पीएसी सिपाही प्रशांत सिंह हत्या मामला: उन्नाव निवासी पिता ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

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बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में तैनात पीएसी सिपाही की संदिग्ध मौत ने पुलिस विभाग और प्रशासन दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। प्रशांत सिंह हत्या मामला अब न केवल स्थानीय चर्चा का विषय बन चुका है, बल्कि प्रदेश भर में न्याय और पारदर्शिता की मांग को लेकर सुर्खियों में है। उन्नाव निवासी राजेश कुमार सिंह ने अपने बेटे की मौत को सुनियोजित हत्या बताते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पुत्र की मौत को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है।

राजेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे गए तीन पृष्ठों के प्रार्थना पत्र में लिखा है कि उनका बेटा प्रशांत सिंह वर्ष 2019 में आईटीआई चारबाग, लखनऊ में पढ़ाई कर रहा था। इसी बीच उसकी नियुक्ति बाराबंकी पीएसी सिपाही के रूप में हुई और उसने पढ़ाई छोड़कर ड्यूटी जॉइन कर ली। परिवार की उम्मीदों से भरा यह बेटा कुछ साल बाद ऐसी परिस्थितियों में मरा मिला, जिसने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया।

अंजली सिंह से शादी बनी विवाद की जड़

प्रार्थना पत्र में लिखा है कि मार्च 2019 में एक महिला ने फोन कर कहा कि वह नंदनी सिंह बोल रही है और उसकी बेटी अंजली सिंह ने प्रशांत सिंह पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद महिला ने बेटे पर शादी का दबाव बनाया। पिता ने बताया कि बेटे का करियर बर्बाद न हो, इसलिए उन्होंने अनिच्छा के बावजूद शादी के लिए हामी भर दी।

इसके बाद 11 मार्च 2019 को लखनऊ के एक मंदिर में अंजली सिंह और प्रशांत सिंह की शादी कर दी गई। मगर शादी के कुछ दिनों बाद ही रिश्ते में दरारें आने लगीं। पिता का आरोप है कि अंजली और उसकी मां ने पैसों की मांग शुरू कर दी और उनके परिवार को लगातार धमकाने लगीं। प्रशांत सिंह हत्या मामला की पृष्ठभूमि यहीं से तैयार होती दिखी।

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बाराबंकी पीएसी सिपाही के आवास में शुरू हुआ उत्पीड़न

राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जब उनका बेटा 10वीं वाहिनी बाराबंकी पीएसी सिपाही के रूप में नियुक्त हुआ, तब अंजली सिंह और उसकी मां ने बाराबंकी में रहने का दबाव बनाया। दबाव के चलते बेटे ने सरकारी आवास ले लिया और दोनों को अपने साथ रहने दिया। इसके बाद बेटे के जीवन में असामान्य घटनाएं बढ़ने लगीं।

आवेदन में बताया गया कि उसी पीएसी कैंपस में कार्यरत सिपाही शिवेन्द्र सिंह यादव, वैभव सिंह और दो अन्य सिपाहियों से अंजली के अनुचित संबंध थे। पिता का आरोप है कि इन सिपाहियों और अंजली ने मिलकर प्रशांत को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे मामला इतना गंभीर हो गया कि बेटे को लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगीं।

13 अगस्त 2025 को हुई रहस्यमयी मौत

राजेश कुमार सिंह के अनुसार, 13 अगस्त 2025 की रात एक सुनियोजित साजिश के तहत प्रशांत सिंह हत्या मामला को अंजाम दिया गया। पिता ने आरोप लगाया कि अंजली सिंह, उसकी मां नंदनी सिंह, भाई अजय सिंह और चारों सिपाहियों—शिवेन्द्र सिंह यादव, वैभव सिंह व अन्य दो ने मिलकर सरकारी आवास में प्रशांत की हत्या कर दी।

हत्या के बाद आरोपितों ने उसे कार से अस्पताल ले जाकर यह दिखाने की कोशिश की कि यह आत्महत्या थी। डॉक्टरों ने पहुंचते ही प्रशांत सिंह को मृत घोषित कर दिया। पिता का दावा है कि बेटे की मौत की सूचना उन्हें या परिवार को तत्काल नहीं दी गई। जब पुलिस से सूचना मिली, तब तक पोस्टमार्टम की तैयारी की जा चुकी थी।

“हमें धमकाया जा रहा है, पर कार्रवाई नहीं हो रही” — पिता का आरोप

उन्नाव निवासी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उनके पुत्र की हत्या के बावजूद पुलिस द्वारा अब तक किसी आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई है। उल्टा उन्हें ही तरह-तरह की धमकियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा ईमानदार बाराबंकी पीएसी सिपाही था। उसने कभी किसी का बुरा नहीं किया। फिर भी उसकी हत्या कर दी गई और अब हमें ही धमकाया जा रहा है।”

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राजेश सिंह ने यह भी बताया कि बेटे का मोबाइल फोन अंजली सिंह के पास है, जिसमें लगातार धमकियों और विवाद से जुड़ी आवाज़ें रिकॉर्ड हैं। यही मोबाइल अब “न्याय की सबसे अहम कुंजी” है। उन्होंने कहा कि यदि फोन की जाँच कराई जाए तो प्रशांत सिंह हत्या मामला की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।

मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार, निष्पक्ष जांच की मांग

राजेश सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि वे खुद धमकियों के बावजूद न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि बाराबंकी पीएसी सिपाही की हत्या की निष्पक्ष जांच सीबीसीआईडी या एसआईटी से कराई जाए। साथ ही थाना मसोली की पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करे।

पत्र में लिखा है — “मैं अपने पुत्र की आत्मा को शांति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहा हूँ। मैं जान की परवाह नहीं करता, पर चाहता हूँ कि जिन लोगों ने मेरे पुत्र की हत्या की है, उन्हें सजा मिले।”

स्थानीय स्तर पर भी उठने लगी आवाजें

ग्राम ओसिया व आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि यह प्रशांत सिंह हत्या मामला अब केवल एक परिवार की लड़ाई नहीं रहा, बल्कि यह व्यवस्था की पारदर्शिता का प्रश्न बन चुका है। कई सामाजिक संगठनों ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

ग्रामीणों ने कहा कि अगर एक बाराबंकी पीएसी सिपाही अपने ही सरकारी आवास में सुरक्षित नहीं है, तो सामान्य नागरिक की सुरक्षा की क्या गारंटी है? इस सवाल ने पूरे जिले में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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पिता का अंतिम निवेदन

राजेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे “हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश” करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन यदि निष्पक्षता दिखाए, तो प्रशांत सिंह हत्या मामला की सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जाएगी।

उन्होंने आगे कहा, “हमने कई बार अधिकारियों को पत्र भेजा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब बस एक ही आस है—मुख्यमंत्री से न्याय।”

इस पूरे घटनाक्रम ने बाराबंकी पुलिस और पीएसी विभाग की छवि पर गहरे सवाल खड़े किए हैं। प्रदेश भर में प्रशांत सिंह हत्या मामला को लेकर चर्चा जोरों पर है और लोग सोशल मीडिया पर भी न्याय की मांग कर रहे हैं।

📌 क्लिक करें और पढ़ें सवाल-जवाब:

1️⃣ प्रशांत सिंह हत्या मामला क्या है?

यह बाराबंकी में तैनात पीएसी सिपाही प्रशांत सिंह की संदिग्ध मौत से जुड़ा मामला है, जिसमें पिता ने इसे सुनियोजित हत्या बताया है और मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की है।

2️⃣ प्रशांत सिंह की मौत कब और कैसे हुई?

13 अगस्त 2025 की रात सरकारी आवास में प्रशांत सिंह मृत पाए गए। परिवार का आरोप है कि अंजली सिंह और कुछ सिपाहियों ने मिलकर उनकी हत्या की।

3️⃣ पिता ने किन पर आरोप लगाए हैं?

राजेश कुमार सिंह ने अंजली सिंह, उसकी मां नंदनी सिंह, भाई अजय सिंह, और चार पीएसी सिपाहियों — शिवेन्द्र सिंह यादव, वैभव सिंह व अन्य दो पर हत्या का आरोप लगाया है।

4️⃣ मुख्यमंत्री से पिता ने क्या मांग की है?

उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रशांत सिंह हत्या मामला की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा देने की मांग की है ताकि उनके बेटे की आत्मा को शांति मिल सके।

5️⃣ क्या पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई की है?

परिवार के अनुसार, अब तक किसी आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई है। उल्टा परिवार को धमकियाँ दी जा रही हैं। पिता ने इसे न्यायिक उपेक्षा बताया है।

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