
चित्रकूट। आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 की राजनीतिक सरगर्मी अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। जिले के लोकप्रिय समाजसेवी और जनप्रतिनिधि संजय सिंह राणा ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि वे इस बार न केवल स्वयं बल्कि उनकी धर्मपत्नी शिव कांती संजय सिंह राणा भी चुनाव मैदान में उतरेंगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका संगठन चित्रकूट की सभी 17 जिला पंचायत सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा।
यह घोषणा जिले में नई राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गई है। राणा परिवार ने हमेशा से सामाजिक कार्यों और जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दी है। अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो उनके समर्थकों और शुभचिंतकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
“आपका सहयोग ही हमारी ताकत है”: संजय सिंह राणा
घोषणा करते हुए संजय सिंह राणा ने अपने संदेश में कहा — “चित्रकूट जिले के सम्मानित मतदाताओं, आपका सहयोग ही हमारी ताकत है। प्रिय मतदाता बंधुओं, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में हम चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। हम ज़िला पंचायत की सभी सत्रह सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेंगे। इस चुनाव में मेरी धर्मपत्नी शिव कांती संजय सिंह राणा व मैं खुद चुनाव मैदान में उतर रहा हूं। जो भी साथी जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव हमारे साथ लड़ना चाहता हो, वह अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो भेजे।”
उनका यह आह्वान साफ तौर पर यह संकेत देता है कि राणा परिवार अब जिला स्तर पर एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार करने में जुटा है। स्थानीय स्तर पर उनकी पकड़ और जनसंपर्क की गहराई उन्हें अन्य राजनीतिक दलों से अलग बनाती है।
जनसेवा से राजनीति तक: राणा परिवार की सक्रिय भूमिका
संजय सिंह राणा का नाम चित्रकूट जिले में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लंबे समय से वे क्षेत्र में शिक्षा, स्वच्छता, युवाओं के प्रशिक्षण और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर कार्य कर चुके हैं। ग्रामीण अंचलों में उनका जनसंपर्क और विश्वसनीय छवि उन्हें आम जनता के करीब ले आती है।
शिव कांती संजय सिंह राणा ने भी समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कई महिला समूहों को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया है। वे लगातार ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़ी समस्याओं पर काम करती रही हैं।
17 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की रणनीति
संजय सिंह राणा ने स्पष्ट किया है कि उनकी टीम अब संगठित रूप से चित्रकूट जिले की सभी 17 जिला पंचायत सीटों पर उम्मीदवार उतारने जा रही है। उनका कहना है कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता के लिए नहीं बल्कि “जनता की आवाज़” को संस्थागत रूप देने के लिए लड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवार चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनका समाज में अच्छा जनसंपर्क, ईमानदार छवि और क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पण हो। इसके लिए एक समन्वय समिति भी गठित की जा रही है जो प्रत्येक वार्ड और क्षेत्र से योग्य प्रत्याशियों का चयन करेगी।
स्थानीय राजनीति में बढ़ी हलचल
राणा परिवार की इस घोषणा ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चित्रकूट का चुनावी समीकरण अब पहले से कहीं अधिक दिलचस्प हो गया है। कई पुराने नेता और मौजूदा पदाधिकारी अब अपनी रणनीतियाँ पुनः तय कर रहे हैं।
ग्राम पंचायतों से लेकर ज़िला स्तर तक संजय सिंह राणा का नेटवर्क मजबूत माना जाता है। यही वजह है कि उनके चुनाव मैदान में उतरने से परंपरागत राजनीतिक दलों के लिए चुनौती बढ़ गई है।
जनता का समर्थन और संगठन की तैयारी
राणा समर्थकों ने पहले ही सोशल मीडिया और गांव-गांव में प्रचार शुरू कर दिया है। “आपका सहयोग ही हमारी ताकत है” के नारे के साथ उनके पोस्टर, बैनर और डिजिटल कैम्पेन तेजी से वायरल हो रहे हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि जिले के हर ब्लॉक में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है।
संगठन अब ग्राम पंचायत स्तर पर बूथ कमेटियों का गठन कर रहा है ताकि चुनावी तैयारी जमीनी स्तर पर मजबूत हो सके। प्रत्येक वार्ड में स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस
राणा दंपती की चुनावी रणनीति में महिलाओं और युवाओं को केंद्र में रखा गया है। शिव कांती राणा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के माध्यम से समाज को नई दिशा दी जा सकती है। वहीं संजय सिंह राणा का मानना है कि बेरोजगारी और पलायन को रोकना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।
पारदर्शी राजनीति का वादा
संजय सिंह राणा ने यह भी कहा कि यदि जनता उन्हें समर्थन देती है, तो वे पारदर्शी प्रशासन और जवाबदेही की राजनीति को बढ़ावा देंगे। उनका लक्ष्य गांवों को सशक्त, स्वावलंबी और स्वच्छ बनाना है।
उन्होंने कहा, “हम राजनीति में बदलाव लाने आए हैं, न कि राजनीति से लाभ उठाने। जनता को जवाबदेही और विकास दोनों देंगे। हर निर्णय जनता के साथ मिलकर लिया जाएगा।”
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 से पहले चित्रकूट जिले में संजय सिंह राणा और उनकी पत्नी शिव कांती राणा की सक्रियता से राजनीतिक समीकरणों में नया मोड़ आ गया है। एक तरफ जहां पारंपरिक दल अपने पुराने समीकरण बचाने में जुटे हैं, वहीं राणा परिवार ने “जनसेवा से जनादेश” तक की यात्रा शुरू कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस नई पहल को कितना समर्थन देती है।
📌 क्लिकेबल सवाल-जवाब (FAQ)
1. चित्रकूट पंचायत चुनाव 2026 में कौन-कौन चुनाव मैदान में उतर रहे हैं?
संजय सिंह राणा और उनकी धर्मपत्नी शिव कांती संजय सिंह राणा दोनों आगामी चित्रकूट पंचायत चुनाव 2026 में स्वयं चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।
2. क्या राणा परिवार सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा?
जी हाँ, संजय सिंह राणा ने घोषणा की है कि वे चित्रकूट जिले की सभी 17 जिला पंचायत सीटों पर अपने संगठन के उम्मीदवार उतारेंगे।
3. उम्मीदवार कैसे आवेदन कर सकते हैं?
जो भी साथी जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव उनके साथ लड़ना चाहता है, वह अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो भेज सकता है।
4. राणा परिवार की राजनीतिक विचारधारा क्या है?
उनकी राजनीति का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, जनसंपर्क, महिला सशक्तिकरण और गांवों के विकास पर केंद्रित है।
5. शिव कांती राणा किस क्षेत्र में सक्रिय हैं?
शिव कांती संजय सिंह राणा महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता से जुड़े कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
6. क्या युवाओं को भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा?
हाँ, संजय सिंह राणा और उनकी टीम ने स्पष्ट किया है कि युवाओं को इस अभियान का मुख्य हिस्सा बनाया जाएगा ताकि राजनीति में नई ऊर्जा और पारदर्शिता लाई जा सके।
7. राणा परिवार की मुख्य चुनावी रणनीति क्या होगी?
उनकी रणनीति साफ-सुथरी राजनीति, जनसंपर्क, संगठन विस्तार और हर गांव में कार्यकर्ता तंत्र को सशक्त बनाने पर आधारित होगी।