
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी बस हादसा ने एक बार फिर से हाईवे सुरक्षा व्यवस्था और ओवरस्पीडिंग की हकीकत सामने ला दी है। ईसानगर थाना क्षेत्र के रंजीत नगर पुल पर देर रात शिमला जा रही मिनी बस और सामने से आ रही एक प्राइवेट बस के बीच हुई आमने-सामने टक्कर में दर्जनों यात्रियों की ज़िंदगी दांव पर लग गई। इस लखीमपुर खीरी बस हादसा में एक नेपाली महिला की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि करीब 35 यात्री घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कैसे हुआ लखीमपुर खीरी बस हादसा?
जानकारी के मुताबिक, ईसानगर थाना क्षेत्र के रंजीत नगर पुल से होकर गुजर रही एक मिनी बस रूपैडिया, बहराइच और श्रावस्ती से सवारियां लेकर हिमाचल प्रदेश के शिमला जा रही थी। इसी दौरान लखनऊ से धौरहरा वापस लौट रही एक प्राइवेट बस रंजीत नगर पुल के पास पहुंची। संकरी पुलिया पर दोनों बसों के आमने-सामने आ जाने से लखीमपुर खीरी बस हादसा हो गया। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि दोनों बसों के आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात का समय होने और पुलिया पर प्रकाश व्यवस्था सीमित होने के कारण ड्राइवरों को बसें नियंत्रित करने में दिक्कत आई होगी। ओवरस्पीडिंग और अचानक सामने बस आ जाने की आशंका से इस लखीमपुर खीरी बस हादसा को गंभीर रूप लेने में देर नहीं लगी। टक्कर के बाद दोनों बसों में सवार यात्री एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े और कई लोग सीटों के बीच फंस गए, जिन्हें निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से बची कई जानें
घटना की सूचना मिलते ही ईसानगर और खमरिया पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष ईसानगर निर्मल तिवारी, खमरिया कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ओपी राय, प्रभारी निरीक्षक धौरहरा शिवाजी दुबे और सीओ धौरहरा शमशेर बहादुर सिंह ने पुलिस बल के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लखीमपुर खीरी बस हादसा की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एम्बुलेंस की अतिरिक्त व्यवस्था कराई गई और घायलों को नज़दीकी सीएचसी खमरिया और धौरहरा भिजवाया गया।
इस लखीमपुर खीरी बस हादसा में गंभीर रूप से घायल जलवर्षा (55), जय वर्षा (50), आरती (25), रामावती (55), उमाकांत (30) और तीन अज्ञात घायलों को धौरहरा सीएचसी ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उनकी हालत नाज़ुक देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद सभी को लखीमपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। समय रहते घायलों को अस्पताल पहुंचा दिए जाने से कई लोगों की जान बच सकी।
लखीमपुर खीरी बस हादसा में बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक भी घायल
वहीं, इस लखीमपुर खीरी बस हादसा में सबसे बड़ा मानवीय पहलू यह रहा कि बसों में सवार यात्रियों में बड़ी संख्या नेपाल राष्ट्र के नागरिकों की थी। खमरिया सीएचसी लाए गए करीब 30 घायलों में प्रशांत जंगी (16), आशा (30), सुदीपन (35), चंपा (40), संगीता (42), धन माया (40), राजबहादुर कुशरी (35), दीपा (13) सहित लगभग 15 नेपाली नागरिक शामिल बताए जा रहे हैं।
दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि इन्हीं में से एक नेपाली महिला की सीएचसी खमरिया में इलाज के दौरान मौत हो गई। लखीमपुर खीरी बस हादसा की यह सबसे दर्दनाक खबर रही, जिसने मौजूद यात्रियों और ग्रामीणों को भीतर तक झकझोर दिया। गंभीर रूप से घायल करीब 15 यात्रियों को बेहतर इलाज के लिए लखीमपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।
सीएचसी से जिला अस्पताल तक जंग-ए-जिंदगी
डॉक्टरों के मुताबिक, लखीमपुर खीरी बस हादसा में घायल कई यात्रियों को सिर, कमर और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। कुछ घायलों के फ्रैक्चर की आशंका भी जताई जा रही है। जिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सा टीम ने एक्स-रे, स्कैन और अन्य जरूरी जांचें शुरू कर दी हैं। फिलहाल कई घायल नियंत्रण में हैं, लेकिन कुछ की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
दूसरी ओर, हल्की चोटों से घायल यात्री आस-पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज कराने के बाद घर लौट गए हैं। सीओ धौरहरा शमशेर बहादुर सिंह के अनुसार, लखीमपुर खीरी बस हादसा में एक नेपाली अज्ञात महिला की मौत हुई है, जबकि करीब 17 घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। शेष मामूली रूप से घायल यात्री प्राथमिक उपचार लेकर वापस जा चुके हैं।
लखीमपुर खीरी बस हादसा के बाद कई घंटे जाम, दहशत में यात्री
रंजीत नगर पुल पर हुए लखीमपुर खीरी बस हादसा के कारण सड़क पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। स्थानीय पुलिस ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त बसों को किनारे हटवाया, तब जाकर आवागमन सामान्य हो सका। रात के समय हुए इस हादसे के बाद राहगीरों और अन्य वाहनों के यात्रियों में भी दहशत का माहौल रहा। कई लोग अपने परिजनों को फोन कर सुरक्षित होने की जानकारी देते देखे गए।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी लखीमपुर खीरी बस हादसा के बाद मानवता की मिसाल पेश की। ग्रामीणों ने अंधेरे में टॉर्च और मोबाइल की फ्लैशलाइट की मदद से घायलों को बाहर निकालने में पुलिस की मदद की। कई लोगों ने अपने निजी वाहनों से भी घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में सहयोग दिया।
सड़क सुरक्षा पर सवाल, लखीमपुर खीरी बस हादसा बना चेतावनी
यह लखीमपुर खीरी बस हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी है। संकरी पुलिया, रात का समय, ओवरस्पीडिंग और संभवतः जल्दबाज़ी—ये सभी कारक मिलकर इस बड़े हादसे की वजह बनते दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रंजीत नगर पुल के आसपास भारी वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतज़ाम होने चाहिए, ताकि इस तरह के लखीमपुर खीरी बस हादसा दोबारा न हों।
विशेषज्ञ भी मानते हैं कि हाईवे और मुख्य संपर्क मार्गों पर रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड, स्पीड लिमिट के साफ संकेत, नियमित वाहन चेकिंग और थके हुए ड्राइवरों के लिए पर्याप्त विश्राम की व्यवस्था बेहद ज़रूरी है। यदि समय रहते इन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए, तो लखीमपुर खीरी बस हादसा जैसे कई हादसों को टाला जा सकता है। साथ ही, लंबी दूरी तक यात्रियों से भरी बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों की ड्राइविंग हिस्ट्री की सख्त मॉनिटरिंग भी अनिवार्य होनी चाहिए।
फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता लखीमपुर खीरी बस हादसा में घायल यात्रियों को बेहतर इलाज और मृतक नेपाली महिला की शिनाख्त कर उसके परिजनों तक सूचना पहुंचाने की है। पुलिस ने दोनों बस चालकों, वाहन मालिकों और संचालन कंपनियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न 1: लखीमपुर खीरी बस हादसा कहाँ हुआ और कितने लोग घायल हुए?
लखीमपुर खीरी बस हादसा ईसानगर थाना क्षेत्र के रंजीत नगर पुल पर हुआ। इस दुर्घटना में दोनों बसों के कुल मिलाकर करीब 35 यात्री घायल हुए, जिनमें से कई को गंभीर हालत में लखीमपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
प्रश्न 2: लखीमपुर खीरी बस हादसा में कितनी मौतें हुई हैं?
इस लखीमपुर खीरी बस हादसा में नेपाल की एक अज्ञात महिला यात्री की मौत हो गई। बाकी सभी घायलों का उपचार सीएचसी खमरिया, धौरहरा और लखीमपुर जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
प्रश्न 3: लखीमपुर खीरी बस हादसा में नेपाली नागरिकों की क्या स्थिति है?
लखीमपुर खीरी बस हादसा में घायल यात्रियों में लगभग 15 नेपाली नागरिक शामिल हैं। एक नेपाली महिला की मौत हो चुकी है, जबकि अन्य घायल नेपाली नागरिकों का इलाज जारी है और प्रशासन लगातार उनकी स्थिति पर नज़र रखे हुए है।
प्रश्न 4: लखीमपुर खीरी बस हादसा के बाद प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?
लखीमपुर खीरी बस हादसा की सूचना मिलते ही ईसानगर, खमरिया और धौरहरा पुलिस फ़ोर्स मौके पर पहुंची। घायलों को एम्बुलेंस से नज़दीकी सीएचसी और जिला अस्पताल भेजा गया, बसों को सड़क से हटाकर यातायात बहाल किया गया और अब दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
प्रश्न 5: भविष्य में लखीमपुर खीरी बस हादसा जैसे हादसों से बचने के लिए क्या ज़रूरी है?
विशेषज्ञों का मानना है कि लखीमपुर खीरी बस हादसा जैसे मामलों से बचने के लिए सड़क पर स्पीड कंट्रोल, पर्याप्त लाइटिंग, रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड, वाहन फिटनेस की नियमित जांच और ड्राइवरों के लिए पर्याप्त विश्राम की व्यवस्था आवश्यक है। प्रशासन यदि इन बिंदुओं पर सख्ती से अमल करे तो ऐसे हादसों की आशंका कम हो सकती है।






