
जुरहरा दशहरा 2025 : 173वें रामलीला महोत्सव का भव्य समापन
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
डीग जिले के जुरहरा कस्बे में देशभर में प्रसिद्ध जुरहरा दशहरा मेला इस साल 173वें रामलीला महोत्सव के साथ धूमधाम से संपन्न हुआ। गुरुवार को दशहरा मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 60 फीट ऊंचे रावण के पुतले का भव्य दहन हुआ।
यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि संस्कृति और लोक परंपरा का भी उत्कृष्ट प्रदर्शन साबित हुआ।
इस अवसर पर जुरहरा दशहरा 2025 में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें एक दर्जन से अधिक झांकियों ने अपनी छटा बिखेरी।
रामलीला कमेटी के कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि इस बार की शोभायात्रा में राया की नपीरी और शहनाई वादन ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही दो बैंडों ने भी शोभा में चार चांद लगा दिए, जिससे कस्बे का माहौल भक्तिमय और उत्सवपूर्ण हो गया।
शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आकर्षक संगम
जुरहरा दशहरा 2025 की शोभायात्रा में शामिल झांकियों ने रामलीला की कथाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। भक्तिमय संगीत और बैंड-बाजों की धुनों ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
जैसे ही झांकियां और शहनाई की धुनें कार्यक्रम स्थल में गूंजने लगीं, सैंकड़ों श्रद्धालु उत्साह और उमंग के साथ कार्यक्रम का आनंद लेने लगे।
शोभायात्रा के दौरान विशेष रूप से ध्यान देने योग्य था रावण दहन का दृश्य। 60 फीट ऊंचा रावण पुतला जलते ही जैसे बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बन गया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इस दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया।
सुरक्षा और व्यवस्था पर पुलिस का ध्यान
जुरहरा दशहरा 2025 में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी तत्परता दिखाई। थानाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि सर्किल के अन्य थानों की टीमों ने भी सुरक्षा व्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाई। इस वजह से आयोजनों के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा या दुर्घटना से बचा जा सका।
भक्ति और उत्सव का संगम
जुरहरा दशहरा 2025 केवल रामलीला महोत्सव तक सीमित नहीं रहा। इस मेले में लोगों ने सामूहिक रूप से भक्ति, आनंद और सांस्कृतिक पहचान का आनंद लिया।
श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में शामिल होकर और रावण दहन के दौरान झूमकर यह संदेश दिया कि बुराई पर अच्छाई की हमेशा विजय होती है।
इस मेले में बच्चों के लिए अलग-अलग खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिससे छोटे से लेकर बड़े सभी लोग कार्यक्रम का आनंद ले सके। झांकियों और भव्य बैंड-बाजों ने कस्बे को एक अद्भुत उत्सव स्थल में बदल दिया।
जुरहरा दशहरा मेला : स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा
जुरहरा दशहरा 2025 के आयोजन ने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को मजबूती दी, बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी प्रोत्साहित किया। मेले के दौरान अनेकों स्थानीय दुकानदारों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली।
इस प्रकार, 173वें रामलीला महोत्सव और दशहरा मेला ने जुरहरा कस्बे को देशभर में एक बार फिर धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया।
जुरहरा दशहरा 2025 ने इस बात को फिर से साबित कर दिया कि दशहरा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि संस्कृति, भक्ति और सामूहिक उत्साह का प्रतीक है। भव्य शोभायात्रा, झांकियां, बैंड-बाजे और 60 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के मन में उत्साह और आनंद भर दिया।
इस तरह जुरहरा दशहरा मेला ने न केवल धार्मिक भावना को उजागर किया, बल्कि समाज में अच्छाई की जीत का संदेश भी फैलाया।