नोएडा

ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली घी बनाते थे, जब असली घी की बताई पहचान तो सब चौंक गए

आरती शर्मा की रिपोर्ट 

नोएडा: आप भी ब्रैंडेड कंपनी के घी और मक्खन का इस्तेमाल करते हैं तो सतर्क हो जाएं। जरूरी नहीं कि नामी कंपनी के रैपर में बिक रहा सामान असली हो। पुलिस ने रविवार को सेक्टर 70 स्थित एक मकान में चल रही नकली घी और मक्खन (Noida Adulterated Ghee Recovered) की फैक्ट्री का खुलासा कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। फैक्ट्री से करीब 5 क्विंटल नकली घी और मक्खन के साथ नामी कंपनी के रैपर और पैकिंग पेपर बरामद हुए हैं। खाद्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक, विभाग ने सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। पकड़े गए सामान की कीमत 65 लाख रुपये के आसपास है।

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थाना फेज 3 पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग सेक्टर 70 में नकली घी व मक्खन बनाकर बेच रहे हैं। पुलिस और फूड सेफ्टी अफसर की टीम ने मकान नंबर जीटी 58, सेक्टर 70 पर छापा मारा। वहां से पांच लोगों को अरेस्ट किया गया, जबकि छह आरोपी मौके से फरार हो गए। आरोपियों की पहचान संजय (बिहार), राजकुमार (बागपत), आसिफ और साजिद (गाजियाबाद), दीपक मल्होत्रा (हापुड़) के रूप में हुई है। ये लोग किराये पर मकान लेकर फैक्ट्री चला रहे थे। पुलिस के मुताबिक, लोकल मार्केट में उपलब्ध सस्ते घी और मक्खन को नामी कंपनी के रैपर में पैक कर बेचते थे। गिरफ्त में आए आरोपियों ने बताया कि वे इस धंधे में 6 महीने से शामिल थे। हर महीने 5 से 6 क्विंटल नकली घी और मक्खन नोएडा और एनसीआर में सप्लाई करते थे। इससे पहले 13 जनवरी 2023 को एक्सप्रेसवे स्थित वाजिदपुर गांव में नकली घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इस मामले में पकड़े गए आरोपी जेल भी गए थे। इनका मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।

तीन से चार गुना मुनाफा

डीसीपी सेंट्रल राम बदन सिंह ने बताया कि इनके पास से नामी कंपनी के 1 लाख नकली पैकिंग रैपर व पैकिंग पेपर बरामद हुए हैं। ये रैपर व पैकिंग पेपर दिल्ली से लाते थे। साथ ही कोंडली (दिल्ली) से नकली घी व मक्खन खरीदकर नामी कंपनी के रैपर में पैक कर बेचते थे। इस तरह से लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए तीन से 4 गुना तक मुनाफा कमाते थे। नकली मक्खन 14 रुपये में मिलता है, ब्रैंडेड कंपनी के रैपर में पैक कर 56 रुपये में बेच देते थे। आरोपियों ने बताया कि वे इसे कुछ सस्ता करके ठेली पटरी दुकानदारों और लोकल मार्केट में बेचते थे। उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। इसमें कितनी मिलावट हुई है और स्वास्थ्य की दृष्टि से कितना हानिकारक है ये विभाग से रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि ये लोग कहीं एक्सपायरी डेट के मक्खन की भी पैकिंग तो नहीं करते थे। उन्होंने बताया कि इनका सरगना संजय और राजकुमार हैं।

घी की शुद्धता ऐसे परखें

एक बर्तन में एक चम्मच घी गर्म कर लें। घी तुरंत पिघलकर गहरे भूरे रंग में बदल जाता है तो यह शुद्ध है। पिघलने में समय लगता है और हल्के पीले रंग में बदल जाता है तो यह मिलावटी है।

टेस्ट ट्यूब में एक बड़ा चम्मच घी गरम करें और एक चुटकी चीनी के साथ बराबर मात्रा में गाढ़ा हाइड्रोक्लोरिक एसिड (एचसीआई) मिलाएं। सभी को अच्छी तरह मिला लें। निचली परत में गुलाबी या लाल रंग दिखता है तो इसे वनस्पति घी जैसे कठोर घी के साथ मिलाकर बनाया गया है।

हथेली पर एक चम्मच घी डालें। यह खुद ही पिघलना शुरू कर दे तो समझ लें कि वह शुद्ध है।

घी को हथेलियों पर रगड़ते ही वह जम जाए और खुशबू आनी बंद हो जाए तो वह नकली है।

घी में थोड़ा सा आयोडीन सॉल्यूशन मिला दिया जाए जो भूरे रंग का है और वह बैंगनी रंग में बदल जाता है तो घी में स्टार्च की मिलावट है।

सेहत के लिए खतरनाक

मिलावटी देसी घी का सेवन करने से पेट संबंधी दिक्कतें जैसे अपच और दस्त हो सकते हैं। दस्त में लोगों के शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है जोकि डिहाइड्रेशन का कारण बनता है। इसमें कई बार कैडमियम मिलाया जाता है, जिससे कैंसर हो सकता है। कैडमियम एक रसायन है, जो विषैला होता हैं। इसके संपर्क में आने से कैंसर के साथ ही यह हृदय, गुर्दे, जठरांत्र, प्रजनन और श्वसन तंत्र को भी प्रभावित करता है। इससे मूत्रमार्ग और किडनी में खराबी हो सकती है।

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"ज़िद है दुनिया जीतने की" "हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं"
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