उन्नाव जिले के नवाबगंज इलाके में बीते कुछ दिनों से जिस नाम की सबसे अधिक चर्चा है, वह है अनुराग द्विवेदी।
एक किसान परिवार से निकलकर करोड़ों की दुनिया में पहुंचा यह 26 वर्षीय युवक अचानक तब सुर्खियों में आ गया,
जब 17 दिसंबर को उसके नवाबगंज स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की।
इसके बाद जो जानकारियां सामने आईं, उन्होंने न सिर्फ स्थानीय लोगों को, बल्कि सोशल मीडिया और प्रशासनिक गलियारों को भी चौंका दिया।
किसान का बेटा, लेकिन जीवनशैली ‘अमीरों’ जैसी
नवाबगंज क्षेत्र में अनुराग द्विवेदी का परिवार लंबे समय से खेती-किसानी से जुड़ा रहा है। गांव के लोग बताते हैं कि
कुछ साल पहले तक अनुराग एक सामान्य युवक की तरह ही रहता था। लेकिन बीते दो–तीन वर्षों में उसकी जिंदगी ने ऐसी करवट ली कि गांव के कच्चे-पक्के घरों के बीच अचानक एक भव्य विला खड़ा दिखाई देने लगा।
ऊंची बाउंड्री, आधुनिक डिजाइन, सीसीटीवी कैमरे और भीतर लग्जरी सुविधाओं से लैस यह विला गांव वालों के लिए हैरानी का सबब बन गया। सवाल साफ था—खेती से जुड़े परिवार का बेटा इतनी जल्दी इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा कर सकता है?
यूट्यूब की दुनिया का ‘स्टार’
अनुराग द्विवेदी की पहचान एक चर्चित यूट्यूबर के रूप में रही है। उसके यूट्यूब चैनल पर करीब 70 लाख सब्सक्राइबर बताए जाते हैं। वह खुद को फैंटेसी क्रिकेट और ऑनलाइन गेमिंग का एक्सपर्ट बताता रहा।
वीडियो में महंगी घड़ियां, ब्रांडेड कपड़े, विदेशी कारें और आलीशान जीवनशैली युवाओं को आकर्षित करती थी। देखते-देखते वह “कम उम्र में सफलता” का प्रतीक बन गया।
लग्जरी कारों का काफिला
ईडी की छापेमारी के दौरान जो सबसे चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई, वह थी घर के बाहर खड़ी लग्जरी कारों की कतार—BMW, Ferrari, Mercedes, Lamborghini और Defender।
सूत्रों के अनुसार, इनमें से चार लग्जरी कारों को ईडी ने जब्त कर लिया है।
करोड़ों की कीमत वाली ये गाड़ियां गांव के लोगों के लिए किसी सपने से कम नहीं थीं।
‘भौकाल’, दान और सामाजिक छवि
अनुराग ने सिर्फ धन प्रदर्शन ही नहीं किया, बल्कि सामाजिक गतिविधियों के जरिए अपनी मजबूत छवि भी बनाई। एंबुलेंस दान, कंबल वितरण, राशन सहायता और मुफ्त स्वास्थ्य शिविर जैसे कार्यक्रमों से वह इलाके में लोकप्रिय होता चला गया।
हालांकि गांव के बुजुर्गों के मन में एक सवाल लगातार बना रहा—इतनी कम उम्र में इतना पैसा आखिर आया कहां से?
शिकायतें, संदेह और ईडी की कार्रवाई
बताया जाता है कि किसी स्थानीय शिकायत के बाद एजेंसियों की नजर अनुराग की बढ़ती संपत्ति पर पड़ी। आरोप लगे कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अवैध तरीके से धन अर्जित किया गया और लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।
17 दिसंबर को ईडी ने छापेमारी कर दस्तावेज, डिजिटल डाटा और लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले। मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के एंगल की भी जांच हो रही है।
सोशल मीडिया की चमक और असलियत
यह मामला आज के डिजिटल दौर में उभरते एक बड़े सवाल की ओर इशारा करता है—क्या सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली सफलता हमेशा वैध और वास्तविक होती है?
अनुराग द्विवेदी की कहानी अब सिर्फ एक यूट्यूबर की नहीं रही, बल्कि कानून, जांच और समाज के लिए एक गहन बहस का विषय बन चुकी है।
❓ सवाल–जवाब
ईडी ने अनुराग द्विवेदी के घर छापा क्यों मारा?
उनकी आय के स्रोत, ऑनलाइन गतिविधियों और संपत्ति में अचानक हुई बढ़ोतरी की जांच के लिए।
क्या सभी कारें जब्त कर ली गई हैं?
सूत्रों के अनुसार चार लग्जरी कारों को ईडी ने जब्त किया है।
क्या अनुराग पर अभी कोई दोष सिद्ध हुआ है?
नहीं, फिलहाल जांच जारी है। अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।
यह मामला युवाओं के लिए क्या संदेश देता है?
सोशल मीडिया की चमक-दमक के पीछे छिपी सच्चाई को समझने और वैध रास्तों पर चलने का संदेश।






