देवरिया में अवैध खनन पर प्रशासन का सख्त प्रहार, संयुक्त जांच और रात्री निगरानी के निर्देश

देवरिया जिले में अवैध बालू खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई का प्रतीकात्मक दृश्य




अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
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देवरिया जनपद में लंबे समय से चर्चा में रहे अवैध खनन और ओवरलोडिंग के मामलों पर आखिरकार जिला प्रशासन ने सख्त और निर्णायक रुख अपनाया है। आज जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया है कि पर्यावरणीय क्षति, राजस्व हानि और कानून व्यवस्था पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन ने खनन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमों को सक्रिय करते हुए जिले के संवेदनशील इलाकों में विशेष जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हाल के महीनों में अवैध बालू खनन, मिट्टी के अनधिकृत उत्खनन और क्षमता से अधिक भार ढोने वाले वाहनों की शिकायतें लगातार बढ़ी थीं। कई मामलों में स्थानीय स्तर पर चेतावनी देने के बावजूद गतिविधियां बंद नहीं हुईं, जिससे प्रशासन की साख पर भी सवाल उठने लगे। इसी पृष्ठभूमि में यह सख्त निर्णय लिया गया है, ताकि स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि सरकारी संसाधनों की लूट और नियमों की अवहेलना अब नहीं चलेगी।

संयुक्त टीमों को फील्ड में उतरने का निर्देश

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अवैध खनन के खिलाफ अभियान केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा। खनन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगी। जिन क्षेत्रों से बार-बार शिकायतें मिल रही हैं, वहां अचानक छापेमारी की जाएगी ताकि अवैध गतिविधियों को रंगे हाथों पकड़ा जा सके। प्रशासन का मानना है कि पूर्व सूचना के आधार पर कार्रवाई करने से अक्सर दोषी बच निकलते हैं, इसलिए अब रणनीति बदली गई है।

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जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान यदि किसी भी स्तर पर मिलीभगत पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इससे यह संकेत साफ है कि अब केवल छोटे स्तर के संचालकों को नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को निशाने पर लिया जाएगा।

रात में बढ़ेगी निगरानी, संदिग्ध वाहनों पर कड़ी नजर

प्रशासन ने स्वीकार किया है कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग की गतिविधियां अक्सर रात के समय तेज हो जाती हैं। इसी कारण रात्री निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख मार्गों, नदी किनारे के इलाकों और निर्माण सामग्री के संभावित परिवहन मार्गों पर पुलिस और प्रशासनिक टीमों की तैनाती की जाएगी। संदिग्ध वाहनों को रोककर दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी।

यदि वाहन बिना वैध परमिट के खनिज परिवहन करते पाए जाते हैं या ओवरलोडिंग की पुष्टि होती है, तो उन्हें तत्काल सीज किया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ खनन अधिनियम और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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पर्यावरण और राजस्व दोनों की सुरक्षा का दावा

प्रशासन ने अपने बयान में यह भी रेखांकित किया है कि अवैध खनन केवल सरकारी राजस्व को ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है। नदियों के किनारे अनियंत्रित खनन से जलस्तर प्रभावित होता है, कटाव बढ़ता है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है। इन प्रभावों को देखते हुए प्रशासन अब पर्यावरणीय पहलू को भी उतनी ही गंभीरता से ले रहा है।

स्वीकृत खनन पट्टों की भी समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तय मानकों और शर्तों के अनुसार ही खनन कार्य हो रहा है। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में पट्टा निरस्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।

स्थानीय स्तर पर सूचना तंत्र मजबूत करने की पहल

जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है। यदि किसी गांव, नदी घाट या सड़क मार्ग पर अवैध खनन या ओवरलोडिंग की जानकारी मिलती है, तो उसे तुरंत प्रशासन तक पहुंचाने को कहा गया है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी, ताकि लोग बिना भय के आगे आ सकें।

प्रशासन का मानना है कि जब तक स्थानीय स्तर पर सतर्कता नहीं होगी, तब तक अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाना मुश्किल है। इसी कारण ग्राम स्तर पर निगरानी को भी अभियान का हिस्सा बनाया गया है।

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प्रशासन का सख्त संदेश

इस पूरे अभियान के जरिए जिला प्रशासन ने साफ संदेश देने की कोशिश की है कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग अब ‘सामान्य’ गतिविधि नहीं मानी जाएगी। नियमों की अनदेखी करने वालों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कानूनी परिणाम भी भुगतने होंगे। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई केवल तात्कालिक नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया होगी।

आने वाले दिनों में यदि शिकायतों में कमी नहीं आती, तो और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें भारी जुर्माना, वाहनों की नीलामी और संबंधित प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई तक शामिल हो सकती है।

देवरिया अवैध खनन कार्रवाई: सवाल-जवाब

प्रश्न: अवैध खनन पर प्रशासन ने क्या मुख्य कदम उठाए हैं?

उत्तर: प्रशासन ने संयुक्त टीमों का गठन, अचानक निरीक्षण, रात्री निगरानी और बिना अनुमति खनन पर तत्काल कानूनी कार्रवाई जैसे कदम उठाए हैं।

प्रश्न: ओवरलोडिंग पाए जाने पर क्या कार्रवाई होगी?

उत्तर: ओवरलोडिंग की पुष्टि होने पर वाहन सीज किया जाएगा और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

प्रश्न: क्या आम नागरिक भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं?

उत्तर: हां, प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अवैध खनन की सूचना दें, उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

प्रश्न: यह कार्रवाई कितने समय तक चलेगी?

उत्तर: प्रशासन के अनुसार यह एक सतत अभियान होगा और हालात के अनुसार इसे और सख्त किया जा सकता है।

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