“बादाम” की गिरफ्तारी:नशे की शातिर सौदाई यूपी एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 50,000 की इनामी कुख्यात ड्रग सरगना नसरीन बानो उर्फ बादाम को लखनऊ से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से बड़े नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद।

Tags: ड्रग तस्करी, यूपी एसटीएफ, नसरीन बानो, बहराइच, अपराध समाचार, लखनऊ क्राइम, सीमा तस्करी

IMG_COM_202512190117579550
previous arrow
next arrow

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चल रही सबसे निर्णायक कार्रवाई में स्टेट स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने आखिरकार उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है जो कई वर्षों से पुलिस और खुफिया एजेंसियों को चुनौती देती आ रही थी। यह है बहराइच की कुख्यात ड्रग तस्कर नसरीन बानो उर्फ बादाम, जिसे 50,000 रुपये का इनामी अपराधी घोषित किया गया था और जो ‘लेडी डॉन’ नाम से जानी जाती थी।

लखनऊ में की गई गिरफ्तारी सिर्फ एक तस्कर की गिरफ्त नहीं, बल्कि उस ड्रग नेटवर्क पर बड़ा प्रहार है जो नेपाल सीमा से लेकर उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों तक फैला हुआ है। नसरीन लंबे समय से इस नेटवर्क को संचालित कर रही थी और उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि पुलिस को हर बार उसके संपर्कों और सुरक्षित ठिकानों में नए-नए तरीके अपनाने पड़ते थे।

कैसे बढ़ा बादाम का ड्रग साम्राज्य?

बहराइच, श्रावस्ती और बस्ती मंडल में ड्रग्स की अचानक बढ़ती आपूर्ति ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया। कई महीनों की जांच के बाद पता चला कि इस सप्लाई चेन की असली कमान एक महिला के हाथ में है—नसरीन बानो।
नेपाल सीमा से जुड़े गांवों की भौगोलिक स्थिति और कमजोर निगरानी तंत्र का फायदा उठाते हुए उसने अपना नेटवर्क फैलाया।

इसे भी पढें  गांवड़ी में दबंगई: मामूली विवाद में जेसीबी से रास्ता खोद ग्रामीणों की आवाजाही बंद

नसरीन ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कई किराए के मकान बदले, फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया और तस्करी के तरीके लगातार बदलती रही। यही वजह थी कि वह हर बार पुलिस की पकड़ से बचती रही।

क्यों मानी जा रही है यह गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता?

एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार यह गिरफ्तारी केवल एक इनामी तस्कर की गिरफ्त नहीं, बल्कि उस व्यापक नेटवर्क तक पहुंचने की शुरुआत है जिसके तार नेपाल से लेकर यूपी के प्रमुख शहरों तक फैले हुए हैं।

मुख्य कारण:

  • नसरीन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ड्रग्स की सबसे बड़ी सप्लायर थी।
  • उसके गैंग में महिलाएँ भी शामिल थीं, जो कम संदेह के कारण आसानी से ड्रग्स सप्लाई कर देती थीं।
  • उसने अपने गिरोह के माध्यम से कई युवाओं को नशे की जाल में फंसाया, जिससे सामाजिक संकट गहरा गया।
  • पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी, पर उसका लगातार ठिकाने बदलना सबसे बड़ा अवरोध था।

गिरफ्तारी कैसे हुई?—एसटीएफ का गुप्त ऑपरेशन

एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली कि नसरीन लखनऊ के एक इलाके में छिपकर अपने नेटवर्क से संपर्क कर रही है।
टीम ने उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखी—मोबाइल लोकेशन, संपर्कों की कॉल रिकॉर्डिंग, पैसों के लेनदेन, और पुराने नेटवर्क की गतिविधि सभी को ट्रैक किया गया।

इसे भी पढें  हरदोई क्राइम-2025: ऑनर किलिंग से “ऑपरेशन लंगड़ा” तक—अपराध का बदलता चेहरा

आखिरकार एक विशेष ऑपरेशन के तहत नसरीन को बिना किसी विरोध के गिरफ्तार कर लिया गया। शुरुआती पूछताछ में उसने कई ऐसे नाम बताए हैं जिनकी तलाश जल्द शुरू होगी।

अब क्या-क्या खुलासे हो सकते हैं?

गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि नसरीन से पूछताछ में नेपाल बॉर्डर पर सक्रिय तस्करों, सप्लायरों और फाइनेंसरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
संभावित खुलासे:

  • नेपाल से खेप लाने वाले मुख्य लिंक
  • स्थानीय स्तर पर संरक्षण देने वाले लोग
  • गिरोह की आर्थिक व्यवस्था–हवाला व बैंक लेनदेन
  • महिला तस्करों का संगठित इस्तेमाल

इन खुलासों के आधार पर कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जिससे पूरा नेटवर्क टूटने की संभावना है।

सीमावर्ती जिलों में बढ़ती चुनौती

नेपाल सीमा से जुड़े यूपी के जिले—बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और महराजगंज—ड्रग तस्करी के लिए सबसे संवेदनशील माने जाते हैं। कम निगरानी वाले ग्रामीण रास्तों, घने जंगलों और नदी मार्गों का इस्तेमाल तस्कर बेझिझक करते हैं।
नसरीन जैसे संगठित अपराधी इन रूट्स को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

महिलाओं की बढ़ती भूमिका—नई चिंता

नसरीन की गिरफ्तारी एक बड़ा संकेत है कि अब न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाएँ भी संगठित अपराधों में नेतृत्व कर रही हैं।
यह पुलिस की रणनीति के लिए नई चुनौती है क्योंकि महिलाएँ अक्सर कम संदेह के दायरे में आती हैं।

स्थानीय समाज पर असर

नसरीन के नेटवर्क की वजह से बहराइच और आसपास के जिलों में नशे के शिकार युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी।
कई परिवार आर्थिक रूप से टूट गए और अपराध दर भी उछल गई।
उसकी गिरफ्तारी ने इन परिवारों को उम्मीद दी है कि अब ड्रग सप्लाई का सिलसिला कमजोर होगा।

इसे भी पढें  मरीजों में फल वितरित कर मनाई गई स्वर्गीय विमला तिवारी की दूसरी पुण्यतिथि

अगले कदम—पुलिस क्या करेगी?

नसरीन पर पहले से कई केस दर्ज हैं।
अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी और उसकी अवैध संपत्ति की जांच शुरू होगी।
अधिक संभावना है कि:

  • गिरोह की संपत्तियाँ कुर्क की जाएँगी।
  • आर्थिक सहयोगियों की गिरफ्तारी होगी।
  • नेपाल नेटवर्क की गहरी मैपिंग की जाएगी।

यह गिरफ्तारी भले शुरुआत है, पर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में समय और लगातार ऑपरेशन की जरूरत होगी।

निष्कर्ष

नसरीन बानो उर्फ बादाम की गिरफ्तारी निस्संदेह बड़ी सफलता है, लेकिन ड्रग तस्करी जैसे संगठित अपराधों को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास जरूरी हैं।
यह गिरफ्तारी निश्चित रूप से एक बड़ी कड़ी है जिससे गिरोह की रीढ़ टूट सकती है।


❓ सवाल–जवाब (FAQ)

Q1. नसरीन बानो उर्फ बादाम कौन है?
वह बहराइच की कुख्यात 50,000 की इनामी ड्रग तस्कर है, जो एक बड़े नेटवर्क का संचालन करती थी।

Q2. उसे कब और कहाँ गिरफ्तार किया गया?
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया।

Q3. गिरफ्तारी क्यों महत्वपूर्ण है?
क्योंकि इससे एक बड़े इंडो-नेपाल ड्रग नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है।

Q4. आगे क्या कार्रवाई होगी?
पूछताछ, संपत्ति जब्ती और नेटवर्क के अन्य सदस्यों पर कार्रवाई।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top