
✍️ अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
🔹 अकबरपुर में सिपाही रेप मामला बना चर्चा का केंद्र
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के अकबरपुर में सिपाही रेप मामला सामने आया है जिसने पूरे जिले को हिला दिया है। आरोपी सिपाही राजेश यादव पर आरोप है कि उसने एक दलित महिला को नशीली दवा खिलाकर रेप किया और महीनों तक धमकी देकर शारीरिक शोषण करता रहा।
यह सिपाही रेप मामला न केवल स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब आरोपी खुद कानून का रक्षक हो, तब न्याय कितना कठिन हो जाता है।
🔹 एक ही मकान में रहती थी पीड़िता और आरोपी सिपाही
यह सिपाही रेप मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला जौहरडीह का है। पीड़िता दलित महिला जलालपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली है और अकबरपुर में रहकर पढ़ाई करती थी। उसी मकान में आरोपी सिपाही राजेश यादव भी किराए पर रहता था।
महिला का आरोप है कि राजेश यादव का मकान मालकिन से गहरा संबंध था। उसी के जरिए उसने महिला का मोबाइल नंबर लिया और फिर उसे लगातार अश्लील मैसेज और कॉल कर परेशान करने लगा।
🔹 नशीला खाना खिलाकर किया रेप
पीड़िता ने बताया कि एक दिन सिपाही राजेश ने उसे खाना दिया और कहा – “खा लो।” जब उसने मना किया तो मकान मालकिन ने कहा – “खा लो, कुछ नहीं होगा।” खाने के बाद महिला बेहोश हो गई।
जब उसे होश आया तो उसने खुद को बिना कपड़ों के पाया और राजेश यादव पास में था। आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसने विरोध किया तो उसके पति को सब बता देगा। यही नहीं, बाद में आरोपी ने महीनों तक रेप और ब्लैकमेलिंग जारी रखी।
🔹 पति ने छोड़ दिया, पुलिस ने नहीं सुनी शिकायत
महिला ने बताया कि आरोपी सिपाही महीनों तक उसका शोषण करता रहा। जब उसने विरोध किया तो उसने सारा मामला उसके पति को बता दिया। इसके बाद पति ने उसे छोड़ दिया। आरोपी ने जातिसूचक गालियां दीं और समझौते का दबाव बनाया।
पीड़िता ने थाने से लेकर एसपी कार्यालय तक शिकायत की लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। यह सिपाही रेप मामला पुलिस की संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण बन गया है।
🔹 कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
आखिरकार पीड़िता ने कोर्ट का सहारा लिया। न्यायालय के आदेश पर अकबरपुर कोतवाली में सिपाही राजेश यादव और मकान मालकिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुकदमा एससी-एसटी एक्ट की गंभीर धाराओं सहित कई अन्य प्रावधानों में लिखा गया है। थाना प्रभारी श्रीनिवास पांडे ने कहा कि “कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है।”
🔹 सिपाही रेप मामला: पुलिस की साख पर धब्बा
यह सिपाही रेप मामला केवल एक अपराध नहीं बल्कि पुलिस विभाग के चरित्र पर धब्बा है। जिस सिपाही को जनता की रक्षा करनी थी, उसी ने कानून की आड़ में दरिंदगी की।
अंबेडकरनगर के लोगों में आक्रोश है और वे पूछ रहे हैं — “जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम जनता किससे न्याय मांगे?”
🔹 दलित महिला का साहस बना उम्मीद की किरण
इस सिपाही रेप मामले में पीड़िता का साहस काबिले तारीफ है। उसने पुलिस की अनदेखी के बावजूद न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब मामला दर्ज हुआ है।
अब सवाल यह है कि क्या आरोपी सिपाही को सज़ा मिलेगी या यह भी किसी फाइल में दब जाएगा?
🔹न्याय की परीक्षा बन गया सिपाही रेप मामला
यह सिपाही रेप मामला केवल एक महिला की अस्मिता से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह पुलिस तंत्र और न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता की परीक्षा है। आरोपी पर सख्त कार्रवाई और पीड़िता को सुरक्षा देना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
❓ सिपाही रेप मामला: सवाल पर क्लिक करें जवाब पाएं
सवाल 1: सिपाही रेप मामला कहां का है?
यह सिपाही रेप मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र का है।
सवाल 2: आरोपी सिपाही का नाम क्या है?
आरोपी सिपाही का नाम राजेश यादव है, जो अकबरपुर कोतवाली में तैनात था।
सवाल 3: केस कब और कैसे दर्ज हुआ?
पीड़िता ने पहले पुलिस में शिकायत की लेकिन कार्रवाई न होने पर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज हुआ।
सवाल 4: इस मामले में कौन-कौन आरोपी हैं?
इस सिपाही रेप मामले में आरोपी सिपाही राजेश यादव और मकान मालकिन दोनों पर केस दर्ज किया गया है।
सवाल 5: क्या पुलिस ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार किया?
फिलहाल जांच जारी है। पुलिस ने कहा है कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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