
अज़मगढ़ में नवरात्रि के अवसर पर कन्या पूजन का भव्य आयोजन
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
अज़मगढ़ मंडल के रोडवेज तिराहा स्थित प्राचीन श्री राधा कृष्ण मंदिर में इस बार नवरात्रि के पावन अवसर पर कन्या पूजन का आयोजन अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावना से परिपूर्ण था, बल्कि समाज में बालिकाओं के महत्व और शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम भी बना।
मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों ने देखा कि कैसे बालिकाओं के पांवों में चरण स्पर्श किया गया, उन्हें चुनरी और तिलक अर्पित कर रक्षा सूत्र बांधा गया। इस अवसर पर दीपिका सिंह, जो निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने वाली समाजसेवी हैं, ने बच्चियों को हलुआ, पूड़ी और चना का भोग भी लगाया।
बालिकाओं को शिक्षा और सामग्री का वितरण
इस भव्य कन्या पूजन आयोजन में दीपिका सिंह ने सिर्फ धार्मिक पूजन तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा देने के साथ-साथ किताबें, कॉपी और फल वितरण कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, यह कार्यक्रम केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि शिक्षा और सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन गया।
मंदिर परिसर में उपस्थित प्रबंधक श्री गोविंद प्रताप सिंह, अध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह, सचिव दीपिका सिंह, कोषाध्यक्ष अमित कुमार सिंह और अन्य सदस्यगण ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मंदिर परिसर में मंत्रमुग्ध वातावरण
पूजन के दौरान बच्चियों ने मातरानी का जयकारा लगाकर मंदिर परिसर को भक्तिमय और मंत्रमुग्ध वातावरण में बदल दिया। उपस्थित लोगों ने इस भव्य आयोजन का गवाह बनकर महसूस किया कि किस प्रकार धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
नवरात्रि और कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह सशक्तिकरण और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। कन्या पूजन इस बात की याद दिलाता है कि बालिकाओं का सम्मान और शिक्षा समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है। इस आयोजन ने अज़मगढ़ में यह संदेश दिया कि कैसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से बच्चों को शिक्षित और सशक्त बनाया जा सकता है।
समाज में शिक्षा और धार्मिकता का मेल
दीपिका सिंह की पहल से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक आयोजन केवल पूजा तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाजिक सुधार और बालिकाओं के अधिकारों के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इस कन्या पूजन में शिक्षा, भक्ति और सामुदायिक भागीदारी का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला।
भव्य आयोजन की विशेषताएं
1. प्रीतपूर्ण स्वागत: बच्चियों का पांव धूल कर चरण स्पर्श।
2. धार्मिक अनुष्ठान: चुनरी, तिलक और रक्षा सूत्र अर्पित।
3. भोजन और प्रसाद: हलुआ, पूड़ी और चना का भोग।
4. शैक्षिक सामग्री वितरण: किताब, कॉपी और फल वितरण।
5. मंत्रमुग्ध वातावरण: बच्चियों ने मातारानी का जयकारा लगाकर पूरे मंदिर को भक्तिमय कर दिया।
अज़मगढ़ में नवरात्रि की रौनक और जागरूकता
इस भव्य आयोजन ने अज़मगढ़ के नागरिकों को यह संदेश दिया कि धार्मिक उत्सवों के माध्यम से समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाना संभव है। मंदिर परिसर में उपस्थित सभी लोग, चाहे वे श्रद्धालु हों या समाजसेवी, इस आयोजन से मंत्रमुग्ध हुए।
इस प्रकार, अज़मगढ़ में नवरात्रि के अवसर पर कन्या पूजन न केवल धार्मिक उत्सव था, बल्कि यह बालिकाओं को सम्मान, शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता का भी संदेश देने वाला कार्यक्रम बन गया।
अज़मगढ़ मंडल रोडवेज तिराहा स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर का यह आयोजन एक उदाहरण है कि कैसे धार्मिक आयोजन और समाज सेवा का संगम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। बच्चियों को शिक्षा, भोग और सामुदायिक सम्मान प्रदान करना निश्चित रूप से उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाएगा।
