
शताब्दी वर्ष पर पथ संचलन कार्यक्रम — एक गौरवशाली इतिहास
अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई। हिंदु जन मान-मंथन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार हुआ है — संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो गए। इस अद्वितीय अवसर पर नगर शाहाबाद में शताब्दी वर्ष पथ संचलन का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें नगर के सभी स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
यह पथ संचलन कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि संघ की परम्पराएँ आज भी जीवंत हैं, और आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देंगे।
यह आयोजन न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे जिले, प्रांत एवं विभाग स्तर पर विशेष महत्व रखता है। 100 वर्ष की यात्रा में संघ ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे परन्तु आदर्शों, संगठन एवं सेवा भाव को आज भी अक्षुण्ण रखा।
इस ऐतिहासिक पथ संचलन ने यह प्रमाणित किया कि संघ का मिशन और विचार आज भी जनमानस में प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम का स्वरूप और आयोजन
शताब्दी वर्ष पथ संचलन का आयोजन नगर शाहाबाद की मुख्य सड़कों पर किया गया। प्रारंभ में एक छोटा सा सांकेतिक रैली आयोजन समिति ने तय किया, जो धीरे-धीरे एक भव्य पथ संचलन रूप ले गया।
कार्यक्रम की रूपरेखा
समूह गठन एवं उद्घाटन : नगर के विभिन्न वार्डों से स्वयंसेवक समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे।
ध्वजारोहण एवं उद्घाटन ध्वनि : राष्ट्रध्वज और संघ ध्वज को आरोहित किया गया, और उद्घाटन भाषण हुआ।
नारे एवं झांकियाँ : स्वयंसेवकों ने संघ-सम्बंधित नारे लगाये, और झांकियाँ प्रस्तुत कीं।
पथ संचलन प्रारंभ : एक निर्धारित मार्ग से पथ संचलन की शुरुआत हुई; मार्ग में सजावट एवं बैनर लगे थे।
प्रमुख वक्ताओं का संबोधन : आयोजन के मध्य वक्ताओं ने भाषण दिए, संघ की यात्रा और भावी योजनाएँ साझा कीं।
समापन एवं धन्यवाद प्रस्ताव : अंत में धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया और सभी स्वयंसेवकों का अभिनन्दन किया गया।
समय के हिसाब से, सुबह से प्रारंभ हुआ यह कार्यक्रम दोपहर तक जारी रहा।
प्रमुख उपस्थितियाँ और सम्मानजनक उपस्थिति
पथ संचलन कार्यक्रम के दौरान अनेक प्रदेश, विभाग, जिला एवं नगर स्तर के गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी प्रतिष्ठित बना दिया।
जिला, प्रांत एवं विभागीय पदाधिकारी
जिला कार्यवाह श्रीमान सचिन जी
जिला प्रचारक श्रीमान अनिल जी
जिला संपर्क प्रमुख श्रीमान गिरीश जी
जिला शारीरिक प्रमुख श्रीमान राजवर्धन जी
प्रांत धर्मजागरण प्रमुख श्रीमान सुरेंद्र जी
विभागीय अधिष्ठाता श्रीमान मनीष जी
माननीय नगर संचालक डॉ. विक्रम जी
नगर एवं खंड स्तर के पदाधिकारी
नगर कार्यवाह श्रीमान अनूप जी
सह नगर कार्यवाह श्रीमान श्याम जी
खंड कार्यवाह श्रीमान प्रवीण जी
और अन्य नगर एवं वार्ड स्तर के स्वयंसेवक
इन सभी की उपस्थिति और सक्रिय भागीदारी ने शताब्दी वर्ष पथ संचलन कार्यक्रम को सफल और प्रेरणादायक बनाया।
पथ संचलन में स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका
नगर शाहाबाद के सभी स्वयंसेवकों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। सुबह से ही वे तैयार थे — एकता, अनुशासन एवं उत्साह के साथ। पथ संचलन में उनके हाथों में झंडे, सारगर्भित नारे, बैनर और संघ के प्रतीक देखे गए।
उनकी एकजुटता ने इस शताब्दी वर्ष पथ संचलन को जनमानस में संदेश पहुँचाने में सशक्त किया — संघ की विचारधारा और सेवा भाव आज भी जीवन्त हैं। इस तरह की भागीदारी यह दर्शाती है कि नए युवा भी संघ की परंपरा, नैतिकता एवं संकल्प से जुड़े हुए हैं।
पथ संचलन कार्यक्रम के उद्देश्य एवं संदेश
शताब्दी वर्ष पथ संचलन का आयोजन सिर्फ एक शो-पीस नहीं था, बल्कि यह निम्नलिखित उद्देश्यों एवं संदेशों को जनसाधारण तक ले जाने का अभियान था:
1. संघ स्थापना की 100 वर्ष की गौरवशाली यात्रा को स्मरण करना
2. समाज में संघ की विचारधारा और मिशन का प्रचार-प्रसार करना
3. नवयुवकों को सेवा, अनुशासन और राष्ट्रभावना से जोड़ना
4. स्वयंसेवकों में आत्मविश्वास व एकता बढ़ाना
5. स्थानीय जनता को संघ के कार्य एवं उद्देश्यों से परिचित कराना
इन सभी उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, पथ संचलन के माध्यम से यह संदेश गया: संघ की विचारधारा न केवल इतिहास है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की दिशा भी है।
प्रतिध्वनियाँ और सामाजिक प्रभाव
शताब्दी वर्ष पथ संचलन कार्यक्रम ने नगर शाहाबाद में सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतिध्वनि उत्पन्न की।
स्थानीय लोगों की उत्सुकता : मार्ग के किनारे खड़े लोगों ने कार्यक्रम देखा, अभिवादन किया और अज्ञान को जिज्ञासा में बदला।
स्थानीय मीडिया कवरेज : समाचार पत्र एवं डिजिटल माध्यमों में इस कार्यक्रम को व्यापक कवरेज मिला।
सामाजिक मीडिया पर चर्चा : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कार्यक्रम की फोटो, वीडियो और समीक्षा साझा की गई, जिससे यह ट्रेंड हुआ।
युवा प्रेरणा : विशेष रूप से युवाओं ने इस कार्यक्रम को देखा और संघ की विचारधारा में रुचि दिखाई।
इन प्रतिध्वनियों ने यह सुनिश्चित किया कि यह आयोजन केवल एक दिन का न रहकर, लंबे समय तक स्मरणीय रहे।
आगे की योजनाएँ एवं प्रतिबद्धता
पथ संचलन कार्यक्रम शताब्दी वर्ष का एक केंद्रबिंदु था, पर आगे की योजनाएँ भी तय की गईं:
संघ विचार प्रचार-प्रसार : शिविर, संवादमंच, सामाजिक अभियान
स्वयंसेवक प्रशिक्षण : चरित्र निर्माण, सार्वजनिक कार्यशालाएँ
स्थानीय सेवा कार्य : स्वच्छता, वृक्षारोपण, जनचेतना अभियान
युवा संवाद एवं प्रेरणा सत्र : स्कूल, कॉलेजों में संघ विचार को प्रस्तुत करना
इन योजनाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह शताब्दी वर्ष सिर्फ एक समारोह न रहे, बल्कि नए उत्साह, नए संकल्प और नई दिशा दे।
शताब्दी वर्ष संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर नगर शाहाबाद में हुआ यह पथ संचलन कार्यक्रम एक यादगार घटना बनकर उभरा। नगर के सभी स्वयंसेवकों की भागीदारी, जिला एवं प्रांत स्तर के पदाधिकारियों की उपस्थिति, कार्यक्रम की प्रशासकीय रूपरेखा और उद्देश्य — सभी ने मिलकर इसे सफल बनाया।
यह कार्यक्रम यह संदेश देता है कि संगठन की विचारधारा, सेवा भावना और अनुशासन आज भी प्रासंगिक हैं। यह न सिर्फ एक आयोजन था बल्कि एक आंदोलन का प्रतीक था, और आने वाले वर्षों में नए संकल्पों के साथ संघ की यात्रा को आगे बढ़ाने का दायित्व हम सभी पर है।
