।

एक बात साफ़ है कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की राजनीति और भी तीखी जुबानी जंग की गवाह बनेगी।

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