अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन ने असाध्य रोगी लावारिश पुरुष प्रभुजी को कोकिलावन आश्रम भिजवाया


हिमांशु मोदी की रिपोर्ट | कामां (भरतपुर)

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कामां (भरतपुर): मानवता की मिसाल पेश करते हुए अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन ने एक असाध्य रोग से पीड़ित, असहाय और लावारिस पुरुष प्रभुजी को कोकिलावन आश्रम उत्तर प्रदेश पुनर्वास हेतु भेजा। यह कदम समिति के सामाजिक सरोकार और सेवा भावना का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।
यह मानवता सेवा का ऐसा कार्य है जिसने लोगों के दिलों को छू लिया।

पैरों में गहरे जख्म, चलने में असमर्थ लावारिस पुरुष प्रभुजी की मदद

जानकारी के अनुसार, अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन के कार्यकर्ताओं को डॉ. गगन शर्मा द्वारा सूचना मिली कि कोसी चौराहे पर पेट्रोल पंप के पास एक व्यक्ति गंभीर हालत में पड़ा है।
वह व्यक्ति न केवल चलने-फिरने में असमर्थ था बल्कि उसके पैरों में बड़ा जख्म था जिसमें कीड़े पड़ चुके थे। उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि वह अपना नाम या गांव तक नहीं बता पा रहा था।

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समिति के क्षेत्रीय अध्यक्ष संजय जैन बड़जात्या, जायंट्स ग्रुप कामवन के अध्यक्ष खेमराज खंडेलवाल और समिति सदस्य मनोज गंगोरा तुरंत मौके पर पहुंचे।
वहाँ जाकर उन्होंने स्थिति की गंभीरता देखी और तुरंत अपना घर सेवा समिति की टीम को सक्रिय किया।

थाने से सत्यापन के बाद भेजा गया कोकिलावन आश्रम

चूंकि यह व्यक्ति अपनी पहचान बताने में असमर्थ था, इसलिए समिति ने स्थानीय पुलिस थाने से सत्यापन कराकर उसकी स्थिति का पूरा विवरण लिया।
इसके बाद अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन की टीम ने निर्णय लिया कि उस असहाय व्यक्ति को पुनर्वास के लिए अपना घर आश्रम कोकिलावन भेजा जाए।

मानवता की इस मिसाल के दौरान समिति ने उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर एम्बुलेंस में बैठाया और पूर्ण देखरेख के साथ कोकिलावन आश्रम तक पहुंचाया।
इस कार्य में पार्षद धीरज अवस्थी के पिता मुकेश अवस्थी, डॉ. गगन शर्मा, सेवा साथी राजेन्द्र सिंह, विनोद सिंह,
तथा समिति के अन्य पदाधिकारी – प्रमोद पुजारी, उमाशंकर शर्मा, सुनील तमोलिया, हरि कुम्हेरिया,
गोविंद खंडेलवाल और राधा शरण शर्मा शामिल रहे।

मानवता की सेवा में अग्रणी है अपना घर सेवा समिति कामवन

अपना घर सेवा समिति कामवन समय-समय पर ऐसे अनेक कार्य करती रही है जिसमें असहाय, निराश्रित, लावारिस और अस्वस्थ व्यक्तियों की मदद की जाती है।
संस्था के अध्यक्ष प्रमोद पुजारी ने बताया कि समाजसेवा ही सच्ची पूजा है और अपना घर परिवार इसी भावना से कार्य करता है।

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यह कार्य न केवल एक जरूरतमंद व्यक्ति की मदद है बल्कि यह समाज के लिए एक संदेश भी है कि मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं
आज के समय में जब लोग अपने स्वार्थ में उलझे हुए हैं, वहीं अपना घर सेवा समिति जैसी संस्थाएँ सेवा और करुणा की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं।

अपना घर सेवा समिति की यह पहल बनी प्रेरणा

कामवन क्षेत्र में इस घटना के बाद से लोगों में अपना घर सेवा समिति के प्रति सम्मान और बढ़ गया है।
सोशल मीडिया पर भी इस मानवता सेवा की खूब सराहना की जा रही है।
लोगों का कहना है कि समिति ने वास्तव में “सेवा ही सच्चा धर्म” का अर्थ साकार कर दिखाया है।

अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन का यह कदम आने वाले समय में कई युवाओं को समाजसेवा की ओर प्रेरित करेगा।
ऐसे नेक कार्यों से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।

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सेवा ही सच्ची साधना है

इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि मानव सेवा ही सर्वोत्तम धर्म है।
कामवन की यह पहल समाज के हर वर्ग के लिए एक प्रेरणा है कि अगर हम सब मिलकर ऐसे असहाय लोगों की मदद करें, तो समाज से दुख और निराशा का अंत हो सकता है।


👉 प्रश्न 1: अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन क्या करती है?

अपना घर सेवा समिति इकाई कामवन एक समाजसेवी संस्था है जो असहाय, निराश्रित, लावारिस और रोगग्रस्त लोगों की सहायता, उपचार और पुनर्वास का कार्य करती है।

👉 प्रश्न 2: लावारिस पुरुष प्रभुजी को कहाँ भेजा गया?

असहाय रोगी पुरुष प्रभुजी को पुनर्वास और देखभाल के लिए अपना घर आश्रम कोकिलावन, उत्तर प्रदेश भेजा गया।

👉 प्रश्न 3: इस मानवीय कार्य में किन लोगों का सहयोग रहा?

इस कार्य में प्रमोद पुजारी, संजय जैन बड़जात्या, खेमराज खंडेलवाल, मनोज गंगोरा, मुकेश अवस्थी, डॉ गगन शर्मा, राजेन्द्र सिंह, विनोद सिंह, उमाशंकर शर्मा, सुनील तमोलिया, हरि कुम्हेरिया, गोविंद खंडेलवाल और राधा शरण शर्मा का विशेष योगदान रहा।

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