
🔴 अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट
🌤️ मौसम के बदले रंग : दिन में गर्मी, रात में ठंड की दस्तक
उत्तर प्रदेश में मौसम के बदले रंग साफ तौर पर महसूस किए जा सकते हैं। जहां दिन में तेज धूप से लोगों को अभी भी गर्मी का एहसास हो रहा है, वहीं रात में और भोर के समय हल्की-हल्की ठंड ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। यह संकेत है कि मानसून विदा हो चुका है और अब धीरे-धीरे सर्द हवाओं का मौसम करीब आ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, 11 से 16 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहने वाला है। इस दौरान कहीं भी बारिश की संभावना नहीं है। दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक जबकि रात का तापमान सामान्य रहेगा। यानी मौसम के बदले रंग अब पूरी तरह दिखाई देने लगे हैं — दिन में धूप, रात में सिहरन।
🌦️ मानसून की वापसी के साथ बदला मौसम का मिजाज
10 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों से विदा ले चुका है। अब केवल पूर्वांचल के दक्षिण-पूर्वी जिलों — बलिया, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र और मिर्जापुर — में मानसून की औपचारिक वापसी बाकी है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटे में इन जिलों से भी मानसून की वापसी की परिस्थितियां अनुकूल बनेंगी।
इस मानसूनी विदाई के साथ मौसम के बदले रंग का सिलसिला जारी है। तेज धूप और शुष्क हवाओं का प्रभाव बढ़ने लगा है। दिन में उमस और रात में हल्की ठंड का अनुभव लोगों को एक नया मौसम दे रहा है।
☀️ शुष्क मौसम और पछुआ हवाओं का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 11 से 16 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश का मौसम शुष्क रहेगा। दिन में तेज धूप, साफ आसमान और रात में हल्की ठंडक का एहसास बना रहेगा। सतही स्तर पर पछुआ और उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से वातावरण में शुष्कता बनी रहेगी।
यही वजह है कि मौसम के बदले रंग लोगों के पहनावे और जीवनशैली पर भी असर डालने लगे हैं। अब सुबह-सुबह हल्की ठंड में चाय की चुस्कियां और शाम की सैर का मजा लौट आया है, हालांकि दिन की तेज धूप अभी भी जून-जुलाई की याद दिला रही है।
🌡️ तापमान में मामूली बढ़ोतरी, लेकिन राहत बरकरार
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले सप्ताह न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा, जबकि अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी संभव है। इसके बावजूद तापमान सामान्य या सामान्य से कम रहेगा।
यह स्थिति दर्शाती है कि मौसम के बदले रंग अब स्थायी रूप से ठहरने लगे हैं। दिन में 34–36 डिग्री सेल्सियस के आसपास और रात में 20–22 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान रह सकता है।
🌧️ बारिश की संभावना अब लगभग खत्म
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 24 और 26 सितंबर को दो चरणों में मानसून की विदाई हो चुकी थी। उसके बाद सक्रिय मौसम तंत्र खत्म हो गए और शुष्क हवाएं चलने लगीं। अब पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना लगभग समाप्त हो चुकी है।
मौसम के बदले रंग का यही सबसे बड़ा संकेत है — मानसून अब अतीत की बात हो गया है और सर्दियों का आगमन धीरे-धीरे हो रहा है।
🧭 उत्तर प्रदेश में वर्षा का पूरा ब्योरा
1 जून से 30 सितंबर तक की मानसूनी अवधि में उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर सामान्य वर्षा दर्ज की गई है।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 672 मिमी के औसत के सापेक्ष 12% अधिक यानी 752.5 मिमी बारिश हुई।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश में 799.2 मिमी के औसत के मुकाबले 17% कम यानी 666 मिमी वर्षा दर्ज हुई।
- पूरे प्रदेश की औसत वर्षा 746.2 मिमी के सापेक्ष 6% कम यानी 701.6 मिमी रही, जो सामान्य श्रेणी में आती है।
यह आंकड़े बताते हैं कि मौसम के बदले रंग केवल तापमान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बारिश की मात्रा और वितरण में भी स्पष्ट अंतर दिखाई दिया है।
🗺️ किन जिलों में कैसी रही बारिश
प्रदेश के 3 जिलों में बहुत कम वर्षा, 27 जिलों में सामान्य से कम वर्षा, 13 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा, और 2 जिलों में बहुत अधिक वर्षा दर्ज की गई। वहीं लखनऊ सहित 30 जिलों में मानसूनी बारिश सामान्य रही।
यह स्पष्ट करता है कि मौसम के बदले रंग का प्रभाव प्रदेश के हर हिस्से में अलग-अलग रूप में महसूस किया गया।
🌬️ पछुआ हवाओं की बढ़त और सर्दी की आहट
मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अब उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली पछुआ हवाएं सक्रिय होने लगी हैं। ये हवाएं ही आगे चलकर ठंडक बढ़ाने में भूमिका निभाएंगी। धीरे-धीरे सुबह और देर रात तापमान गिरने लगेगा।
यह परिवर्तन मौसम के बदले रंग का सबसे ठोस प्रमाण है — धूप में तपिश और हवा में सिहरन का संगम अब उत्तर प्रदेश की पहचान बन गया है।
🌄 भोर की ठंड और दिन की तपिश – नया संतुलन
प्रदेश के कई जिलों में लोग अब सुबह हल्की ठंड और दिन में तपिश का अनुभव कर रहे हैं। यह संक्रमणकालीन मौसम है, जब गर्मी और सर्दी दोनों साथ-साथ महसूस होती हैं।
मौसम के बदले रंग इस समय किसानों, विद्यार्थियों और आम लोगों के जीवन पर असर डाल रहे हैं। फसलों के लिए यह समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिन की धूप से खेत सूख रहे हैं और रात की ठंड मिट्टी को नमी दे रही है।
🌾 कृषि पर असर : रबी फसलों की तैयारी का संकेत
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह समय किसानों के लिए रबी फसलों की तैयारी का है। मानसून की विदाई के बाद जो शुष्क मौसम शुरू हुआ है, वह गेहूं और सरसों जैसी फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल परिस्थिति तैयार करेगा।
इस तरह मौसम के बदले रंग केवल तापमान या हवा तक सीमित नहीं, बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डाल रहे हैं।
🕊️ लखनऊ और अन्य शहरों में सुहावना मौसम
राजधानी लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में सुबह-शाम का मौसम अब सुहावना हो गया है। लोग पार्कों और छतों पर बैठकर ठंडी हवाओं का आनंद लेने लगे हैं। हालांकि दिन के समय धूप की तीव्रता अब भी बरकरार है।
यही मिश्रित तापमान उत्तर प्रदेश के मौसम के बदले रंग की पहचान है — एक ओर पसीना, तो दूसरी ओर सिहरन।
🔎 मौसम विभाग की चेतावनी और सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह और रात के तापमान में अंतर बढ़ने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ठंड और धूप दोनों से बचाव जरूरी है।
इसके साथ ही किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम के बदले रंग को ध्यान में रखकर फसलों की सिंचाई और बीज चयन की योजना बनाएं।
🌍 बदलते मौसम का नया अध्याय
उत्तर प्रदेश में इस समय मौसम के बदले रंग का संक्रमणकाल चल रहा है — न पूरी गर्मी, न पूरी ठंड। दिन की तेज धूप के बीच रात की सिहरन यह संकेत दे रही है कि अब धीरे-धीरे ठंड का मौसम दस्तक देने वाला है।
मानसून की विदाई, पछुआ हवाओं की शुरुआत और शुष्क वातावरण — ये सब मिलकर उत्तर प्रदेश के मौसम को नया रूप दे रहे हैं। जनजीवन, कृषि और स्वास्थ्य – हर क्षेत्र में मौसम के बदले रंग का प्रभाव अब साफ दिखाई देने लगा है।