सीता देवी की रिपोर्ट
नोएडा । एक दर्दनाक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक मां अपनी 9 साल की बच्ची के साथ हैवानियत करती थी। उसे चिमटे से जलाती और बेरहमी से पीटती थी। बच्ची का गुहार लगाते हुए एक वीडियो सामने आया था।
सेक्टर-113 कोतवाली क्षेत्र निवासी सात साल की मासूम बच्ची के सिर सहित शरीर के अन्य हिस्सों में मां ने चिमटे और लोहे के तार से इतने वार किए हैं कि पूरा जिस्म घायल हो गया। बच्ची का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। मासूम कोतवाली क्षेत्र स्थित एक स्कूल में पढ़ती है।
बुधवार दोपहर को इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हुईं, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। वीडियो में एक बच्ची मां की हैवानियत बयां करते हुए लोगों से मदद की गुहार लगा रही है। वायरल वीडियो में बच्ची कह रही है कि मेरी मम्मी मुझे मारती हैं, काटती हैं।
मुझसे सहन नहीं किया जाता है। मेरी मदद कीजिए। वीडियो और तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और मां से पूछताछ करने में जुटी है। बच्ची ने बताया कि उसके घर में मां के अलावा बाबा हैं। मां कभी होमवर्क पूरा न करने पर तो कभी अन्य वजह से बुरी तरह से पिटाई करती है।
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मासूम की मां ट्रेडिंग का काम करती हैं। इंटरनेट पर वीडियो और तस्वीर को दर्जनों लोगों ने साझा किया है। स्कूल प्रबंधन ने साधी चुप्पीइस मामले को लेकर जब स्कूल प्रबंधन से बात की गई तो प्रिसिंपल ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
प्रबंधन ने कहा कि इस संबंध में संबंधित कोतवाली पुलिस को जानकारी दे दी गई है और इसका स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी। अप्रैल में बच्ची को लिया था गोदपूछताछ में सामने आया है कि महिला ने बच्ची को इसी साल अप्रैल में गोद लिया था।
गोद लेने के बाद जब बच्ची आई तो सबकुछ सामान्य था, लेकिन उसके बाद अलग-अलग वजह से वह मासूम की पिटाई करने लगी। महिला का चार साल पहले पति से अलगाव हो गया है। महिला मासूम को मथुरा के बाल गृह से लेकर आई थी।
फोड़े के हैं जख्म
मामले को लेकर महिला से बात की गई तो उसने कहा कि होमवर्क पूरा न करने पर वह मासूम की कभी-कभी पिटाई कर देती है, लेकिन उसके शरीर पर जो चोट के निशान दिख रहे हैं वह फोड़े और फुंसी के हैं। अगर उसे बच्ची को परेशान करना होता तो उसे गोद क्यों लेती। मासूम वैसे मूलरूप से हरियाणा की है और तीन साल पहले भटकते हुए वृंदावन पहुंच गई थी। बाद में पुलिस ने रेस्क्यू कर उसे बाल गृह भेजा था।
जीबीयू के मनोविज्ञान एवं मानसिक रोग विभाग के प्रो. आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि कभी-कभी इंसान तन्हाई और अकेलेपन के कारण बच्चे को गोद ले लेता है, लेकिन खून का रिश्ता न होने के कारण उससे वह लगाव नहीं हो पाता है, जिसकी आशा की जाती है। साथ ही ऐसे रिश्ते को समाज आसानी से स्वीकार नहीं करता है, जिससे इंसान कुंठित हो जाता है। हर रिश्ते में ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है।
Author: samachar
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