
बंथरा, लखनऊ के अंतर्गत ग्राम पंचायत नीवा में स्थित प्राचीन माता राम-जानकी मंदिर एक बार फिर धार्मिक आस्था, सामाजिक एकता और परंपरागत संस्कारों का साक्षी बना। दिनांक 19 दिसंबर 2025 को यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हवन-पूजन, वैदिक मंत्रोच्चार और श्रद्धालुओं के लिए अन्न-प्रसाद वितरण ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय वातावरण में सराबोर कर दिया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम भर नहीं था, बल्कि ग्रामीण समाज की सामूहिक चेतना, सहयोग और सेवा भावना का सशक्त उदाहरण भी बनकर उभरा।
हवन-पूजन के साथ हुआ धार्मिक कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातःकाल विधिवत हवन-पूजन के साथ हुआ। ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच माता राम-जानकी का पूजन किया गया। मंदिर प्रांगण में जलते हवन कुंड, धूप-दीप और मंत्रों की गूंज ने वातावरण को पूर्णतः आध्यात्मिक बना दिया। श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख-समृद्धि, शांति और ग्राम कल्याण की कामना के साथ आहुतियां अर्पित कीं।
मनीराम विश्वकर्मा के नेतृत्व में हुआ आयोजन
इस विशाल आयोजन का नेतृत्व ग्राम पंचायत नीवा के पूर्व प्रधान स्वर्गीय गंगा प्रसाद के पुत्र मनीराम विश्वकर्मा ने किया। ग्रामीणों के अनुसार यह आयोजन उनके परिवार द्वारा वर्षों से निरंतर परंपरा के रूप में किया जा रहा है। मनीराम विश्वकर्मा ने बताया कि यह आयोजन उनके पिता की स्मृति और माता राम-जानकी की कृपा से हर वर्ष किया जाता है, ताकि गांव में आपसी भाईचारा और धार्मिक चेतना बनी रहे।
उन्होंने कहा कि “भंडारा केवल भोजन का वितरण नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है। इसमें जाति, वर्ग या भेदभाव का कोई स्थान नहीं होता। माता के दरबार में सभी समान हैं।” यही कारण रहा कि आयोजन में दूर-दराज के गांवों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे।
चार दिन की तैयारी, दो दिन तक हुआ व्यापक प्रचार
विशाल भंडारे के आयोजन की तैयारियां चार दिन पूर्व से ही शुरू कर दी गई थीं। मंदिर परिसर की साफ-सफाई, पंडाल व्यवस्था, भोजन निर्माण स्थल, बैठने की व्यवस्था और पानी की सुविधा को सुव्यवस्थित रूप से तैयार किया गया। आयोजन से दो दिन पहले माइक के माध्यम से आसपास की ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को सूचना प्राप्त हुई।
गरम-गरम पूड़ी, सब्जी और मिठाई का प्रसाद
भंडारे में श्रद्धालुओं के लिए गरम-गरम पूड़ी, स्वादिष्ट सब्जी और मिठाई का विशेष प्रबंध किया गया था। सुबह से लेकर शाम 7:30 बजे तक लगातार प्रसाद वितरण चलता रहा। श्रद्धालुओं की आवक-जावक बनी रही और सेवाभाव से लगे स्वयंसेवक पूरे अनुशासन के साथ व्यवस्था संभालते नजर आए।
महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गई थी, जिससे किसी को कोई असुविधा न हो। ग्रामीणों ने इस व्यवस्था की खुले दिल से सराहना की।
सैकड़ों गांवों से पहुंचे श्रद्धालु
इस धार्मिक आयोजन में केवल नीवा गांव ही नहीं, बल्कि आसपास की सैकड़ों ग्राम पंचायतों से श्रद्धालु पहुंचे। मंदिर परिसर में दिनभर श्रद्धालुओं की चहल-पहल बनी रही। भजन-कीर्तन, जयकारे और धार्मिक चर्चा से पूरा क्षेत्र उत्सव के रंग में रंगा नजर आया।
ग्रामीणों में दिखा उत्साह और खुशी का माहौल
कार्यक्रम को लेकर क्षेत्रीय लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। दिनभर यह आयोजन गांव और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना रहा। बुजुर्गों ने इसे गांव की एकता का प्रतीक बताया, वहीं युवाओं ने आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाकर सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया।
ग्रामीणों का कहना था कि ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज को जोड़ने का भी कार्य करते हैं। माता राम-जानकी मंदिर में हुआ यह विशाल भंडारा इसी भावना का सजीव उदाहरण बनकर सामने आया।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
❓ भंडारे का आयोजन कहां हुआ?
यह आयोजन बंथरा लखनऊ के ग्राम पंचायत नीवा में स्थित माता राम-जानकी मंदिर में हुआ।
❓ आयोजन किसके नेतृत्व में किया गया?
भंडारे का आयोजन मनीराम विश्वकर्मा के नेतृत्व में किया गया, जो स्वर्गीय पूर्व प्रधान गंगा प्रसाद के पुत्र हैं।
❓ श्रद्धालुओं के लिए क्या व्यवस्था की गई थी?
श्रद्धालुओं के लिए गरम-गरम पूड़ी, सब्जी और मिठाई का प्रसाद, बैठने की समुचित व्यवस्था और जल की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।
❓ कार्यक्रम कितने समय तक चला?
कार्यक्रम सुबह से शाम 7:30 बजे तक लगातार चलता रहा।







