
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई पर उठे सवाल
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट में इस समय अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई चर्चा का विषय बनी हुई है। जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक गुप्ता पर लगातार गंभीर आरोप लग रहे हैं – कभी अवैध निर्माण, कभी अधिकारियों को धमकाने और कभी पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश। उनके खिलाफ समाज के विभिन्न वर्गों में तीखा विरोध शुरू हो गया है।
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अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई: अवैध निर्माण का खेल
जानकारी के अनुसार, अशोक गुप्ता ने स्टेशन रोड और अपने निजी मकान में बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण कराया। इस पर विकास प्राधिकरण द्वारा कानूनी कार्रवाई की गई। लेकिन इसके बजाय गलती मानने की जगह उन्होंने विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाने और धमकाने का रास्ता चुना।
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई: जेई को धमकी
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई का सबसे बड़ा उदाहरण तब सामने आया जब उन्होंने विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता ज्ञानेंद्र बहादुर को खुलेआम धमकाते हुए कहा कि “लड़की लगाकर जेल भेज दूंगा” और जान से मारने की चेतावनी तक दे डाली। इस घटना ने साफ कर दिया कि वह कानून को ताक पर रखकर अपनी दबंगई दिखाना चाहते हैं।
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई: पत्रकारों पर दबाव
वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह राणा का कहना है कि वह पहले भी अशोक गुप्ता के काले कारनामों को उजागर करते रहे हैं। जब गौशाला विवाद और अवैध निर्माण की खबरें प्रकाशित हुईं, तब गुप्ता ने पत्रकारों को डराने-धमकाने की कोशिश की। लेकिन, राणा का कहना है कि अब चाहे जितने हथकंडे अपनाए जाएं, अवैध कार्यों को उजागर करने से पत्रकार पीछे नहीं हटेंगे।
पत्रकार संजय सिंह राणा का बयान
वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह राणा ने कहा:
“अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अशोक गुप्ता को जो भी हथकंडे अपनाने हैं, अपना लें। लेकिन हम उनके अवैध निर्माण, शासन के आदेशों की खुलेआम अनदेखी और अधिकारियों को धमकाने की हर खबर प्रकाशित करते रहेंगे। अवैध कार्यों पर कार्रवाई होकर रहेगी और सच्चाई सामने लाना हमारा कर्तव्य है।”
राणा ने यह भी जोड़ा कि यदि जेई को धमकी देने और जान से मारने वाले मामले में मुकदमा दर्ज हुआ तो अशोक गुप्ता को कानून के आगे झुकना ही पड़ेगा।
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई: अधिवक्ता समाज की छवि पर सवाल
कई अधिवक्ता भी मानते हैं कि अध्यक्ष के ऐसे कार्यों से पूरे अधिवक्ता समाज की छवि धूमिल हो रही है। पद का इस्तेमाल जनता की आवाज उठाने और न्याय के लिए होना चाहिए, लेकिन व्यक्तिगत हित और दबंगई के लिए इसका दुरुपयोग अधिवक्ता संघ की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई के खिलाफ विरोध
पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अशोक गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बिना नक्शा पास कराए किए जा रहे निर्माण कार्य पर रोक लगे और अधिकारियों को धमकाने के मामले में मुकदमा दर्ज हो।
स्पष्ट है कि अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दबंगई अब केवल व्यक्तिगत विवाद का विषय नहीं रही, बल्कि यह कानून व्यवस्था, पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अधिवक्ता समाज की साख से जुड़ा मुद्दा बन चुकी है। जनता और पत्रकारों का विरोध इस बात का संकेत है कि अब अवैध निर्माण और दबंगई के खिलाफ कार्रवाई अनिवार्य हो गई है।
