बसपा की सरकार : महारैली में खूब लपेटे गए सपाई तो बहन जी ने मोदी का आभार जताया

"एक विशाल जनसभा जिसमें पीछे हाथ उठाए हुए सफेद वस्त्र पहने महिला है, बाईं ओर हिंदी में लिखा है: मायावती की पूरी स्पीच LIVE


🟦 बसपा की सरकार : महारैली में खूब दिखा हाथी का दम

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रिपोर्ट: संजय सिंह राणा ·

🔵 लखनऊ में नीले रंग का महासागर: कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती की महारैली

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आज बसपा की सरकार के नारे से गूंज उठी। कांशीराम की पुण्यतिथि पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांशीराम स्मारक स्थल पर विशाल महारैली का आयोजन किया। नीले झंडों, पोस्टरों और बैनरों से सजा पूरा लखनऊ मानो नीले रंग में रंग गया था। मायावती ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा — “अब समय आ गया है जब बसपा की सरकार दोबारा उत्तर प्रदेश में सत्ता संभाले।” रैली में करीब पांच लाख लोगों के जुटने का दावा किया गया है और रमाबाई अंबेडकर मैदान पर समर्थकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

🟦 मायावती बोलीं — “अब यूपी में बसपा की सरकार बनना जरूरी है”

अपने लगभग डेढ़ घंटे लंबे भाषण में मायावती ने कहा,

“जनता ने जो समर्थन आज दिखाया है, वह इस बात का सबूत है कि अब यूपी में फिर से बसपा की सरकार बनना तय है। यह भीड़ हमें हमारा पुराना गौरव याद दिला रही है।”

मायावती ने जोर देकर कहा कि सपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने दलितों, पिछड़ों और वंचितों को बार-बार धोखा दिया है और कांशीराम के आदर्श तभी पूरे होंगे जब एक बार फिर बसपा की सरकार बनेगी।

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🟦 मायावती ने सपा पर बोला तीखा हमला

मायावती ने बिना नाम लिए सपा नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता से बाहर आने पर ही समाजवादी पार्टी को कांशीराम की याद आती है। उन्होंने सवाल उठाया कि सपा के समय क्यों कांशीराम नाम वाले जिले का नाम बदला गया और कहा कि पदोन्नति में आरक्षण घटाने और गुंडों-माफियाओं को संरक्षण देने की बातों से समाज को नुकसान हुआ है।

🟦 कांग्रेस भी मायावती के निशाने पर

बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला किया और कहा कि कांग्रेस ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न देने में देरी की तथा दलित समाज को न्याय नहीं दिया। मायावती का कहना था कि कांग्रेस संविधान का हवाला देकर सिर्फ नाटक करती है और ज़रूरत पड़ने पर संवैधानिक मूल्यों को ताक पर रख देती है।

🟦 “गठबंधन से बसपा को लाभ नहीं, अकेले लड़ेंगे चुनाव”

2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर स्पष्ट दिशा देते हुए मायावती ने कहा कि गठबंधन से बसपा को अधिक लाभ नहीं मिलता और वोट ट्रांसफर की समस्‍या आती है। उन्होंने 2002 के उदाहरण का ज़िक्र करते हुए कहा कि उसी प्रकार अकेले चुनाव लड़कर पूर्ण बहुमत हासिल करना अब रणनीति रहेगी।

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🟦 भाजपा सरकार के लिए मायावती के शब्द: “हम आभारी हैं”

दिलचस्प रूप से मायावती ने भाजपा सरकार की कुछ नीतियों की प्रशंसा भी की और कहा कि कांशीराम स्मारक स्थल पर रखरखाव का काम भाजपा सरकार ने करवाया, जिसके लिये बसपा आभारी है। परन्तु साथ ही उन्होंने चेताया कि सत्ता में रहते हुए भी अराजक तत्व सक्रिय दिख रहे हैं और जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

🟦 “सपा का दोहरा चरित्र उजागर हो चुका है”: मायावती

मायावती ने कहा कि सपा सत्ता में रहते हुए दलितों की बात भूल जाती है, जबकि सत्ता से बाहर आने पर वही दलित-भाषण शुरू कर देती है। उन्होंने समर्थकों को चेताया कि बसपा की सरकार को रोकने के लिए झूठे प्रचार का सहारा लिया जा रहा है, पर जनता अब भ्रमित नहीं होगी।

🟦 आकाश आनंद ने भरी हुंकार — “2027 में बनेगी बसपा की सरकार”

मायावती के बाद मंच पर आकाश आनंद ने जोशीले शब्दों में कहा कि यह भीड़ संकेत है कि 2027 में यूपी में पांचवीं बार बसपा की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि बसपा बाबा साहेब के आदर्शों पर चलकर आरक्षण, सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रही है और यह लड़ाई तभी पूरी होगी जब बसपा सत्ता मेंआएगी।

"खुले मैदान में हजारों लोगों की भीड़, चारों ओर हाथी की मूर्तियां, नीला आसमान और दूर तक फैली सभा।"
“बहुजन समाज पार्टी की रैली में उमड़ी रिकॉर्ड तोड़ भीड़, हाथी की मूर्तियों के बीच बैठे लोग।”

🟦 रैली स्थल पर उमड़ा जनसैलाब: मायावती को सुनने उमड़े लाखों समर्थक

रमाबाई अंबेडकर मैदान के बाहर भीड़ की हालत ऐसी थी कि कई लोग दीवारें फांदकर अंदर प्रवेश की कोशिश कर रहे थे। अनेक जिलों से कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचे और चारों ओर नारे गूँज रहे थे — “बहन जी को लाना है, बसपा की सरकार बनाना है!” मायावती ने कहा कि जनता का यह प्रेम 2027 में परिणाम में बदल जाएगा और बसपा इस समर्थन को व्यर्थ नहीं जाने देगी।

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🟦 “अब यूपी में बदलाव का समय है”

अपने भाषण के अंत में मायावती ने कहा कि भाजपा और सपा दोनों जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं और केवल बसपा ही वह बदलाव ला सकती है जो कांशीराम और बाबा साहेब के आदर्शों पर आधारित होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बसपा का उद्देश्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि समाज का वास्तविक उत्थान और समानता है।

🟦 बसपा की सरकार बने तो दलित, पिछड़े और गरीब होंगे सशक्त

लखनऊ की महारैली ने स्पष्ट कर दिया कि बसपा का सपना और उसका जनसमर्थन जीवित है। कांशीराम की पुण्यतिथि पर जुटी यह भीड़ 2027 के राजनीतिक परिदृश्य पर असर डाल सकती है और बसपा का संदेश — दलित, पिछड़े और गरीबों का सशक्तिकरण — अब चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनकर उभर रहा है।

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रिपोर्ट: संजय सिंह राणा · www.samachardarpan24.com नाम · © 2025

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