दीवार काटकर लाखों की चोरी, घर में सोता रहा परिवार—सरोजिनी नगर में बढ़ता चोरों का आतंक

अजीत यादव की रिपोर्ट
IMG_COM_202512190117579550
previous arrow
next arrow

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में है। सरोजिनी नगर क्षेत्र में चोरों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब वे पक्की दीवारों को काटकर घरों में घुस रहे हैं और लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवरात तथा नकदी लेकर बेखौफ फरार हो जा रहे हैं। ताज़ा मामला सरोजिनी नगर के अंतर्गत थाना बिजनौर क्षेत्र के ग्राम पंचायत कासिम खेड़ा का है, जहां एक परिवार की जिंदगी भर की जमा-पूंजी रातों-रात चोरी हो गई।

रात के सन्नाटे में 10 इंच की दीवार काटकर घुसे चोर

कासिम खेड़ा निवासी सतीश यादव के मकान को चोरों ने निशाना बनाया। दिनांक 16 दिसंबर 2025 की रात चोर सरसों के खेत की ओर से आए और लगभग 10 इंच मोटी पक्की दीवार में सेंध लगाकर घर के भीतर दाखिल हो गए। हैरानी की बात यह रही कि जिस वक्त यह पूरी वारदात अंजाम दी जा रही थी, घर के सदस्य बगल के कमरे में गहरी नींद में सो रहे थे। किसी को आहट तक नहीं लगी।

चोरों ने अलमारी का ताला तोड़ा और उसमें रखे लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवरात तथा करीब 12 हजार रुपए नकद लेकर फरार हो गए। सुबह जब परिवार की आंख खुली और दीवार में किया गया बड़ा छेद देखा गया, तो मानो पैरों तले जमीन खिसक गई।

इसे भी पढें  सपा के पूर्व विधायक की कथित मजार पर बुलडोजर, सरकारी जमीन कब्जाने की साजिश का खुलासा

पीड़ित परिवार ने थाने पहुंचकर सुनाई आपबीती

घटना के बाद पीड़ित सतीश यादव ने थाना बिजनौर पहुंचकर लिखित तहरीर दी और पुलिस को पूरी आपबीती सुनाई। परिवार का कहना है कि उनके लिए यह सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और सुरक्षित भविष्य पर पड़ा गहरा आघात है। शादी-ब्याह और आपात जरूरतों के लिए जो जेवर संभालकर रखे गए थे, वे सब एक ही रात में गायब हो गए।

लगातार चोरी की घटनाओं से ग्रामीणों में आक्रोश

सरोजिनी नगर क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में चोरी की घटनाएं अब अपवाद नहीं रहीं, बल्कि रोजमर्रा की सच्चाई बन चुकी हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते कुछ महीनों में सैकड़ों घरों में चोरी हो चुकी है, लेकिन पुलिस अब तक किसी बड़े गिरोह का खुलासा नहीं कर सकी है। इससे जनता में आक्रोश और असुरक्षा की भावना लगातार बढ़ रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब वे न्याय की उम्मीद लेकर थाने पहुंचते हैं, तो उनसे ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जैसे गलती उनकी ही हो। कई बार पीड़ितों को ही संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया जाता है, जिससे लोगों का भरोसा कानून-व्यवस्था से उठता जा रहा है।

इसे भी पढें  1 भेड़िया, 1 शूटर, 11 घंटे... माफिया हो या आदमखोर, सब मिट्टी में मिलाए जाएंगे,जंगल में कोहराम

नशा, ठेके और बढ़ता अपराध—एक खतरनाक गठजोड़

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, राजधानी लखनऊ में कई थानों के आसपास खुलेआम शराब के ठेके चल रहे हैं। इन ठेकों के आसपास दिन-रात नशेड़ियों और गजेडियों का जमावड़ा लगा रहता है। आरोप है कि ये नशेड़ी पुलिस के सामने ही सड़कों पर शराब पीते नजर आते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।

यही नहीं, गांजा, चरस, अफीम और देशी शराब जैसे नशीले पदार्थ परचून और पान की दुकानों तक पर आसानी से उपलब्ध बताए जा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार पुलिस को इसकी सूचना दी गई, लेकिन कार्रवाई के बजाय शिकायतकर्ता को ही प्रताड़ित किया गया।

112 डायल और थानों की मौजूदगी के बावजूद बेखौफ अपराधी

क्षेत्र में 112 डायल पुलिस और स्थानीय थानों की गश्त अक्सर दिखाई देती है, इसके बावजूद चोरी और नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। सवाल यह उठता है कि जब पुलिस की मौजूदगी में ही अपराध हो रहे हैं, तो आम नागरिक खुद को कितना सुरक्षित महसूस करेगा?

पुलिस प्रशासन पर उठते गंभीर सवाल

लगातार हो रही चोरी की घटनाओं और नशे के खुले कारोबार ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या कारण है कि अब तक किसी संगठित गिरोह का भंडाफोड़ नहीं हो सका? क्या अपराधियों को कहीं न कहीं संरक्षण मिल रहा है? ये सवाल अब सिर्फ ग्रामीणों के नहीं, बल्कि पूरे शहर की जनता के हैं।

इसे भी पढें  केशवजी गौड़िया मठ मथुरा से कामवन पहुंचे हजारों कृष्णभक्त, तीर्थराज विमलकुण्ड पर किया पूजन व परिक्रमा

संलग्न वीडियो देखें

नीचे दिए गए वीडियो में घटनास्थल और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया देखी जा सकती है, जिससे पूरे मामले की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है—

जनता की मांग—सख्त कार्रवाई और सुरक्षा

क्षेत्रीय लोगों की मांग है कि पुलिस प्रशासन केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित न रहे, बल्कि जमीन पर ठोस कदम उठाए। चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के साथ-साथ नशे के अवैध कारोबार को भी जड़ से खत्म किया जाए, ताकि आम नागरिक चैन की नींद सो सके।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

कासिम खेड़ा में चोरी की घटना कब हुई?

यह घटना 16 दिसंबर 2025 की रात को हुई, जब चोरों ने दीवार काटकर घर में प्रवेश किया।

चोरी में क्या-क्या सामान गया?

लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और लगभग 12 हजार रुपए नकद चोरी हुए।

पीड़ित परिवार ने क्या कार्रवाई की?

पीड़ित सतीश यादव ने थाना बिजनौर में लिखित तहरीर देकर न्याय की मांग की है।

स्थानीय लोगों की मुख्य मांग क्या है?

लोग चोरी की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई, नशे के अवैध कारोबार पर रोक और बेहतर पुलिस गश्त की मांग कर रहे हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top