गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित हुए सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा और शिक्षिका डॉ. रचना सिंह

नई दिल्ली में आयोजित गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड समारोह में सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा और शिक्षिका डॉ. रचना सिंह को सम्मानित करते हुए अभिनेता सुमित मलाहान और आयोजक अमोल भगत

गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित हुए समाजसेवी प्रहरी ; नई दिल्ली में गूँजा उन्नाव का नाम –

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

नई दिल्ली के राजा राम मोहन राय मेमोरियल ऑडिटोरियम में आयोजित एक भव्य समारोह में जब गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड के मंच पर दो नाम बार-बार गूँजे—सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व और शिक्षिका डॉ. रचना सिंह, तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

ये सम्मान केवल एक पदक नहीं, बल्कि उन जमीनी प्रयासों की पहचान है जो गाँधीजी के सत्य, अहिंसा और सेवा के मार्ग को आज के युग में जीवित रखते हैं।

🌱 पर्यावरण योद्धा – सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा की प्रेरणादायक यात्रा

उन्नाव पुलिस कंट्रोल रूम के प्रभारी सीनियर सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व पिछले कई वर्षों से “ग्रीन भारत अभियान” के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय हैं।

उन्होंने न केवल विभिन्न जनपदों में वृक्षारोपण कार्यक्रमों को नेतृत्व दिया, बल्कि “बाल चौपाल” के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के अधिकार के प्रति भी जागरूक किया।

उनके प्रयासों से प्रेरित होकर कई ग्राम पंचायतों में “ग्रीन आर्मी” का गठन हुआ — यह बाल सेना आज ग्रामीण भारत के हरित भविष्य की नींव बन रही है। इन्हीं सतत प्रयासों के लिए उन्हें इस वर्ष गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया।

📚 शिक्षिका डॉ. रचना सिंह – हर कक्षा में पर्यावरण का पाठ पढ़ाने वाली प्रेरणा

उन्नाव के कटरी पीपरखेड़ा कंपोजिट विद्यालय में कार्यरत राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका एवं एस.आर.जी. डॉ. रचना सिंह लंबे समय से विद्यालयों में पर्यावरण जागरूकता अभियान चला रही हैं।

उन्होंने अपने विद्यालय सहित कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित कर हजारों पौधे लगवाए हैं।

उनकी “बच्चों की ग्रीन आर्मी” ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया है।

यही सतत प्रयास और समाज के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण उन्हें गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड के योग्य बनाता है।

🕊️ गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड – राष्ट्रसेवा और पर्यावरण चेतना का प्रतीक

ए.बी.एम. फाउंडेशन के संस्थापक अमोल भगत द्वारा स्थापित गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड का उद्देश्य समाज में सक्रिय उन लोगों को सम्मानित करना है जो महात्मा गांधी के आदर्शों—सत्य, अहिंसा, सेवा और स्वच्छता—को व्यवहार में लाते हैं।

इस वर्ष देश के 25 समाजसेवियों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों को यह सम्मान प्रदान किया गया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बॉलीवुड अभिनेता सुमित मलाहान ने स्वयं मंच से कहा –

 “गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड केवल सम्मान नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा से जुड़ी प्रेरणा है।”

🇮🇳 अनूप मिश्रा का संदेश – “हमसे ही बनता है हमारा देश”

सम्मान प्राप्त करने के बाद सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व ने भावुक शब्दों में कहा, 

 “पेड़ों की रक्षा में हमारा योगदान सबसे बड़ा देशप्रेम है। गांधी जी के सत्य, अहिंसा और कर्मयोग के पथ पर चलकर हमें राष्ट्र सेवा करनी चाहिए। केवल सरकार के नियम काफी नहीं, यदि हर नागरिक अपना कर्तव्य निभाए तो भारत सशक्त बनेगा।”

उनकी यह पंक्तियाँ गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड के मूल संदेश को दोहराती हैं—“राष्ट्र सेवा कोई विकल्प नहीं, यह हमारा कर्तव्य है।”

👩‍🏫 डॉ. रचना सिंह का विचार – “शिक्षक केवल छात्रों का नहीं, राष्ट्र का भविष्य बनाता है”

सम्मान के बाद डॉ. रचना सिंह ने कहा –

 “एक शिक्षक का पूरा जीवन दायित्व से भरा होता है। यदि हर शिक्षक अपने विद्यार्थियों में पर्यावरण, अनुशासन और नागरिकता का संस्कार भर दे, तो यही सबसे बड़ा राष्ट्रनिर्माण होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड उन्हें और अधिक जिम्मेदारी का अहसास कराता है—“अब हमें हर विद्यालय को हरित और जागरूक बनाना होगा।”

🌏 समारोह में देशभर की हस्तियाँ हुईं शामिल

इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहीं, जिनमें रीना पाण्डेय, ओम प्रकाश सिंह, और अनेक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।

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सभी ने गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को बधाई दी और इस पहल को “राष्ट्र निर्माण की प्रेरक दिशा” बताया।

🌼 गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड – क्यों है यह सम्मान विशेष

यह पुरस्कार सिर्फ उपलब्धियों का नहीं, बल्कि मानवता और जिम्मेदारी की पहचान है।

आज जब समाज विकास की दौड़ में प्रकृति से दूरी बना रहा है, तब ऐसे लोग—जैसे अनूप मिश्रा अपूर्व और डॉ. रचना सिंह—हमें याद दिलाते हैं कि प्रगति और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं।

गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड उन असली नायकों को सलाम करता है जो बिना किसी प्रचार के अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं।

💬 ए.बी.एम. फाउंडेशन की भूमिका

फाउंडेशन के संस्थापक अमोल भगत ने कहा –

 “हम चाहते हैं कि गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड समाज में उन लोगों तक पहुँचे जो अपने कर्म से गांधी जी के विचारों को जीवित रखे हुए हैं।”

उनके अनुसार, आने वाले वर्षों में यह अवार्ड कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तार पाएगा ताकि भारत के प्रेरक व्यक्तित्वों को विश्व पहचान मिले।

🌺 उन्नाव का गौरव – प्रेरणा का प्रतीक बनते दो चेहरे

उन्नाव जिले के इन दो नागरिकों—सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व और डॉ. रचना सिंह—ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्ची सेवा किसी पद या पदक से नहीं, बल्कि कर्म से होती है।

दोनों ने न केवल जिले का नाम रोशन किया, बल्कि गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड के जरिए पूरे प्रदेश को प्रेरणा दी।

🪶  राष्ट्रसेवा और पर्यावरण रक्षा का संगम

आज जब दुनिया जलवायु संकट से जूझ रही है, तब ऐसे लोग राष्ट्र के सच्चे प्रहरी हैं।

गाँधी पीस इंटरनेशनल अवार्ड के ये विजेता हमें यह सिखाते हैं कि देशभक्ति सिर्फ शब्द नहीं, यह प्रकृति और समाज की रक्षा के कार्यों में निहित है।

उनके प्रयासों से यह स्पष्ट है—“एक वृक्ष लगाने वाला भी उतना ही देशभक्त है जितना सीमा पर तैनात सैनिक।”

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